बिहार:नल जल योजना में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को मिला करोड़ों का कांट्रेक्ट

बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को नल जल योजना में करोड़ों का कंट्रेक्ट मिला है। इस मामले पर आरजेडी व कांग्रेस ने सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी है। 

बिहार:नल जल योजना में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को मिला करोड़ों का कांट्रेक्ट
  • आरजेडी व कांग्रेस का CM नीतीश पर हमला

पटना। बिहार के डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को नल जल योजना में करोड़ों का कंट्रेक्ट मिला है। इस मामले पर आरजेडी व कांग्रेस ने सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी है। 

बिहार: चीफ सेक्रेटरी त्रिपुरारी शरण को फिर मिला तीन माह का एक्सटेंशन, सेंट्रल गवर्नमेंट ने दी मंजूरी

आरजेडी ने ट्वीट कर कहा कि डिप्टी सीएम के साले, बहू व रिश्तेदारों पर योजना की बरसात हुई है। सीएम नीतीश कुमार ख़ामोश क्यों हैं? नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि वे जो दिनरात गांधी जी के कोट्स पढ़ते-पढ़ाते हैं। क्या वो बस दिखावा मात्र है? कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने तारकिशोर प्रसाद पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए करोड़ों रुपये के ठेके अपने परिजनों को दिलवाने का आरोप लगाया है।आरजेडी कहा कि नल-जल योजना के तहत कटिहार में उन्होंने अपनी पुत्रवधू पूजा कुमारी को बड़ा कंट्रेक्ट दिलवाया है। 
तेजस्वी ने CM नीतीश कुमार को दी चुनौती: कहा- डिप्टी सीएम तारकिशोर पर करें कार्रवाई
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि वे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई करें। तेजस्वी ने कहा कि डिप्टी सीएम ने गलत तरीके से अपने परिवार और सहयोगियों को 53 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया है । सीएम कार्रवाई की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं।

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता के पैसे की लूट की जा रही है और इस लूट में बीजेपी और जेडीयू के नेता शामिल हैं। कहा कि क्या अब नीतीश कुमार को बिहार में भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा है। जब सृजन की फाइल खुलती है, तब नीतीश कुमार चुप्पी साध लेते हैं। आखिर डिप्टी सीएम पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है?

सात निश्चय का काम सिर्फ जेडीयू नेताओं को

तेजस्वी यादव ने तारकिशोर प्रसाद के मामले को लेकर जल्द ही बड़ा खुलासा करने की बात भी कही है। उन्होंने कहा कि बिहार में सरकारी योजनाओं में जमकर लूट और भ्रष्टाचार हो रहा है। सिर्फ जेडीयू के नेताओं को सात निश्चय का काम मिलता है। एक सिपाही के पास से जब 10 करोड़ रुपए बरामद होते हैं तो यह समझना मुश्किल नहीं कि बड़े अफसर व मिनिस्टर की कमाई कितनी होगी?

