Dhanbad Judge Murder Case: पाथरडीह थानेदार सस्पेंड, ऑटो चोरी की दर्ज की थी फर्जी FIR,ऑटो मालिक अरेस्ट

धनबाद के एडीजे-8 उत्तम आनंद की मौत के मामले में पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि जज को धक्का मारने वाला ऑटो की चोरी की फरजी एफआइआर दर्ज की गयी थी। वहीं पुलिस ने ऑटो मालकिनसुगनी देवी के हसबैंड रामदेव लोहार को भी अरेस्ट कर लिया है। 

Dhanbad Judge Murder Case: पाथरडीह थानेदार सस्पेंड, ऑटो चोरी की दर्ज की थी फर्जी FIR,ऑटो मालिक अरेस्ट
सब इंस्पेक्टर उमेश मांझी।

धनबाद। धनबाद के एडीजे-8 उत्तम आनंद की मौत के मामले में पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोप है कि जज को धक्का मारने वाला ऑटो की चोरी की फरजी एफआइआर दर्ज की गयी थी। वहीं पुलिस ने ऑटो मालकिनसुगनी देवी के हसबैंड रामदेव लोहार को भी अरेस्ट कर लिया है। 

ऑटो मालकिन का हसबैंड रामदेव

एसएसपी संजीव कुमार ने उमेश मांझी को सस्पेंड किये जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। सुगनी देवी के ऑटो से जज उत्तम आनंद को 28 जुलाई को धक्का मारा गया था। सुगनी देवी का ऑटो 27 जुलाई की रात चोरी होता है। इसकी एफआइआर पाथरडीह पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है। इसी मामले में लापरवाही के आरोप में थानेदार को सस्पेंड किया किया गया है।पुलिस ऑटो मालिक रामदेव लोहार को अरेस्ट करने के बाद साजिश का सच पता लगाने में जुट गई है।इस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसका दोस्त राहुल वर्मा पहले ही अरेस्ट हो चुका है। अब सबको आमने-सामने बिठाकर पुलिस पूछताछ करेगी।

पुलिस ने चासनाला कामनी कल्याण स्थित भौरी खटाल समीप व पाथरडीह गुलगुलिया पट्टी के रामदेव लोहार को उसके घर से शनिवार की रात अरेस्ट किया गया। डीएसपी के साथ पुलिस रामदेव को रात में ही धनबाद लाकर सीनीयर अफसरों के समक्ष पेश किया। अब  उससे एसआईटी पूछताछ कर रही है।ऑटो के पुराने ड्राइवर बुढ़वा उर्फ गोपाल स्वर्णकार ने खुलासा किया था कि रामदेव लोहार ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और राहुल वर्मा के साथ मिल कर ऑटो का इंश्योरेंस लेने की साजिश रची थी। रामदेव के कहने पर ही दोनों ऑटो को ठिकाने लगाने गिरिडीह ले जा रहे थे। एसआईटी का मानना है कि रामदेव जज की मौत मामले में कुछ नया खुलासा कर सकता है। यदि साजिशन जज की मर्डर हुई है तो रामदेव इस मामले की अहम कड़ी हो सकता है। रामदेव लोहार पर 90 के दशक में लूट और चोरी के कई मामले दर्ज हुए थे। उस पर शराब का गोरखधंधा करने का भी आरोप लग चुका है। वह पहले भी जेल जा चुका है।

दर्जनों ऑटो जब्त

जिले में क्रिमिनलों के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बतायीजा रही है। इसके पहले अब तक धनबाद में इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही इतने बड़े पैमाने पर क्रिमिनलों को कस्टडी में लिया गया है। हालांकि समय-समय पर वारंटियों को पकड़ने के लिए एस ड्राइव चलता रहा है। लेकिन पहली बार 200 से ज्यादा लोगों को एक सात कस्टडी में लिया गया है। टाउन में रविवार कोऑटो के खिलाफ भी अभियान चलाया गया। लगभग 200 ऑटो को पकड़कर धनबाद पुलिस स्टेशन लाया गया।

एसआइटी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण


जज की मौत मामले में एसआईटी चीफ एडीजी संजय आनंद लाटकर ने रविवार को फिर घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसआईटी की टीम पिछले शुक्रवार से धनबाद में कैंप कर रही है. अनुसंधान में एसआईटी की टीम अलग-अलग तरीके से जांच कर रही है।  जज के मौत की गुत्थी को सुलझाने में जुटी हुई है।
एसआइटी की मंथन
धनबाद सर्किट हाउस में एडीजी के साथ डीआईजी, आईजी समेत एडीजी का मंथन जारी है। एडीजी के नेतृत्व में सभी पुलिस अफसरों ने घटनास्थल व रणधीर वर्मा चौक का निरीक्षण किया। पुलिस अफसरों ने रणधीर वर्मा चौक घटनास्थल और उसके बाद लुबी सर्कुलर रोड को जाने वाले रास्ते का अपने वाहन से एक राउंड भी लगाया। एसआइटी ने ऑटो के मालिक रामदेव लोहार और ड्राइवर से भी पूछताछ की है।

