धनबाद: mineral research व डिजिटल माइनिंग में साथ काम करेंगे आइआइटी आइएसएम-सीआइएल

CIL ने आइआइटी आइएसएम धनबाद के साथ आइएसएम परिसर में सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए मंगलवार को एमओयू पर साइन किया। इसमें सीआइएल के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भविष्य के टेक्नोक्रेट्स तैयार करने, इनोवेशन, उद्यमशीलता और स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता दी जायेगी।

धनबाद: mineral research व डिजिटल माइनिंग में साथ काम करेंगे आइआइटी आइएसएम-सीआइएल
  • सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए एमओयू पर साइन

धनबाद। CIL ने आइआइटी आइएसएम धनबाद के साथ आइएसएम परिसर में सीआइएल इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए मंगलवार को एमओयू पर साइन किया। इसमें सीआइएल के प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भविष्य के टेक्नोक्रेट्स तैयार करने, इनोवेशन, उद्यमशीलता और स्टार्टअप के लिए वित्तीय सहायता दी जायेगी।

यह सेंटर डीन (इनोवेशन, इनक्यूबेशन और आंत्रप्रन्योरशिप) के तत्वावधान में चलेगा। इस एग्रीमेंट के आधार पर सीआइएल के बीसीसीएल, सीसीएल और एनसीएल जैसे कोयला कंपनियों में खनिज अनुसंधान और इनोवेशन की तकनीक आइआइटी-आइएसएम उपलब्ध करायेगा। कोल इंडिया के डिजिटल माइनिंग, सस्टेनेबल माइनिंग, रिन्यूएबल एनर्जी, सेफ एंड स्मार्ट माइनिंग को बढ़ावा देने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों को भी शामिल किया जायेगा। इसकी पूरी फंडिंग कोल इंडिया करेगी। इसके जरिए देश में नवाचार के विकास और प्रसार में तेजी लाने के लिए एक समान तरीके से अनुकूल वातावरण, बुनियादी ढांचा सुविधाएं और अन्य मूल्य वर्धित सेवाएं प्रदान करना है। 
एमओयू पर कोल इंडिया के डीटी बिनय दयाल और आइआइटी आइएसएम के डायरेक्टर प्रो राजीव शेखर ने साइन किए। सीआइएल प्रमोद अग्रवाल ने समारोह की अध्यक्षता की। यह एमओयू साइन करने की डेट से पांच साल तक वैध होगा।

वैकल्पिक उर्जा संसाधनों की होगी तलाश

वर्तमान में कोयले की माइनिंग की जा रही है। इससे हटकर माइनिंग की बेहतर तरीके पर इनोवेशन किया जायेगा। इसमें डिजिटल माइनिंग काफी अहम है। सेफ्टी माइनिंग पर विशेष फोकस किया जायेगा। ज्यादा से ज्यादा रोजगार का सृजन हो, इसका भी ख्याल रखा जायेगा। यह केंद्र स्टार्ट-अप को बढ़ावा के लिए काम करेगा। इसमें सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स, खान स्वचालन और प्रक्रिया नियंत्रण, मोबाइल और सूचना प्रौद्योगिकी, खनन प्रक्रिया, प्रौद्योगिकी, खान मशीनरी में इनोवेशन, सॉफ्टवेयर आधारित सिमुलेशन और अनुकूलन, ब्लाक चेन- वैकल्पिक ऊर्जा संसाधन (सौर प्रौद्योगिकी के इनोवेशन सहित, आफ-ग्रिड सिस्टम के लिए भंडारण बैटरी), कार्बन न्यूट्रलिटी के लिए स्वच्छ ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण आदि पर काम होगा। 
सीआइएल कर्मचारियों, ठेका श्रमिकों एवं छात्रों के लिए नवीनतम इनोवोशन और डिजाइन भी तैयार किया जायेगा। समय-समय पर नवीनतम तकनीकी की प्रगति और खनन क्षेत्र में संभावनाओं को लेकर कार्यशाला, सेमिनार, टेकफेस्ट जैसे वार्षिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक समाचार भी प्रकाशित होगा।

मौके पर सीआइएल चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल, डीटी बिनय दयाल, सीआइएल के डीटी एमके सिंह, डा एमके मिश्रा, जीएम बबलू पोरेल , पीआर प्रसाद, चंद्रशेखर सिंह, आइआइटी आइएसएम से डायरेक्टर प्रो राजीव शेखर, धीरज कुमार डीन (इनोवेशन, इनक्यूबेशन और आंत्रप्रन्योरशिप), प्रो एके मिश्रा विभागाध्यक्ष (खनन इंजीनियरिंग), प्रो एआर दीक्षित विभागाध्यक्ष (मैकेनिकल इंजीनियरिंग), प्रो पंकज मिश्रा, प्रो अजीत कुमार एवं रजनी सिंह, एसोसिएट डीन मीडिया और ब्रांडिंग उपस्थित थे।