आरजेडी ने ट्वीट कर कहा कि डिप्टी सीएम के साले, बहू व रिश्तेदारों पर योजना की बरसात हुई है। सीएम नीतीश कुमार ख़ामोश क्यों हैं? नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि वे जो दिनरात गांधी जी के कोट्स पढ़ते-पढ़ाते हैं। क्या वो बस दिखावा मात्र है? कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने तारकिशोर प्रसाद पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए करोड़ों रुपये के ठेके अपने परिजनों को दिलवाने का आरोप लगाया है।आरजेडी कहा कि नल-जल योजना के तहत कटिहार में उन्होंने अपनी पुत्रवधू पूजा कुमारी को बड़ा कंट्रेक्ट दिलवाया है। पूजा कुमारी पीएचईडी में रजिस्टर्ड कंट्रेक्टर हैं और उनका पता जेबी निकेतन, मिर्चाईबाड़ी चौक, कटिहार दर्ज है। यह वही घर है जो डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के स्थाई निवास के तौर पर दर्ज है। पूजा कुमारी की कंपनी को एक करोड़ 60 लाख का ठेका मिला है।इसके अलावा दीप किरण इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को तीन करोड़ 60 लाख का ठेका मिला है। इस कंपनी के डायरेक्टर तारकिशोर प्रसाद के सगे साले प्रदीप कुमार भगत और सरहज किरण भगत हैं। 
कंट्रेक्ट सिर्फ नाते-रिश्तेदारों को ही नहीं मिले बल्कि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के आवास पर रह कर घरेलू कामकाज देखने वाले उनके घरेलू सहायकों की कंपनी को भी मिले हैं।कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जीवन श्री इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को नल-जल योजना के तहत कटिहार जिले का सबसे बड़ा कंट्रेक्ट 48 करोड़ रुपये का है। यह कंपनी तारकिशोर प्रसाद के घरेलू सहायक प्रशांत चंद्र जायसवाल, ललित किशोर प्रसाद और संतोष कुमार की है। अभी तक कुल 53 करोड़् के ठेकों का पता चल पाया है जो डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद की पुत्रवधू, साले और घरेलू सहायकों को मिला है।
पीएचईडी मंत्री ने कहा, पहली नजर में कोई गड़बड़ी नहीं
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान  कहा है कि डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के परिजन के हर घर नल का जल योजना में काम लेने के मामले में कोई गड़बड़ी नहीं है। अगर कोई शिकायत आई तो जरूर जांच करेंगे। लेकिन, सिर्फ इस बात के लिए जांच की कोई जरूरत नहीं है कि कंट्रेक्ट किसी राजनेता के परिजन ने लिया है।पासवान ने कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है। जन-प्रतिनिधियों के परिजन भी सरकारी टेंडर में आम लोगों की तरह हिस्सा ले सकते हैं। हां, हमें यह देखना होगा कि काम ठीक ढंग से हुआ कि नहीं। जहां तक कटिहार में इस योजना के कार्यान्वयन का सवाल है तो काम पूरा हो चुका है। घपले-घोटाले की कोई सूचना उनके संज्ञान में नहीं है।

2019 में हुआ था टेंडर, तब केवल एमएलए थे तारकिशोर प्रसाद

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के हिस्से की नल जल योजना का कुछ काम तारकिशोर प्रसाद के परिजनों को मिला था। यह टेंडर 2019 में हुआ था। उस समय तारकिशोर प्रसाद मात्र एमएलए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनकी बहू और बेटे ने टेंडर के आधार पर नल जल योजना का काम किया है। कारोबार करने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, उप मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने बेटे को साफ कह दिया कि वह सरकारी काम न ले। वैसे भी कटिहार में 28 सौ इकाइयों में इस योजना का काम हुआ है। इनमें से सिर्फ चार इकाइयों का काम हमारे परिजनों ने लिया।

गूगल से आइआइटी पटना के छह स्टूडेंट्स को मिला 54.50 लाख का पैकेज ऑफर
पटना। IIT  पटना के बीटेक के स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप के आधार पर कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने प्री-प्लेसमेंट आफर (पीपीओ) दिया है। ये सभी 2022 में पासआउट होंगे। गूगल ने सबसे अधिक 54.50 लाख सालाना का पैकेज छह स्टूडेंट्स को दिया है। 
एडोब, गोजेक, मीडिया.नेट और मोरगन ने एक-एक स्टूडेंट, क्लाउड आधारित अमेरिकी साफ्टवेयर कंपनी ने दो स्टूडेंट, निवेश बैंकिग फर्म गोल्डमैन सैक्स ने तीन, बीमा और स्वास्थ्य सेवा फर्म ऑप्टम ने सात, सैमसंग रिसर्च बेंगलुरु ने तीन, पब्लिसिस सैपिएंट ने तीन स्टूडेंट्स को पीपीओ की पेशकश की है। इन कंपनियों ने 25 से 53 लाख सालाना तक के ऑफर पीपीओ के अंतर्गत किये हैं। अब तक मिले पीपीओ का औसत 24 लाख सालाना का है।

