धनबाद: CID ने निरसा गांजा तस्करी में ECL स्टाफ को फंसाने के मामले में चार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया

ID ने निरसा में गांजा प्लांट कर बंगाल के इसीएल स्टाफ चिरंजीत घोष को झूठे मुकदमे में फंसाये जाने के मामले में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। केस के आइओ सीआइडी डीएसपी अभिषेक कुमार ने प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। उक्त मामले में जेल में बंद कतरास निवासी नीरज कुमार तिवारी, तेतुलमारी थाना के गनडुबा बस्ती निवासी रवि कुमार ठाकुर, वेस्ट मुदीडीह निवासी सुनील कुमार चौधरी उर्फ सुनील पासी व बंगाल के कोल कारोबारी राजीव राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है।

  • नीरज तिवारी, रवि ठाकुर, सुनील पासी व बंगाल के कोल कारोबारी राजीव राय के खिलाफ चार्जशीट 

धनबाद। CID ने निरसा में गांजा प्लांट कर बंगाल के इसीएल स्टाफ चिरंजीत घोष को झूठे मुकदमे में फंसाये जाने के मामले में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल कर दी है। केस के आइओ सीआइडी डीएसपी अभिषेक कुमार ने प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश बसंत कुमार गोस्वामी की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। उक्त मामले में जेल में बंद कतरास निवासी नीरज कुमार तिवारी, तेतुलमारी थाना के गनडुबा बस्ती निवासी रवि कुमार ठाकुर, वेस्ट मुदीडीह निवासी सुनील कुमार चौधरी उर्फ सुनील पासी व बंगाल के कोल कारोबारी राजीव राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। सीआइडी ने मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ पूरक अनुसंधान जारी रखने का उल्लेख किया है।
क्या है मामला
निरसा पुलिस स्टेशन एरिया के देवियाना मोड़ पर वर्ष 2019 की 24 अगस्त की रात पुलिस ने एक टवेरा से 39 किलो गांजा बरामद किया था। गुप्त सूचना के आधार पर रात को चेकिंग में निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा व इंस्पेक्टर सह निरसा के तत्कालीन ओसी उमेश कुमार सिंह पुलिस बल के साथ चेकिंग में थे। इसी दौरान गांजा लदी गाड़ी पकड़े जाने की बात कही गयी। निरसा इंस्पेक्चर उमेश सिंह की कंपलेन पर  इसीएल स्टाफ चिरंजीत घोष को गांजा तस्करी का किंगपिन बताते हुए नेम्ड एफआइआर दर्ज किया गया। हालांकि पुलिस के मौके से गाड़ी में कोई नहीं मिला था। पुलिस ने गाड़ी ऑनर व ड्राइवर को भी आरोपी बनाया था। पुलिस को गाड़ी के ऑनर का पता नहीं चला लेकिन एक पखवारे के अंदर आनन-फानन में इसीएल स्टाफ चिरंजीत को अरेस्ट कर जेल भेज दी। इस साजिश में  बंगाल व निरसा के पुलिस अफसरों  की मिलीभगत थी।

चिरंजीत की पत्नी सह बंगालजेल पुलिस की कांस्टेबल ने मामले की  कंपलेन बंगाल व झारखंड के डीजीपी से की। पुलिस अपनी गर्दन फंसते देक आनन-फानन में चिरंजीत के खिलाफ कोर्ट में नो एवीडेंस रिपोर्ट दाखिल की। चिरंजीत को बेल मिल गयी। झारखंड में सत्ता बदलने  के बाद डीजीपी भी बदले गये। नये डीजीपी तक मामले की कंपलेन पहुंची तो उन्होंने सीआइडी को जांच सौंप दी। सीआइडी जांच में कथित स्पाई व कोल कारोबारी की पुलिस की मिलीभगत से बेकसूर ईसीएल स्टाफ चिरंजीत को गांजा तस्करी के फरजी केस में फंसाने का मामला उजार हुआ।