धनबाद कोर्ट ने एक्स एमएलए संजीव सिंह को दुमका जेल से वापस लाने का दिया आदेश

कोर्ट ने झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह को दुमका सेंट्रल जेल से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति कानून के ऊपर नही हो सकता। कोर्ट ने जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा दाखिल किये गये ज़बाब को खारिज करते हुए भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी दी।

धनबाद कोर्ट ने एक्स एमएलए संजीव सिंह को दुमका जेल से वापस लाने का दिया आदेश
  • पॉलिटिकल प्रेशर में संजीव को धनबाद जेल से की गयी दमका सेंट्रल जेल शिफ्टिंग

धनबाद। कोर्ट ने झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह को दुमका सेंट्रल जेल से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोई व्यक्ति कानून के ऊपर नही हो सकता। कोर्ट ने जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा दाखिल किये गये ज़बाब को खारिज करते हुए भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने की चेतावनी दी।
इसके पूर्व कोर्ट में संजीव की ओर से दलील देते हुए हाईकोर्ट के सीनीर एडवोकेट बीएम त्रिपाठी, मदन मोहन दरियप्पा के साथ धनबाद कोर्ट के  मो जावेद, नूतन शर्मा ने कहा कि जेल प्रशासन द्वारा किया गया कार्य क्षमा योग्य नही है। राजनीतिक दबाव में  कोई भी व्यक्ति न्यायिक व्यवस्था को धक्का बताकर कोई काम नही कर सकता।दुमका जेल में उनकी जान को खतरा है। प्रशासन विपक्षियों के साथ मिलकर उनकी मर्डर दुर्घटना बताकर करना चाहता था। इसी कारण जानबूझकर धनबाद से उन्हें  बाहर ले जाया गया ताकि मौका देखकर गाड़ी पलट जाने का बहाना बनाकर उनकी मर्डर कर दे। परंतु उनके समर्थकों  के कारण प्रशासन ऐसा नही कर सकी। उन्होंने कहा कि जेल प्रशासन ने कारा अधिनियम की धारा 29  एवं संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन एवं वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया है ।
धनबाद जेल शिफ्ट करने का आदेश
कोर्ट ने जेल प्रशासन द्वारा संजीव सिंह को बिना इजाजत 21 फरवरी को दुमका जेल शिफ्ट करने को अवैध बताते हुए अविलंब उसे दुमका से धनबाद जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया। इसके पूर्व लोक अभियोजक बी डी पांडे ने दलिल देते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से संजीव सिंह को दुमका भेजा गया है । सरकार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से बंदियों के कोर्ट में पेशी की नोटिफिकेशन जारी कर रखी है। जब कोर्ट बंदी को सशरीर पेशी का आदेश देगी उसे पेश कर दिया जाएगा। जिसपर प्रतिउत्तर देते हुए एडवोकेट  ने कहा  कि जेल प्रशासन ने इस मामले में हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश की अवहेलना की है। हाई कोर्ट ने 2018 की 16  जनवरी को लोअर कोर्ट के आदेश को रद्द कर संजीव को वापस धनबाद जेल में रखने का आदेश दिया था। एडवोकेट ने इस बावत सुप्रीम कोर्ट द्वारा सैयद सोहैल बनाम महाराष्ट्र सरकार एवं सुनील वत्रा बनाम दिल्ली सरकार के मामले में पारित निर्णय का हवाला दिया।

कोर्ट से अपन गलती से लिए माफी मांगते रहे जेल सुपरिटेडेंट
धनबाद जेल सुपरिटेंडेंट अजय कुमार गुरुवार को कोर्ट में खड़े थे। हूजूर गलती हो गई भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी। मुझे माफ किया जाए। सीनीयर अफसरों के आदेश पर बंदी को दुमका जेल शिफ्ट किया गया। बंदी को यहां रखने पर खतरा था। जेल सुरिटेडेंट की ओर से पीपी बी डी पांडे ने अधिक्षक की ओर से पक्ष रखते हुए कहा  जेल सुपरिटेंडेंट  का उद्देश्य कोर्ट  का अवमानना करना नहीं था।

कोर्ट के आदेश के बाद  सिंह मेंशन में जश्न

संजीव सिंह को वापस धनबाद जेल लाये जाने के फैसले के बाद सिंह मैंशन में जश्न का माहौल है।लोग एक-दूसरे को मिटाई खिलाकर पटाखा फोड़ रहे हैं। बड़ी संख्या में समर्थक सिंह मेशन में जमा हैं।