प्लेसमेंट का पहला फेज सितंबर से दिसंबर तक चलेगा। जबकि, दूसरा फेज जनवरी से मार्च तक चलेगा। वर्ष 2020 में 19 स्टूडेंट्स को प्री-प्लेसमेंट आफर मिला था। इस वर्ष 78 परसेंट वृद्धि दर्ज की गई है। इन स्टूडेंट्स मई से जुलाई के बीच इन कंपनियों में इंटर्नशिप की है। इसके आधार पर कंपनियों ने ये आफर दिए हैं। सभी स्टूडेंट्स का आनलाइन इंटरव्यू के बाद ये आफर मिले हैं।

अभी प्लेसमेंट में वृद्धि का अनुमान:

आइआइटी के प्लेसमेंट अफसर कृपा शंकर ने बताया कि वर्ष 2022 की पूर्णकालिक भर्ती की प्रक्रिया अक्टूबर 2021 से गति पकड़ेगी। इस वर्ष भी प्री-प्लेसमेंट टाक, टेस्ट और इंटरव्यू सहित प्लेसमेंट प्रक्रियाएं वर्चुअल मोड में आयोजित की जायेंगी। पीपीओ देने वाली प्रमुख कंपनियों में गूगल, एडोब, मोरगन स्टेनले, सेल्सफोर्स, गोल्डमैन सैक्स, पब्लिशिप पेटिएंट, इंट्यूट, सैमसंग, मीडियानेट आदि शामिल हैं। वर्तमान में आइटी, वित्त, प्रबंधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों ने परामर्श, कोर, एनालिटिक्स आदि सेक्टर में 2022 में स्नातक करने वाले छात्रों के लिए विभिन्न डोमेन में प्री प्लेसमेंट आफर बढ़ायें हैं।
2021 के बैच के 239 स्टूडेंट्स का हुआ था कैंपस सलेक्शन
आइआइटी के जून 2021 में पासआउट होने वाले बैच के 239 स्टूडेंट्स का कैंपस सलेक्शन किया गया था। इसमें 50 से अधिक नई कंपनियों ने भाग लिया था। इसमें बीटेक के 140 से अधिक स्टूडेंट्स का कैंपस सेलेक्शन हुआ था। इसमें गूगल ने 54.57, एमटीएक्स ने 52.50, माइक्रोसाफ्ट ने बीटेक कंप्यूटर साइंस के छात्र को 43.50 लाख का पैकेज दिया था। साथ ही डीईशा ने 47.50 का पैकेज, माइक्रोसाफ्ट ने 43.50 लाख, जेम्स कार्ट, अमेजन, लैंड रोवर जगुआर, टापर ने 30 लाख रुपये से अधिक का पैकेज दिया था।
बिहार: प्राइमरी स्कूलों में 8386 शारीरिक शिक्षकों की होगी बहाली, नीतीश कैबिनेट की बैठक में 21 एजेंडों पर लगी मुहर 

पटना। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। प्राइमरी स्कूलों में 8386 शारीरिक शिक्षकों की बहाली को मंजूरी दी गयी है। 
कोरोना के सेकेंड वेव को देखते हुए वर्तमान शैक्षणिक सत्र में सरकारी और सरकार संपोषित स्कूीलों के बच्चों को विभिन्न योजनाओं की राशि देने के लिए उपस्थिति की अनिवार्यता को दूसरे साल भी शिथिल कर दी गई है। कैबिनेट की बैठक में सौ से अधिक छात्रों वाले प्राइमरी स्कूकलों में 8386 शारीरिक शिक्षा और स्वास्थ्य अनुदेशक की बहाली का फैसला किया गया। बहाली प्रक्रिया जल्द ही आरंभ हो जायेगी। बहाली सामान्य शिक्षकों की तरह नगर निकाय और पंचायत के माध्यम से की जायेगी। उन्हेंो 8000 रूपये मासिक की दर के वेतन दिया जायेगा।

