झारखंड: स्टेट की जेलों से छूटेंगे आजीवन कारावास के 26 कैदी, राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में सहमति

सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक हुई। सीएम ने बैठक में राज्य की जेलों से आजीवन कारावास के 26 कैदियों की असमय कारामुक्ति संबंधित पर्षद की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। 

रांची। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार को झारखंड मंत्रालय में राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक हुई। सीएम ने बैठक में राज्य की जेलों से आजीवन कारावास के 26 कैदियों की असमय कारामुक्ति संबंधित पर्षद की अनुशंसा को मंजूरी दे दी है। 
राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की पिछली बैठक वर्ष 2000 की चार दिसंबर को हुई थी, जिसमें कोई निर्णय नहीं हो सका था। बैठक में सीएम के सामने 50 कैदियों की असमय कारा मुक्ति से संबंधित प्रोपोजल रखा गया था। सभी 50 कैदियों की असमय कारा मुक्ति के बिंदु पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें 26 कैदियों को छोड़ने पर ही सीएम ने स्वीकृति दी। अब अगले कुछ ही दिनों में इन 26 कैदियों को कारा से रिहा करने की कार्रवाई की जायेगी।

सीएम ने रिहा होने वाले सभी बंदियों के संबंध में न्यायालय, कारा अधीक्षक, एसपी एवं प्रोबेशन पदाधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट की बैठक में समीक्षा की। कारा मुक्त होने के बाद समाज पर पड़ने वाले प्रभाव का समेकित रूप से विश्लेषण करने के बाद कारा मुक्त करने का निर्णय लिया। जिन बंदियों का प्रस्ताव बैठक में अस्वीकृत हुआ है उनका प्रस्ताव नियमावली के अनुसार एक वर्ष बाद फिर विचार के लिए राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में लाया जायेगा।बैठक में सीएम के प्रिंसिपल सेकरटेरी राजीव अरुण एक्का, डीजीपी नीरज सिन्हा, जेल आइजी बीरेंद्र भूषण, न्यायायुक्त रांची नवनीत कुमार, प्रधान सचिव सह विधि परामर्शी संजय प्रसाद, बंदी कल्याण पदाधिकारी कमलजीत सिंह सहित अन्य अफरसर उपस्थित थे।

रिहाई के बाद मुख्यधारा से जुड़कर समाज हित के लिए कार्य करें : सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि क्रिमिनल के जीवन में समाज हित के प्रति जिम्मेदारी लाना महत्वपूर्ण है। सजा काटकर बाहर आने वाले बंदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है। सीएम ने रिहा होने वाले कैदियों से समाज हित के लिए कार्य करने की अपील की है।