झारखंड: एक्स एमपी सालखन मुर्मू ने साहिबगंज महिला थाना प्रभारी Roopa Tirkey मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की

साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में शुक्रवार को पांच प्रदेश में धरना दिया गया। एक्स एमपी सालखन मुर्मू ने रूपा तिर्की की मौत को संदिग्ध बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पुलिस इन्विस्टीगेशन में पता चला है कि रूपा की छोटी बहन ने उसे सुसाइड  न करने की सलाह भी दी थी। 

झारखंड: एक्स एमपी सालखन मुर्मू ने साहिबगंज महिला थाना प्रभारी Roopa Tirkey मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की
  • छोटी बहन ने दी थी सलाह- लोग मरते भी हैं तो देश के लिए और तुम... 
  • रूपा ने कर दिया था परिजनों का नंबर ब्लॉक

रांची। साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान के नेतृत्व में शुक्रवार को पांच प्रदेश में धरना दिया गया। एक्स एमपी सालखन मुर्मू ने रूपा तिर्की की मौत को संदिग्ध बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की है। पुलिस इन्विस्टीगेशन में पता चला है कि रूपा की छोटी बहन ने उसे सुसाइड  न करने की सलाह भी दी थी। 
पुलिस जांच में मिली अहम जनकारी
पुलिस इन्विस्टीगेशन के अनुसार सुसाइड से पहले रूपा से परिजनों का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया था। वह परिजनों का कॉल रिसीव नहीं कर रही थी। इसके बाद उसकी छोटी बहन ने शाम में कई एसएमएस भेजा था। छोटी बहन ने एक एसएमएस उसे समझाते हुए लिखा है कि- और मरके क्या मिलेगा तुमको? मरने के बाद भी हमलोग ही रोयेंगे। बदनाम होंगे कि इसकी बड़ी दीदी किसी लड़के के लिए मर गई। लोग मरते भी हैं तो देश के लिए और तुम मरना चाहती हो....उस.....लड़के के लिए.....जो तुमको.....। थोड़ा सा तो बुद्धि खोलो यार....नहीं देखा जाता मेरे से परिवार को बिखड़ते हुए। वह नहीं करेगा शादी। बोल चुका है हमलोगों को। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आयी है कि रूपा तिर्की पूर्व में भी एक लड़के से प्यार में धोखा खा चुकी है। उसकी बहन ने मैसेज में इसका भी उल्लेख किया है।

इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी बने आईओ

महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में सब इंस्पेक्टर शिव कनौजिया पर दर्ज मामले का इन्विस्टीगेशन टाउन इंस्पेक्टर इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी करेंगे। आइपीसी की धारा 306 के तहत नौ मई को मामला दर्ज किया गया था। तीन मई को रूपा तिर्की द्वारा सुसाइड करने की बात सामने आने पर इस संबंध में जिरवाबाड़ी ओपी में यूडी केस दर्ज किया गया था। जिरवाबाड़ी ओपी की महिला सब इंस्पेक्टर स्नेहलता सुरीन को इसकी जांच का जिम्मा सौंपा गया था। लेकिन रूपा तिर्की के परिजनों द्वारा मर्डर का आरोप लगाने पर अगले ही दिन उसकी जांच का जिम्मा एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने राजमहल इंस्पेक्टर राजेश कुमार को सौंप दिया था। राजेश कुमार ने मामले की इन्विस्टीगेशन शुरू की। इस क्रम में यह बात सामने आयी कि चाईबासा जिले के टोकलो थाने में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर व रूपा तिर्की के कथित प्रेमी शिव कनौजिया की प्रताड़ना से तंग आकर उसने सुसाइड कर ली। इसके बाद राजमहल इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर यूडी केस को सुसाइडके लिए उकसाने की सेक्शन में बदल  दिया गया। पुलिस इस मामले में शिव कनौजिया को अरेस्ट कर जेल भी भेजा जा चुका है। हालांकि, रूपा तिर्की के परिजन व विपक्षी दल समेत विभिन्न आदिवासी संगठन इस मामले की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया में रूपा को न्याय दिलाने के लिए अभियान चल रहा है। 

