धनबाद: सेल चासनाला कोलियरी डिवीजन में ही रहना चाहते हैं डीजीएम आदित्य सिंह, एक्सटेंशन के लिए नोटशीट भेजी गयी ईडी ऑफिस

सेल की आरएमडी गुआ से एक साल के डिपुटेशन पर आये सेल की चासनाला कोलियरी डिवीजन में आये डीजीएम (इनवायरमेंट) आदित्य सिंह अब वापस लौटना नहीं चाहते हैं। एक साल की अवधि पूरा होते ही वह लीव पर चले गये हैं। आदित्य सिंह को एक्टेंशन देकर चासनाला में ही रोकने की तैयारी कर ली गयी है। 

धनबाद: सेल चासनाला कोलियरी डिवीजन में ही रहना चाहते हैं डीजीएम आदित्य सिंह, एक्सटेंशन के लिए नोटशीट भेजी गयी ईडी ऑफिस
  • गुआ से आये एक साल के डिपुटेशन पर, टाइम पूरा होते ही लग गये जुगाड़ में
  • लीव पर चल रहे है डीजीएम, नियमों की अनदेखी कर एक्सटेंशन की फाइल बढ़ी

धनबाद। सेल की आरएमडी गुआ से एक साल के डिपुटेशन पर आये सेल की चासनाला कोलियरी डिवीजन में आये डीजीएम (इनवायरमेंट) आदित्य सिंह अब वापस लौटना नहीं चाहते हैं। एक साल की डिपुटेशन अवधि पूरा होते ही वह लीव पर चले गये हैं। आदित्य सिंह को एक्टेंशन देकर चासनाला में ही रोकने की कार्रवाई की जा रही है।

बताया जाता है कि नियमों की अनदेखी कर आदित्य सिंह को एक्टेंशन देने संबंधी नोटशीट सीजीएम के साइन से आगे बढ़ायी गयी है। नोटशीट व फारवाडिंग को काफी गोपनीय रखा गया है। नियमानुसार सीजीएम कोलियरी के साइन से नोटशीट आगे बढ़नी चाहिए थी। आरोप है कि सीजीएम प्रोजेक्ट के माध्यम से फाइल बढ़ायी गयी है। सीजीएम प्रोजेक्ट चंद माह में रिटायर होने वाले हैं। आनन-फानन में पर्सनल डिपार्टमेंट की मदद लेकर नोटशीट भिजवाया गया है। 
जानकार सूत्रों का कहना है कि डिपुटेशन अवधि समाप्त होने के चंद दिन पहल् आदित्य सिंह की लीव मंजूरी की गयी है। यह नियमों की अनदेखी है। डिपुटेशन अवधि समाप्त होने के करीब नियमानुसार लीव नहीं मिलनी चाहिए थी। आरोप लग रहा है कि डीजीएम आदित्य सिंह के करीबी रिलेटिव पसर्नल सेक्शन में अफसर हैं। अपने संबंधी की मदद से नियमों की अनदेखी कर फाइल ईडी को भेजी गयी है। ईडी व कॉरपोरेट में मामले को लेकर कंपलेन पहुंच गयी है।  कहा गया है कि वेबवजह पहुंच व पैरवी के बल पर एक्सटेंशन दिलाने की कोशिश हो रही है।मामले में विजीलेंस व सीबीआइ तक भी कंपलेन करने की तैयारी में हैं। 
क्या है मामला
आदित्य सिंह पहले चासनाला कोलियरी डिवीजन में ही पोस्टेड थे। प्रमोशन के बाद तीन साल पहले ही सेल की आरएमडी डिवीजन गुआ भेजा गया था। प्रमोशन के साथ पनिसमेंट के तहत उनका गुआ ट्रांसफर हुआ था। आरोप था कि उन्होंने जो डिप्लोमा सर्टिफिकेट जमा किया है वह एएसई का है। पैरवी व पहुंच के बाल पर चासनाला कोलियरी डिवीजन में आवस्यकता दिखाककर एक साल के लिए आदित्य सिंह को डिपुटेशन पर भेजा गया है।15 नवंबर 2020 तक ही डिपुटेशन था। चासनाला में ज्वाइनिंग के साथ-साथ उन्हें 15 नवंबर का रिलीज लेटर दे दिया गया। लेटर में कहा गया था कि 15 नवंबर के बाद वह स्वत: रिलीज समझे जायेंगे। बावजूद आदित्य सिंह रिलीज नहीं हुए लीव लेकर डिपुटेश को एक्टेंशन कराने में लगे हैं।