सरकारी कर्मियों और पेंशनधारियों को मिलेगा बकाया डीए

बिहार के सरकारी कर्मियों और पेंशनधारियों को भी सरकार ने एकमुश्त बकाया डीए का भुगतान करने जा रही है। अक्टूबर में जुलाई और अगस्त महीने के वेतन के साथ बकाया डीए का भुगतान करने को मंजूरी दी गई।
इन जगहों पर शराब रखने की अनुमति
कैबिनेट ने बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद नियमावली 2021 को स्वीकृति दे दी है। इसमें मद्य निषेध से जुड़े कई नियमों को स्पष्ट किया गया है। इसके तहत अगर किसी परिसर में शराब का निर्माण, भंडारण, बोतल बंदी, बिक्री या आयात-निर्यात होता है, तो वैसे पूरे कैंपस को सीलबंद कर दिया जायेगा। मगर आवासीय परिसर में शराब मिलने पर सिर्फ चिह्नित भाग ही सीलबंद किया जाएगा न कि संपूर्ण परिसर। इसके अलावा छावनी क्षेत्र एवं मिलिट्री स्टेशन को शराब भंडारित करने की अनुमति होगी, मगर कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर किसी भी कार्यरत या सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को शराब रखने या उपभोग करने की अनुमति नहीं होगी।  
24 घंटे कैमरे की निगरानी में होगा एथनाल उत्पादन
प्रवधान के तहत, अनाज एथनाल उत्पादित करने वाली अनाज आधारित डिस्टलरी की गतिविधि 24 घंटे सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में संचालित होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि मादक द्रव्य से लदे वाहनों को राज्य सीमा में घोषित चेकपोस्ट से ही आने-जाने की अनुमति होगी। ऐसे वाहनों को हर हाल में 24 घंटे के अंदर राज्य की सीमा से बाहर निकल जाना होगा।  
90 दिनों के अंदर अधिहरण का देना होगा आदेश,
अधिहरण का प्रस्ताव मिलने पर कलक्टर सुनवाई का यथोचित अवसर प्रदान करते हुए प्रभावी पक्षकार की उपस्थिति में 90 दिनों के अंदर अधिहरण का आदेश पारित करेंगे। पहले क्राइम में बेल के लिए धारा 436 के प्रावधान लागू होंगे। डीएम के आदेश के विरुद्ध अपील दायर की जा सकेगी जिस पर आयुक्त उत्पाद को 30 दिनों के अंदर आदेश पारित करना होगा। पुनरीक्षण के लिए विभागीय सचिव को भी 30 दिनों के अंदर आदेश पारित करना होगा। उल्लेखनीयअब तक शराब मिलने पर पूरे घर को सील कर दिया जाता रहा है। लेकिन इस कानून के प्रभावी होने के बाद व्यरवस्थाक बदली रहेगी।


कैबिनेट के अन्य फैसले

राज्य कर्मियों के लिए 2022 की छुटियाँ मंजूर की गईं। उनके 20 दिनों के एक्छिक अवकाश तथा नेगोशिएबल इंस्ट्रूरूमेंट्स एक्ट के तहत 21 छुटियां मंजूर की गईं।
बिहार में लोहिया स्वच्छता अभियान के दूसरे चरण को भी मंजूरी दी गई।
बिहार पंचयात चुनाव की लाइव ब्रॉडकास्टिंग के लिए ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कन्सलटेंट इंडिया लिमिटेड को नामांकन के आधार पर नामित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
वाहन दुर्घटना के मुआवजा वादों के निपटारे के लिए अपर जिला परिवहन के दो, मोटर यान निरीक्षक का एक, उच्च वर्गीय लिपिक का एक व निम्नवर्गीय लिपिक का एक पद स्वीकृत किया गया। 


रांची: बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष की गोली मारकर मर्डर, एक घायल
                                                                                                         
रांची। झारखंड की राजधानी रांची में बुधवार की देर शाम भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के ग्रामीण जिला अध्यक्ष जीतराम मुंडा की बाइक सवार क्रिमिनलों ने गोली मारकर मर्डर कर दी। फायरिंग में बीजेपी लीडर राज किशोर भी घायल हो गये।जीतराम ओरमांझी के पुंदाग गांव के रहने वाले थे। उनका पुंदाग में एक होटल भी है।