माता-पिता का आरोप रूपा की मर्डर की गयी
रूपा तिर्की के माता-पिता का कहना है कि उनकी बेटी की मर्डर की गई है। साजिश तहत सुसाइड का रुप दिया गया है। इसलिए इसकी सीबीआइ से जांच करायी जाए। बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी व एक्स सीएम रघुवर दास, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के साथ-साथ बोरियो एमएलए लोबिन हेम्ब्रम, मांडर एमएलए बंधु तिर्की, हटिया एमएलए नवीन जायसवाल भी सीबीआइ जांच के लिए सीएम को पत्र लिख चुके हैं। सीबीआइ जांच की मांग को लेकर पूरे राज्य में धरना-प्रदर्शन का दौर जारी है। लोग इस मामले में पुलिस इन्विस्टीगेशन पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं।
वहीं साहिबगंज एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा का कहना है कि अब तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि सब इंस्पेक्टर शिव कुमार कनौजिया की वजह से रूपा तिर्की ने सुसाइड कर ली। अभी मामले की जांच जारी है। सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है।
रूपा की मौत मामले में सरकार का रवैया आदिवासी विरोधी
सालखन ने कहा कि रूपा की मौत मामले में सरकार आदिवासी विरोधी है। अन्यथा रूपा तिर्की (संदिग्ध मौत 3.5.2021) और महान शहीद सिदो मुर्मू के वंशज रामेश्वर मुर्मू (संदिग्ध मौत 12.6.2020) की संदिग्ध मौतों पर सीएम खुद न्याय की गुहार लगा सकते थे। मगर दोनों मौतों पर उनकी रहस्यमयी चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है। सरकार की जिम्मेदारी है जांच के माध्यम से जनता के मन की संदेह को तुरंत दूर करना, सीबीआई जांच करना। मगर रूपा तिर्की के मामले में सरकार खुद दीवार बनकर न्याय और पारदर्शिता के खिलाफ खड़ी प्रतीत हो रही है। सरकार के दबाव में पुलिस-प्रशासन जबरन अपने पक्ष की कहानी को गढ़ते हुए अन्य सारे सबूत और छिपी हुई दूसरे रहस्यों-एंगल को दबाने का काम करती हुई जान पड़ती है।
रामेश्वर मुर्मू हत्याकांड जैसा हश्र न हो

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर मामले पर न्याय होना चाहिए, मगर न्याय करते हुए दिखना भी चाहिए। रूपा तिर्की के मामले में सरकार न्याय की जगह अन्याय करते हुए दिख रही है। एक आदिवासी महिला पुलिस अफसर की संदिग्ध मौत पर खुद सीएम को संवेदनशील होते हुए तुरंत सीबीआई जांच की घोषणा कर देनी चाहिए थी। अब लगता है जन दबाव में करेंगे। मगर इसकी नियति भी स्वर्गीय रामेश्वर मुर्मू की तरह बेकार और न्याय को विफल करने के लिए हो सकता है। रामेश्वर मुर्मू की मर्डर के तीन महीने बाद 26 सितंबर 2020 को सीबीआई जांच की अनुशंसा की गई थी। इसके छह माह बाद भी सीबीआई जांच नहीं हुई। इससे बड़ा धोखा महान शहीदों के खानदान के साथ क्या हो सकता है।
आदिवासी सेंगेल अभियान में कई संगठनों के सदस्यों ने दिया धरना

आदिवासी सेंगेल अभियान, झारखंड दिशोम पार्टी, झारखंड नवनिर्माण दल, केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और अन्य तमाम आदिवासी जन संगठन रूपा तिर्की मामले में शुक्रवार को एकदिवसीय सांकेतिक धरना दिया। धरना के माध्यम से अविलम्ब सीबीआई जांच की मांग की गयी।