बिहार: फेमस चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर उत्पल कांत का निधन, कहे जाते थे 'बच्चों के भगवान'

बिहार की राजधानी पटना के फेमस चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ उत्पल कांत (70) का गुरुवार को इलाज के दौरान गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पीटल में निधन हो गया। उनके निधन के बाद बिहार के सियासी गलियारे तक में भी शोक की लहर है। डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ सौरव पटना के बिक्रम से एमएलए हैं

बिहार: फेमस चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर उत्पल कांत का निधन, कहे जाते थे 'बच्चों के भगवान'
डॉ उत्पल कांत(फाइल फोटो)।

पटना। देश व प्रदेश के फेमस चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ उत्पल कांत (70) का गुरुवार को इलाज के दौरान गुरुग्राम के मेदांता  हॉस्पीटल  में निधन हो गया। बिहार में 'बच्चों के भगवान' के नाम से फेमस उत्पल कां के निधन के बाद बिहार के सियासी गलियारे तक में भी शोक की लहर है। डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ सौरव पटना के बिक्रम से MLA हैं। लेकिन आज भी उनकी पहचान अपने पिता के नाम से ही होती है। संभवत: आगे भी उन्हीं के नाम से होती रहेगी।

डॉ. उत्पलकांत सिंह पेट के कैंसर से पीड़ित थे।आंतरिक रक्तस्राव होने पर उन्हें चार दिन पूर्व एयर एंबुलेंस से मेदांता भेजा गया था।पिछले साल उन्होंने मेदांता में ही गैस्ट्रिक कॉर्सिनोमा की सर्जरी कराई थी।डॉ. उत्पलकांत सिंह अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गये हैं। एक पुत्र सिद्धार्थ बिक्रम से कांग्रेस एमएलए हैं। दूसरे पुत्र सीहर मुंबई में रहते हैं। डॉ. पुत्री फैमिली के साथ न्यूयार्क में रहती हैं। डॉ. उत्पलकांत सिंह ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) के माध्यम से बच्चों के उत्कृष्ट इलाज व उनके कल्याण के लिए सभी कार्य किये थे।

पीएमसीएच और लंदन में पढ़े, एनएमसीएच में थे एचओडी

पटना के बिहटा ब्लॉक अमहरा गांव निवासी डॉ. उत्पलकांत सिंह ने पीएमसीएच से एमबीबीएस व एमडी किया था। इसके बाद उन्होंने लंदन से रिकॉर्ड कम समय में एमआरसीपी और एफआरसीपी किया था। वहां से लौटने के बाद उन्होंने पीएमसीएच में टीचर के रुप में  ज्वाइन किया। प्रोफेसर बने। इसके बाद एनएमसीएच में वे शिशु रोग के एचओडी रहे।

बच्चों के भगवान कहे जाते थे डॉक्टर उत्पल कांत

बिहार-झारखंड के बेस्ट चाइ स्पेशलिस्ट होने के बावजूद वे विभिन्न जिलों में कैंप लगाकर बच्चों का फ्री इलाज करते थे। बिक्रम इलाके के बच्चों का भी वे फ्री इलाज करते थे।राजधानी पटना ही नहीं पूरे बिहार में अगर किसी के बच्चे की तबीयत खराब होती थी तो दशकों के एक ही नाम सबकी जुबान पर आता था वह  डॉक्टर उत्पल कांत का। लोग कहते थे  बच्चों की बीमारी चाहे कितनी भी बड़ी हो... डॉक्टर साहब यानि उत्पल कांत सब ठीक कर देंगे। ये विश्वास हर माता-पिता को रहता था। बिहार में आज भी ऐसे कई युवा हैं जो कहते हैं कि बचपन में उन्हें उत्पल कांत ने ही बचाया। राजधानी पटना में सैंकड़ों ऐसे लोग है जो कहते हैं कि बचपन में जब भी उनकी तबीयत खराब होती थी तो उनके माता-पिता बगैर समय गंवाए डॉक्टर साहब यानि उत्पल कांत के पास ले जाते थे। पता नहीं डॉक्टर साहब के हाथों में ऐसा क्या जादू था कि कई बार नब्ज पकड़ते ही रोग छूमंतर हो जाता था।

पटना के अमहरा गांव के निवासी थे डॉक्टर उत्पल कांत

डॉक्टर उत्पल कांत पटना से सटे बिहटा ब्लॉक के अमहरा गांव के रहने वाले थे। गांव के लोगों का कहना कि उत्पल कांत कई बार गरीब बच्चों का फ्री में इलाज करते थे। अगर उन्हें पता चल जाता था कि फलां बच्चे के माता पिता कर्ज लेकर इलाज कराने आये हैं तो वो अपनी पूरी फीस ही माफ कर दिया करते थे। वह जब भी अपने गांव अमहरा आते थे तो बीमार बच्चों पर जरुर ध्यान देते थे। पटना के नाला रोड के उनके क्लिनिक में कई बार तो ऐसी फोटो  दिखती थीं जब मां-पिता अपने बीमार बच्चे के ठीक हो जाने के बाद उन्हें दुआएं देते बाहर निकलते थे।

MLA बेटे को इलाके के लोगों ने दिल खोलकर दिया वोट

डॉक्टर उत्पल कांत के बेटे सिद्धार्थ बिक्रम से कांग्रेस के एमएलए हैं। वर्ष 2015 की विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र के वोटरों ने सिद्धार्थ को हाथों हाथ लिया था। लोग कहते हैं कि सिद्धार्थ को कांग्रेस पार्टी के नाम पर नहीं बल्कि बीजेपी के गढ़ बिक्रम में उनके पिता डॉ उत्पल कांत के चलते वोटों से तौल दिया गया। डॉक्टर पिता की नेकी ऐसी थी कि मैदान में खड़े होने पर उन्हें गरीब-अमीर सबका वोट मिला। वह इस बार भी चुनाव जीते हैं।

सेंट्रल मिनिस्टर गिरिराज सिंह ने डॉक्टर उत्पल कांत के निधन पर शोक  जताया है।एक्स सीएम जीतनराम मांझी नेडॉक्टर उत्पल कांत के साथ पुरानी यादेंशेयर की है। एक्स मिनिस्ट नीरज कुमार, आरजेडी के एक्स एमपी जयप्रकाश नारायण यादव ने भी डॉक्टर उत्पल कांत के निधन पर शोक जताया है।