जम्मू-कश्मीर: DRDO का एंटी ड्रोन सिस्टम, इंटरनेशनल बोर्डर पर होगा ट्रेनिंग

DRDO का एंटी ड्रोन सिस्टम पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का जवाब देगा। डीआरडीओ द्वारा विकसित एंटी ड्रोन प्रणाली का जल्द ही जम्मू में इंटरनेशनल बोर्डर पर ट्रेनिंग होगा। ट्रेनिंग के आधार पर ही इसे बीएसएफ स्थापित करने पर अंतिम फैसला लेगी। 

जम्मू-कश्मीर: DRDO का एंटी ड्रोन सिस्टम, इंटरनेशनल बोर्डर पर होगा ट्रेनिंग
  • ट्रेनिंग सांबा सेक्टर के आस-पास होने की संभावना

श्रीनगर। DRDO का एंटी ड्रोन सिस्टम पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का जवाब देगा। डीआरडीओ द्वारा विकसित एंटी ड्रोन प्रणाली का जल्द ही जम्मू में इंटरनेशनल बोर्डर पर ट्रेनिंग होगा। ट्रेनिंग के आधार पर ही इसे बीएसएफ स्थापित करने पर अंतिम फैसला लेगी। 
मौजूदा एंटी ड्रोन प्रणाली चार किलोमीर के दायरे में उड़ रहे ड्रोन का पता लगाने, दो किलोमीटर के दायरे में जाम करने और एक से दो किलोमीटर की रेंज में उसे मार गिराने में सक्षम है। आर्मी द्वारा पुंछ मंर एलओसी पर कुछेक जगहों पर इलेक्ट्रो आप्टिक ड्रोन प्रणाली भी स्थापित की गई है। यह प्रणाली लगभग डेढ़ किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के ड्रोन का पता लगा उसके संचार तंत्र को अवरुद्ध करने, उसे हवा में मार गिराने में समर्थ है। इसमें लेजर टेकनीक का इस्तेमाल होता है।
सोर्सेज का कहना कि बीएसएफ ने जम्मू प्रांत में कठुआ से लेकर कानाचक तक इंटरनेशनल बोर्डर पर कुछ विशेष स्थानों को एंटी ड्रोन प्रणाली को स्थापित करने के लिए चिन्हित कर लिया है। इन स्थानों पर एंट्री ड्रान प्रणाली को स्थापित करने से पूर्व उसका टेस्टिंग होगा। बीएसएफ ने इसके लिए डिफेंस रिसर्च एंड डिवेल्पमेंट आर्गेनाईजेशन डीआरडीओ को औपचारिक आग्रह करते हुए पत्र भी भेजा है।डीआरडीओ द्वारा विकसित एंटी ड्रोन प्रणाली का जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों और बीएसएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की आवश्यक्तानुरुप रियल टाइम ऑन ग्राउंड परीक्षण होगा। अगर यह परीक्षण कामयाब रहता है तो ही इस प्रणाली को जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ स्थापित करेगी।

परीक्षण के दौरान अगर कुछ खामियां पायी जाती हैं तो तदनुसार उनका सुधार भी किया जाएगा। यह परीक्षण संभवत: सांबा सेक्टर के आस-पास ही होगा। डीआरडीओ की मौजूदा ड्रोन प्रणाली का एक बार बीते साल नवंबर-दिसंबर में अमृतसर के पास परीक्षण हो चुका है। हालांकि एनएसजी ने भी इसका टेस्टिग किया है, लेकिन वह इस समय इस्रायल और अमरीका द्वारा उपलब्ध कराई गई एंटी ड्रोन टैक्नोलाजी का इस्तेमाल कर रही है। बीएसएफ चाहती है कि एंटी ड्रोन प्रणाली अकेले या समूह में आने वाले अवांछित यूएवी का 10 सैकेंड में पता लगा उसे निशाना बनाने में समर्थ हो।यह स्टैंड एलोन प्लेटफार्म आधारित हो और रिचार्जेबल बैटरी से चलाये जाने में समर्थ हो। यह मल्टीकाप्टर, फिक्सड विंग यूएवी और रिमोट कंट्रोल से संचालित होने वाले यूएवी को किसी भी मौसमी परिस्थिति में रियल टाइम स्कैन करने, पता लगाने ,पीछा करने और उसे मार गिराने में समर्थ हो। इसके अलावा एंटी ड्रोन प्रणाली ड्राेन के रेडियो सिस्टम और जीपीएस को पूरी तरह अवरुद्ध करने, उसे जमीन पर उतरने को मजबूर करने वाले संकेत जारी करने में समर्थ होनी चाहिए।