झारखंड: गोड्डा में ट्रेन के उद्घाटन के दौरान, BJP एमपी निशिकांत दुबे और कांग्रेस एमएलए प्रदीप यादव भिड़े, हाथापाई की नौबत

झारखंड: गोड्डा में ट्रेन के उद्घाटन के दौरान, BJP एमपी निशिकांत दुबे और कांग्रेस एमएलए प्रदीप यादव भिड़े, हाथापाई की नौबत

रांची। गोड्डा से गुरुवार को हमसफर ट्रेन रेल सेवा के उद्घाटन के दौरान बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे और कांग्रेस एमएलए प्रदीप के बीच भिड़ंत हो गयी। तू-तू मैं-मैं होते-होते दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के साथ अन्य  लोगों ने बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया।

हमसफर ट्रेन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन हुआ। दिल्ली से रेल मिनिस्चर पीयूष गोयल व रांची से सीएम हेमंत सोरेन के साथ सेंट्रल मिनिस्टर अर्जुन मुंडा जुड़े हुए थे। 

गोड्डा से रेल परिचालन शुरू होने के मौके पर स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी। ट्रेन के उद्घाटन को लेकर कोरोना गाइडलाइन का कोई पालन नहीं हुआ। ट्रेन के उद्घाटन को लेकर माननीय ने कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया। हजारों की संख्या में जमा हुए लोग भी कोरोनावायरस गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते देखे गये।

गोड्डा जिले से आजादी के बाद पहली ट्रेन हमसफर एक्सप्रेस के रूप में दिल्ली के लिए रवाना किया गया।इसकी शुरुआत ऑनलाइन माध्यम से रेल मंत्री पीयूष गोयल और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के द्वारा किया।  इस अवसर कई कार्यक्रम में ट्रेन संचालन को लेकर नेताओं में श्रेय लेने के लिए एमपी निशिकांत दुबे और विधायक प्रदीप यादव आमने-सामने आ गये।दोनों नेताओं के बीच नोकझोंक हुई। दोनों के आमने सामने होते ही माहौल गर्म हो गया और मारपीट शुरू हो गई। वहीं रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट करते हुए हमसफर एक्सप्रेस के उद्घाटन की जानकारी दी।
एमपी निशिकांत दूबे ने कहा कि आज पौडेयाहाट के विधायक जी का असली चेहरा विफलता की बौखलाहट में आम लोगों के सामने आ गया। प्रदीप यादव ने गोड्डा में रेल लाने का अंत का विरोध किया, लेकिन जनता की ताकत से मैंने आज जनता से किए वादे पूरा किया। विफल रहने पर इस तरह की घटना को अंजाम देना काफी शर्मनाक है। अब ऐसे लोगों का फैसला यहां की जनता करेगी।  
एमएल प्रदीप यादव ने कहा कि एमपी क्रेडिट लेने की होड़ में इसे अपने पॉकेट का कार्यक्रम बनना चाहते थे। इस कार्यक्रम में बाहरी असमाजिक तत्वों ने विधायक के लिए आवंटित कुर्सी पर कब्जा जमा रखा था। जिसका मैंने विरोध किया तो सांसद आपा खो बैठे और मेरे साथ असम्मानजनक भाषा का प्रयोग करते हुए हाथापाई शुरू कर दी।प्रशासन के कारण अप्रिय घटना होने से टल गई।