बिहार: कोरोना संक्रमित ने एंबुलेंस में ही तोड़ा दम, परिजनों का आरोप- मिनिस्टर के आने की बात कह स्टाफ ने नहीं लिया एडमिट

राजधानी पटना के एनएमसीएच समय पर इलाज मिल जाता तो शायद लखीसराय निवासी रिटायर्ड फौजी विनोद कुमार सिंह (60) की जान बचाई जा सकती थी। कोरोना संक्रमित विनोद कुमार सिंह एनएमसीएच के कोविड वार्ड कैंपस के बाहर खड़ी एम्बुलेंस में ही इलाज के इंतजार में मंगलवार को दम तोड़ दिया। हलांकि उसी समय हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय एनएमसीएच वार्ड में एडमिट पेसेंट से मिलकर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ले रहे थे। 

बिहार: कोरोना संक्रमित ने एंबुलेंस में ही तोड़ा दम, परिजनों का आरोप- मिनिस्टर के आने की बात कह स्टाफ ने नहीं लिया एडमिट

पटना। राजधानी पटना के एनएमसीएच समय पर इलाज मिल जाता तो शायद लखीसराय निवासी रिटायर्ड फौजी विनोद कुमार सिंह (60) की जान बचाई जा सकती थी। कोरोना संक्रमित विनोद कुमार सिंह एनएमसीएच के  कोविड वार्ड कैंपस के बाहर खड़ी एम्बुलेंस में ही इलाज के इंतजार में मंगलवार को दम तोड़ दिया। हलांकि उसी समय हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडेय एमसीएच वार्ड में एडमिट पेसेंट से मिलकर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ले रहे थे। 
अभिमन्यु ने बताया कि उसने अपने पिता को गंभीर स्थिति में लखीसराय से एम्बुलेंस में लेकर सोमवार की शाम पटना एम्स पहुंचा था। डॉक्टरों ने एडमिट लेने से इंकार कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख एक प्राइवेट हॉस्पीटल ले गये, जहां डॉक्टरों ने गंभीर स्थिति का हवाला देते हुए एनएमसीएच ले जाने की सलाह दी। वह मंगलवार की सुबह एनएमसीएच पहुंचा तो स्टाफ ने यह कहते हुए एडमिटकरने से इंकार कर दिया कि अभी हेल्थ मिनिस्टर यहां आने वाले हैं। उनके जाने के बाद ही पेसेंट को एडमिट लिया जायेगा। 
अभिमन्यू ने कहा कि इस दौरान उन्होंने हॉस्पीटल के स्टाफ से कम से कम बरामदे में ही अपने पिता को रखने की बात कही लेकिन उन्हों‍्ने इंकार कर दिया। नतीजतन इस भीषण गर्मी में ही उनके पिता ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। जब पत्रकारों ने इस संबंध में हेल्थ मिनिस्टर से एनएमसीएच की लापरवाही की ओर ध्यान दिलाया तो वे अस्पताल में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा का हवाला देते हुए चुप हो गये।