जज उत्तम आनंद मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने चीफ सेकरेटरी व DGP से सात दिनों में मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट

धनबाद के ADJ-8 ( जज) उत्तम आनंद मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड के चीफ सेकरटेरी और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। 

जज उत्तम आनंद मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने चीफ सेकरेटरी व DGP से सात दिनों में मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट
  • मामले में SC ने लिया स्वत: संज्ञान
  • एसआइटी चीफ एडीजी संजय आनंद लाठकर पहुंचे, जांच शुरु

धनबाद। ADJ-8 ( जज) उत्तम आनंद मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड के चीफ सेकरटेरी और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। 
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रसिडेंट विकास सिंह ने जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षा वाली बेंच के समक्ष ये मामला उठाते हुए स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था। मामले की सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में स्वत: संज्ञान ले लिया है।
धनबाद में 28 जुलाई की सुबह मार्निंग वॉक पर निकले जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को पीछे से आ रहे ऑटो ने जानबूझकर धक्का मार दिया। इससे उनकी मौत हो गई।पुलिस ने जज को धक्का मारने वाले ऑटो बरामद कर झरिया निवासी ड्राइवर लखन वर्मा व उसके साथी डिगवाडीह निवासी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया है। कोर्ट ने दोनों को पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर दिया है। 

जज मर्डर मामले की एसआइटी जांच शुरु
हाईकोर्ट के निर्देश पर झारखंड गवर्नमेंट ने जज उत्तम आनंद की मर्डर मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की है। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर को एसआइटी का चीफ बनाया गया है।एसआइटी में बोकारो आइजी प्रिया दूबे, डीआईजी मयूर पटेल व धनबाद एसएसपी संजीव कुमार समेत अन्य अफसरों को शामिल किया है। एसआइटी चीफ ने शुक्रवार को धनबाद में पुलिस अफसरों के साथ बैठक कर मामले की जानकारी ली। मामले में अरेस्ट किये गये दोनों आरोपियों से पूछताछ की। एडीजी ने मामले का रिव्यू किया।  
हाइकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, ये हिट एंड रन का केस नहीं, बल्कि ब्रूटल मर्डर 
झारखंड हाईकोर्ट ने जज मौत मामले की सुनवाई करते हुए गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट कहा है कि स्टेट में पिछले एक साल से क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। क्रिमिनलों अपराधियों पर कोई लगाम नहीं है। क्रिमिनलों को कोई डर-भय नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर के मामले में झारखंड की की स्थिति नागालैंड से बदतर हो गई है। कोर्ट ने कहा कि घटना की सीसीटीवी फुटेज कोई बच्चा भी देखेगा तो बता सकता है कि पीछे से धक्का लगेगा तो आगे के बल गिरेगा। लेकिन जज आनंद बायीं तरफ कैसे गिरे। जरूर कोई टैंपू में बैठा हुआ था जिसने जज पर हमला किया है।

मोबाइल के सीडीआर में सुराग तलाश रही पुलिस
एडीजे-8 उत्तम आनंद की मौत मामले के खुलासे के लिए धनबाद पुलिस की कई टीमें अलग-अलग काम कर रही हैं। आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा के मोबाइल नंबर का स्कैन किया जा रहा है। लखन और राहुल से जुड़े आधा दर्जन मोबाइल नंबरों का कॉल डिटेल्स रिपोर्ट खंगाला जा रहा है। धनबाद एसएसपी संजीव कुमार ने टेक्नीकल एवीडेंस जुटाने के लिए सिटी एसपी आर रामकुमार और एएसपी मनोज स्वर्गियारी की अगुवाई में टीम गठित की है। 

एसएसपी सहित अन्य अफसरों ने दोनों आरोपियों से घंटो पूछताछ की है। मोबाइल का डिटेल निकाला गया है। दोनों पिछले 10-15 दिनों में दोनों कहां-कहां गये, किन-किन लोगों से मिले, उनके नंबरों पर किन-किन नंबरों से कॉल आये, किस-किस को फोन किए। किससे क्या-क्या बातें हुईं इसकी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। दोनों आरोपियों के घरवालों के नंबरों का भी सीडीआर खंगाला जा रहा है। दोनों के जेल में रहने के कारण नजदीकी कौन-कौन बंदी थे।

गिरिडीह कनेक्शन की जांच
एडीजे-8 उत्तम आनंद का पैतृक घर गिरिडीह है। पुलिस पता लगा रही है कि लखन ऑटो लेकर गिरिडीह ही क्यों गया। इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है कि घटना के पीछे गिरिडीह का तो कोई कनेक्शन नहीं। गिरिडीह में मृतक या उनके परिवार की किसी से दुश्मनी तो नहीं। संपत्ति को लेकर तो किसी से विवाद नहीं चल रहा था। गिरिडीह में लखन ने अपने बहनोई के अलावा और किस-किस से संपर्क किया था।

रांची से पहुंची फोरेंसिक टीम ने कोर्ट मोड़ रणधीर वर्मा चौक पर स्थित घटना स्थल से कई टेक्नीकल एवीडेंस जुटाए। ऑटो से टक्कर के बाद जज जिस जगह पर गिरे थे उस जगह के आसपास गाड़ी का टूटा हुआ इंडिकेटर का अंश सैंपल के रूप में लिया गया। टीम ऑटो से भी सैंपल ली है। ऑटो का बायां इंडिकेटर टूटा हुआ था। ऑटो की सीट से भी कई सैंपल एकत्रित किए गए। सीआईडी टीम ने भी घटना स्थल के साथ-साथ जब्त ऑटो की जांच की।
लॉटरी के पैसों से खरीदा था ऑटो
जज को टक्कर मारने के बाद ड्राइवर लखन ऑटो लेकर गिरिडीह जिले के मुफस्सिल पुलिस स्टेशन एरिया के डांडीडीह सोनार मुहल्ला पहुंचा था। उसने अपने बहन और बहनाई को बताया कि लॉटरी में पैसा मिला था, उसी पैसे से ऑटो खरीदा है। गिरिडीह और धनबाद पुलिस की टीम लखन के बहनाई दीपक स्वर्णकार के घर पर पहुंची तो ऑटो बाहर ही खड़ा था। घर के अंदर पर लखन भी मिल गया। पुलिस पहुंची तो लखन कहने लगा कि उसे पता नहीं था ऑटो चोरी का है। उसने तो ऑटो पैसा देकर खरीदा है। पुलिस लखन के साथ उसके बहनोई दीपक स्वर्णकार को भी धनबाद पुलिस पूछताछ के लिए अपने साथ ले आयी। लखन ने ऑटो के नंबर को किसी नुकीली चीज से खरोंच दिया था। ऑटो के ऊपर के कैरियर को भी हटा दिया था। कैरियर को दीपक के घर से बरामद किया गया। लखन का जीजा दीपक स्वर्णकार का अपना ऑटो है। वह ऑटो चलाता है।

एडीजे के पैतृक गांव के लोग शोकाकुल

धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सूचना के बाद उनके पैतृक गांव देवरी के बैरिया में लोग शोकाकुल हैं। मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उत्तम आनंद बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। उनके पिताजी सदानंद प्रसाद हजारीबाग स्थित सिविल कोर्ट में अधिवक्ता हैं। वे लोग बचपन से ही हजारीबाग में रह कर स्कूली शिक्षा दीक्षा ग्रहण की। बाद में उनकी सिविल जज के पद पर नौकरी लग गई। बैरिया गांव में उनकी खेती लायक अच्छी खासी जमीन है। रामनवमी पर्व में पूरा परिवार पैतृक गांव आये थे।