बताया जाता है कि एक कार्यक्रम से लौटकर जीतराम अपने दोस्त राजकिशोर के साथ पालू स्थित आर्यन होटल में बैठे हुए थे। दोनो चाय पी रहे थे। इसी दौरान बाइक से दो क्रिमिनल पहुंचे। एक एनएच के दूसरी ओर बाइक लेकर खड़ा था। दूसरा क्रिमिनल रास्ता पार कर होटल में बैठे जीतराम के पास पहुंचा औऱ पीछे से फायरिंग कर दी। गोली जीतराम के गर्दन से होते हुए  छाती से निकली, जो राजकिशोर के अंगुली में लगी। इसके बाद क्रिमिनल दौड़ते हुए रास्ता पार किया और बाइक में बैठकर अपने साथी के साथ रांची की तरफ भाग निकला।होटल में मौजूद अन्य लोगों ने आनन-फानन में दोनो को मेदांता हॉस्पीटल ले गये,जहां डॉक्टर्स ने  जीतराम को मृत घोषित कर दिया। 
आपसी रंजिश में मर्डर की आंशका
घटना की जानकारी मिलने के बाद रुरल एसपी नौशाद आलम, डीएसपी और ओरमांझी थाना प्रभारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंच छानबीन की  पुलिस की प्रारंभिक जांच में आपसी रंजिश का मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि बीजेपी लीडर जीतराम का मनोज मुंडा नाम के व्यक्ति से काफी अरसे से विवाद चल रहा था। आशंका जतायी जा रही है कि मनोज ने ही जीत राम की मर्डर करवायी है।
सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा समेत कई पहुंचे मेदांता
घटना की जानकारी मिलने के बाद सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा, बीजेपी के संगठन मंत्री धर्म पाल सिंह, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, एक्स एमपी राम टहल चौधरी, एक्स एमएलए रामकुमार पाहन समेत  पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मेदांता हॉस्पीटल पहुंचे। मर्डर को लेकर लोगों में आक्रोश है। 

सेंट्रल मिनिस्टर अजुर्न मुंडा ने कहा है कि रांची जिला ग्रामीण एसटी युवा मोर्चा के अध्यक्ष की हत्या पूरी तरह प्रशासनिक विफलता का परिणाम है। पहले से ही जानलेवा हमले की आशंका थी। सूचना पूरे प्रशासनिक अमले को थी। उन्होंने हथियार के लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया था, लेकिन प्रशासन ने न तो उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई और न ही लाइसेंस दिया। सीएम  इस पूरे मामले की जांच कराएं और प्रशासनिक चूक को सार्वजनिक करें। 
एक्स सीएम रघुवर दास ने कहा कि प्रदेश कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। जनता की किसी को परवाह नहीं है। ऐसी स्थिति में भी सरकार अपनी पीठ ठोकने के अलावा दूसरा काम नहीं कर रही है। भाजपा अनुसूचित जनजाति जिला मोर्चा अध्यक्ष की हत्या अपराधियों के बढ़े मनोबल को दिखाती है। हम अक्षम सरकार को उखाड़ फेकेंगे।

कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष  बंधु तिर्की से बोले लातेहार डीसी, मुसलमान से आपकी दोस्ती सतही है...ऑडियो वायरल, कार्रवाई की मांग
रांची। लातेहार के डीसी अबु इमरान और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह विधायक बंधु तिर्की के बीच हुई बातचीत का वीडियो वायरल हो रहा है। डीसी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में बंधु तिर्की के दौरे कोअनावश्यक बताया। कहा कि वे मुस्लिम वोट से ही चुनाव जीतते है। डीसी के इस वक्तव्य पर बंधु तिर्की भड़क गये। उन्होंने कहा कि वे आदिवासी नेता है और असम तक जाते हैं, फिर यह तो अपना स्टेट ही हैं।
क्या है मामला
झारखंड के लातेहार जिले में सात आदिवासी बच्चों की मौत के बाद परिजनों को सांत्वना देने कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की वहां जाना चाह रहे थे। उन्होंने जिले के डीसी अबु इमरान को फोन मिलाया। मोबाइल का स्पीकर आन करके डीसी बात करने लगे। डीसी ने मुस्लिम इलाका बताकर एमएलए बंधु तिर्की को वहां जाने से रोकने की कोशिश की। बंधु तिर्की और डीसी अबु इमरान के बीच फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया है। बंधु तिर्की ने हालांकि इसे सामान्य बातचीत बताकर ज्यादा तूल देने से मना किया है। वहीं बीजेपी ने डीसी अबु इमरान पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

