झारखंड: गवर्नर से मिले स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मामले पर हुई बात

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने रविवार को गवर्नर द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। नेता प्रतिपक्ष मामले में राजभवन के बुलावे पर वह पहुंचे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने गवर्नर को बताया कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इस पर महाधिवक्ता से राय भी मांगी गई है।

झारखंड: गवर्नर से मिले स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मामले पर हुई बात
गवर्नर से मिले विधानसभा अध्यक्ष।

रांची। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो ने रविवार को गवर्नर द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। नेता प्रतिपक्ष मामले में राजभवन के बुलावे पर वह पहुंचे थे। विधानसभा अध्यक्ष ने गवर्नर को बताया कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है। इस पर महाधिवक्ता से राय भी मांगी गई है। महाधिवक्ता की राय मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया पूरी की जायेगी। राजभवन से बाहर आने के बाद स्पीपकर ने मीडिया से भी बातचीत की।

विदित हो कि एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाये जाने के मसले पर विधानसभा अध्यक्ष ने आज रविवार को गवर्नर से मुलाकात की। 

बीजेपी नेताओं ने लगाई थी गुहार

बीजेपी शनिवार को गवर्नर से मिलकर उन्हेंजानकारी दी थी कि चुनाव आयोग से बीजेपी एमएलए के रूप में बाबूलाल मरांडी को मान्यता दे दी गयी है। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष बाबूलाल को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता नहीं दे रहे हैं। बीजेपी के आरोपों पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने विधानसभा अध्यक्ष को समन किया था।

बीजेपी ने कांग्रेस पर लगाया राजनीति करने का आरोप
कांग्रेस ने बीजेपी पर रे मामले पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी मामले राज्यपाल को गुमराह भी कर रही है।झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि पिछली विधानसभा में झाविमो के आठ में से छह एमएलए बीजेपी में चले । उस समय बीजेपी के गवर्नमेंट थी। विधानसभा अध्यक्ष भी उन्हीं के बीच से थे। जब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हुईं तब तक इन एमएलए की मान्यता नहीं मिली।

राजेश ठाकुर ने कहा कि बीजेपी अपने शासनकाल में जो फैसला साढ़े चार में नहीं ले सकी, उसी तरह का फैसला अब छह महीने में कैसे लिया जा सकता है। ठाकुर ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को विधानसभा में भाजपा की सदस्यता अभी तक नहीं मिली है तो फिर किस आधार पर इन्हें अभी नेता प्रतिपक्ष माना जा सकता है। भाजपा के पास नीलकंठ सिंह मुंडा, सीपी सिंह जैसे सीनियर नेता हैं जिन्हें जब चाहे नेता प्रतिपक्ष बनाने की शुरुआत पार्टी कर सकती है और निश्चित तौर पर इसमें कोई बाधा नहीं होगी।