पुलिस ने SNMMCH में आठ घंटे का सीसीटीवी फुटेज खंगाला
एडीजे 8 उत्तम आनंद की मौत प्रकरण में पुलिस ने एसएनएमएमसीएच का सीटीसीटी फुटेज खंगाला। एडीजे को अज्ञात के रूप में सुबह 5.30 बजे इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच के इमरजेंसी में लाया गया था। पुलिस की टीम एसएनएमएमसीएच पहुंची और यहां एडीजे को लाए जाने से लेकर उन्हें यहां से ले जाए जाने तक का फुटेज लिया है। पुलिस ने उनके इलाज के जुड़े कागजात भी लिए है। पुलिस घटना के दिन की सुबह 5.29 बजे से दोपहर लगभग एक बजे तक के फुटेज की जांच कर रही है। एडीजे 28 जुलाई की सुबह 5.29 बजे ऑटो से SNMMCH इमरजेंसी लाये गये थे। उनके साथ आये लोगों ने अंदर जाकर सूचना दी। इसके बाद वार्डब्यॉय स्ट्रेचर में उन्हें माइनर ओटी में ले गये। इसी दौरान ऑटो वहां से चला गया। माइनर ओटी में लगभग एक घंटे तक उनका इलाज किया गया। इसके बाद सर्जिकल आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। 
जज के इलाज की भी हो रही जांच
बताया जाता है कि एसएनएमएमसीएच में एडीजे को घायलावस्था में लाये जाने के बाद उनके इलाज की भी जांच विभिन्न स्तर पर शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर एसएनएमएमसीएच में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों और वहां मौजूद रहे स्टाफ से भी पूछताछ हो सकती है। इस जांच के क्रम में एडीजे को एसएनएमएमसीएच में लाने के दौरान सबसे पहले किस स्टाफ ने उन्हें अटेंड किया, किस डॉक्टर ने देखा और क्या इलाज किया गया इसकी भी जांच होगी। इमरजेंसी में भेजने वाले नर्स और लैब टेक्नीशियन (एलटी) से पुलिस ने पूछताछ की। नर्स और एलटी की कोविड ड्यूटी धनबाद स्टेशन पर लगी थी। ड्यूटी खत्म कर दोनों कोर्ट मोड़ के रास्ते वापस अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान गंगा मेडिकल के पास उन्होंने एडीजे को रोड किनारे गिरा देखा था। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों से सहयोग से दोनों ने उन्हें ऑटो में चढ़ाकर एसएनएमएमएसीएच के इमरजेंसी भेजा था।
सीबीआइ के जांच शुरु होने तक पुलिस करती रहेगी कार्रवाई

जज मौत मामले में सीबीआई केस का चार्ज लेती है तो एसआईटी अभी तक की जांच को फार्मेट बना कर केस का फाइल एसआईटी सीबीआई को हैंडओवर करेगी। जब तक सीबीआई के चार्ज लेने की नोटिफिकेशन नहीं होती तब तक एसआईटी की जांच जारी रहेगी। एशआइटी चीफ एडीजी संजय आनंद लाटकर सहित अन्य मेंबर धनबाद में जमे हुए हैं।
स्पेशल ऑपरेशन में 200 लोग कस्टडी में
जिला पुलिस की ओर से शनिवार की रात पूरे जिले में चलाये गये स्पेशल ऑपरेशन के दौरान छोटे-बड़े क्राइम में शामिल 200 से ज्यादा लोगों को कस्टडी में लिया गया। इसी दौरान जज को धक्का मारने वाला ऑटो की मालकिन का हसबैंड रामदेव महतो भी पुलिस के हाथ लगा। एसएसपी संजीव कुमार के के लीडरशीप में यह ऑपरेशन में चलाया गया। जज उत्तम आनंद की मर्डर के मामले में आटो चालक लखन कुमार वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को पुलिस घटना के दूसरे दिन ही अरेस्ट कर चुकी है। जबकि आटो मालिक रामदेव लोहार को शनिवार की रात पकड़ा गया। 

उक्त तीनों की गिरफ्तारी के बाद भी एडीजे के मर्डर के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। जज की मर्डर  क्यों की गई, इसे जानने के लिए पुलिस ने हर प्रकार के क्रिमिनलों को दबोचना शुरू कर दिया है। इस दौरान धनबाद,सरायढेला, बैंक मोड़, धनसार समेत सभी पुलिस स्टेशन एरिया तक में रात भर रेड की गई है। एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि सभी डीएसपी, इंस्पेक्टर, थाना प्रभारी के साथ पुलिस टीम को लगाया गया था। क्रिमिनलों का क्राइम इतिहास को खंगालने के बाद यह कार्रवाई की गई है। रेड आगे भी जारी रहेगी।