डीसी व एमएल के चीपूरी बातचीत
डीसी अबु इमरान : सेंसेटिव मामला है वहां पर।
बंधु तिर्की: क्या मतलब
अबु इमरान: आस पास वहां मुसलान का इलाका है।
बंधु तिर्की: अच्छा
अबु इमरान: 'बचाने वाला मुसलमान है, सीओ भी मुसलमान है, डीसी भी मुसलमान है। इसको दूसरा टर्न ले लेगा तो फिर मुसलमान काफी नाराज होगा।
बंधु तिर्की: काहे
अबु इमरान: एक पक्ष का आदमी अगर इतना विजिट करेगा तो नाराजगी होगा ना।
बंधु तिर्की: नहीं, नहीं, नहीं...
अबु इमरान: मुसलमान से आप लोगों का दोस्ती सिर्फ सतही है। कोई प्रशासनिक चूक तो नहीं हुआ है।आप लोग जो इतना आ रहे हैं वहां पर झूठमूठ का।
बंधु तिर्की: ऐसा है कि...
अबु इमरान: मतलब है कि आप लोग दोहरा रवैया रखते हैं।
बंधु तिर्की: ऐसा है ना डीसी साहब आई एम बंधु तिर्की, आई एम नॉट अनदर।
बंधु तिर्की: नो...नो...नो...
अबु इमरान: आपको तो मुसलमान ही ना जिताता है।
बंधु तिर्की: कौन जिताता है ये आपको बोलने का बात नहीं है, ये बेकार बात मत बोलिए, ना हम ट्राइबल के ई में हैं...असाम तक जाते हैं, तो बालूमाथ का क्या बात है।
अबु इमरान: ठीक है
बंधु तिर्की: बेकार की बात नहीं, जो काम है उसे कीजिए। क्या करना है क्या नहीं दैट इज आवर रेस्पॉन्सबिलिटी।
अबु इमरान: ठीक...चलिए ठीक...ठीक...


हालांकि डीसी का कहना है कि उनकी ओर से एमएलए से बातचीत के दौरान कोई ऐसी आपत्तिजनक बयान नहीं दिया गया, जिससे किसी की भावना आहत होती हैं। उन्होंने सिर्फ माहौल को हल्का बनाने के लिए दु:ख की इस घड़ी मृतक के आश्रितों को हरसंभव सहायता और गांव के विकास का भरोसा दिलाया  था।

इधर, विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिकीर् ने इस मामले को ज्यादा तूल नहीं देने का आग्रह करते हुए कहा कि जनसमस्याओं और लोगों की मुश्किलों के हल को लेकर वे क्षेत्र का दौरा करते है। इसे राजनीतिक रूप नहीं दिया जाना चाहिए।
रघुवर दास ने डीसी को सस्पेंड करने की मांग की
एक्स सीएम रघुवर दास ने बुधवार को लातेहार डीसी अबु इमरान को तत्काल निलंबित करने की मांग गवर्नर से की है। रघुवर दास ने गवर्नर को भेजे पत्र में कहा है कि इंटरनेट मीडिया में एक ऑडियो-वीडियो वायरल हुआ है। इसमें एमएल बंधु तिर्की और लातेहार के डीसी अबु इमरान की तथाकथित बातचीत है।
उन्होंने कहा है कि अत्यंत दुखद है कि कुछ दिन पूर्व झारखंड के लातेहार जिला में करम पूजा के दौरान आदिवासी समाज की सात छोटी बच्चियां डूब गई थी। इस घटना के संबंध में वहां के डीसी पीड़ित परिवार को सहयोग करने की बजाय इस वायरल ऑडियो-वीडियो में राज्य के एक जनप्रतिनिधि को धर्म के नाम पर अपने कर्तव्य और कार्य से रोकने का प्रयास कर रहा है। इतना ही नहीं, वे जनप्रतिनिधि को लातेहार जिला में न आने की सलाह दे रहे हैं।

रघुवर दास ने कहा कि आइएएस अफसर अबु इमरान इस बात की दुहाई दे रहे हैं कि कांग्रेस के विधायक मुसलमानों के वोट पर ही जीत कर आये हैं। कहने का मतलब है कि यदि मुसलमान कांग्रेस को वोट नहीं करते तो कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं जीत पाती। डीसी एमएलए को यह भी समझा रहे हैं कि क्योंकि वहां का डीसी, वहां का बीडीओ और गांव वाले सभी मुसलमान हैं, इसलिए एमएलए का वहां पर आना अनुचित होगा। 
झारखंड: गबन मामले में एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो को बड़ी राहत, 27 लाख रुपये जमा करने की शर्त पर हाई कोर्ट ने दी अग्रिम जमानत
रांची। जारखंड के एजुकेशन मिनिस्टर दगरनाथ महतो को गबन के एक मामले में बुधवार को हाई कोर्ट सेसे बड़ी राहत मिली। हाई कोर्ट ने जगरनाथ महतो को अग्रिम जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है। 
केस के कंपलेनेंट डेग लाल राम के एडवोकेच राधेश्याम गोस्वामी व राहुल कुमार ने बताया कि कोर्ट ने मिनिस्टर को 27 लाख रुपये  जमा करने की शर्त पर बेल पर मुक्त करने का आदेश दिया है। इसके पूर्व 27 अगस्त को धनबाद एमपी एमएलए के विशेष न्यायाधीश अखलेश कुमार की अदालत ने मंत्री समेत अन्य आरोपीयों की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी । 28 सितंबर को आरोपितों के विरुद्ध वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई की तारीख निर्धारित है।

गिरिडीह डीसी के यहां जमा करनी 27 लाख


एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो की ओर से पक्ष रखने वाले अधिवक्ता एके साहनी और अजीत कुमार ने बताया कि कोर्ट ने 27 लाख की राशि गिरिडीह डीसी के यहां जमा करने का निर्देश दिया है। उक्त राशि लोअर कोर्ट में इस मामले के निष्पादन तक जमा रहेगी। उनकी ओर से कोर्ट को बताया गया कि गवर्निंग बॉडी अध्यक्ष होने के नाते कालेज से संबंधित किसी भी लेनदेन में उनका कोई रोल नहीं है। इसलिए उन पर गबन का मामला नहीं बनता है। जिसको देखते हुए कोर्टने उन्हें अग्रिम जमानत की सुविधा प्रदान की है।

कालेज में गबन का है आरोप

शिकायतवाद के अनुसार झारखंड कॉमर्स इंटर कॉलेज डुमरी के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने 9 फरवरी 17 को कॉलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो, फूलचंद महतो, रामेश्वर प्रसाद यादव, रविंद्र कुमार सिंह ,प्रताप कुमार यादव ,मोती लाल महतो, राजेंद्र महतो के विरुद्ध कॉलेज की 27 लाख रुपये की राशि षड्यंत्र के तहत एक दूसरे से मिली भगत कर गबन करने का आरोप है। मामले में  शिकायतवाद संख्या 179/17 दर्ज कराया गया था। 27 जून 19 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह रंजय कुमार की कोर्ट  ने उपरोक्त सभी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया आरोप सही पाते हुए सभी आरोपितों के विरुद्ध सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया था। सम्मन के बाद भी आरोपीत हाजिर नहीं हुए थे लिहाजा अदालत ने 20 जनवरी 20 को मंत्री जगरनाथ समेत सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।

पूर्व में हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
जगरनाथ महतो समेत अन्य आरोपियों ने लोअर कोर्ट द्वारा 27 जून 19 को पारित आदेश को चुनौती दी थी। पूरे आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की प्रार्थना की थी। परंतु हाई कोर्ट ने भी राहत देने से इनकार किया था। रिट याचिका दो अगस्त को खारिज कर दी थी।

जलेश्वर को सरकार ने गुंडागर्दी की छूट दी, बाघमारा में पुलिस नाच रही इशारे पर: ढुल्लू महतो
जिला प्रशासन के सहयोग से बाघमारा को कर रहे हैं अशांत 
स्टेट गवर्नमेंट व जिला प्रशासन का अलग-अलग कानून
धनबाद। बाघमारा एमएलए ढुल्लू महतो ने आरोप लगाया है कि स्टेट गवर्नमेंटव जिला प्रशासन बाघमारा में अलग-अलग कानून चला रहे हैं। नदखुरकी कोल डंप में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो के गुंडों ने लाठी चलाकर दलित-गरीबों के हाथ-पैर तोड़ दिये। जलेश्वर महतो के गुंडों द्वारा नदखरकी कोल डंप पर मारपीट कर जो तांडव किया है, उसे जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। जिला प्रशासन की दोहरी नीति के कारण आज जिले में विधि व्यवस्था चरमरा गई है। लगातार हो रही हत्या, लूट व बमबारी की घटना के कारण बाघमारा अशांत हो गया है।.ढुल्लू बुधवार को कतरास बीजेपी ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे। 
ढुल्लू ने कहा कि कोलडंप पर मारपीट के शिकार बाघमारा थाना गये तो पुलिस सुनवाई नहीं की।  बाघमारा एसडीपीओ को 10 बार फोन लगाया, पर रिस्पांस नहीं मिला। जब एसपी से बात की तो पीड़ित पक्ष का कंपलेन लिया गया। पुलिस दूसरे पक्ष से तुरंत कंपलेन लेकर दलितों पर क्रिमिनल केसदर्ज कर दी।  एमएलए ने कहा कि बाघमारा के थानेदार सूबेदार यादव ने थाना को राजद का कार्यालय बना दिया है। यहां दलित-गरीबों के साथ अन्याय किया जाता है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की दोहरी नीति के कारण आज जिले में विधि व्यवस्था चरमरा गई है। लगातार हो रही हत्या, लूट व बमबारी की घटना के कारण बाघमारा अशांत हो गया है। इसके खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन किया जायेगा। वह कानून की इस दोहरी नीति के खिलाफ पीएम, गृहमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखेंगे.
ढुल्लू ने कहा  जलेश्वर महतो में दम है, तो मजदूरों को रोजगार दिलाकर लोडिंग दर बढ़ाये। उन्होंने कहा कि चैतुडीह आउटसोर्सिंग कंपनी में 144 लगने बावजूद वहां कांग्रेस समर्थकों द्वारा काम बंद कराया गया, गोली व बमबारी की गई, लेकिन केस नहीं दर्ज किया गया। बाघमारा, लोयाबाद और कतरास में सड़क जाम करने पर भी एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। कोरोना काल में कांग्रेस समर्थकों ने सिनीडीह में सड़क जाम किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर प्रशासन निष्पक्ष जांच कर केस वापस नहीं लेती है, तो हमलोग आंदोलन को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भुइयां व चौहान समाज की महिलाओं पर जलेश्वर महतो द्वारा की गयी टिप्पणी पर निदनीय है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए। 
मौके पर बीजेपीके जिला मंत्री महेश पासवान, मंडल अध्यक्ष भरत शर्मा, बलविदर सिंह, सूर्यदेव मिश्रा, कंचन चौरसिया, फिरोज राज, प्रकाश राम गुप्ता, श्यामकिशोर कल्लू, मुकेश झा, बमबम शर्मा, सोनू शर्मा आदि उपस्थित थे।