नई दिल्ली: 29 नवंबर से पहले पूरे हो जायेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, चुनाव आयोग का ऐलान

भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की डेट का ऐलान सही समय पर किया जायेगा। बिहार चुनाव के समय ही देश के विभिन्न स्टेट के 65 सीटों पर उपचुनाव भी कराने की तैयारी है। 

नई दिल्ली: 29 नवंबर से पहले पूरे हो जायेंगे बिहार विधानसभा चुनाव, चुनाव आयोग का ऐलान

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की डेट का ऐलान सही समय पर किया जायेगा। बिहार चुनाव के समय ही देश के विभिन्न स्टेट के 65 सीटों पर उपचुनाव भी कराने की तैयारी है। 

चुनाव आयोग के अनुसर बिहार विधानसभा चुनाव को 29 नवंबर, 2020 से पहले पूरा करना है। उसी समय के आसपास विभिन्न राज्यों की 64 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराया जायेगा। उल्लेखनीय है  कि वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
आयोग के अनुसार, उन्हें एक साथ जोड़ने के प्रमुख कारकों में से एक सीएपीए(CAPF)/अन्य कानून और व्यवस्था बलों और चुनाव से जुड़े अन्य लॉजिटिक्स के एक साथ काम इस्तेमाल करना है। चुनाव आयोग ने एक समय पर बिहार विधानसभा और 65 सीटों पर उपचुनाव कराने के फैसले को लेकर एक ठोस वजह बताई है।

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि विपक्षी दलों समेत एनडीए में शामिल एलजेपी ने बिहार में चुनाव टालने की मांग की थी।चुनाव आयोग ने 21 अगस्त को कोरोना काल में देश में चुनाव कराने को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें कहा गया था कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र, शपथ पत्र और नामांकन को लेकर सिक्युरिटी मनी ऑनलाइन ही जमा करना होगा। चुनाव कार्य को लेकर सभी व्यक्ति मास्क लगाएंगे। चुनाव से जुड़े हॉल, रूम या परिसर में प्रवेश के दौरान थर्मल स्कैनिंग की जायेगी। वहां सेनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की जाएगी। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। घर-घर जाकर पांच लोगों को संपर्क की अनुमति दी जायेगी।

चुनाव आयोग ने मांगी थी बिहार के दलों से राय
बिहार के दलों से इलेक्शन कमीशन ने विधानसभा चुनाव कराने को लेकर राय मांगी थी। विपक्षी दल आरजेडी समेत एलजेपी ने भी चुनाव टालने की बात कही थी। आरजेडी ने कहा था कि राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और विशेषज्ञों ने शंका जताई है कि चुनाव के समय तक इसमें काफी बढ़ोत्तरी दर्ज होगी। दूसरी तरफ राज्य का एक हिस्सा बाढ़ में डूबा हुआ है। ऐसे में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराना सही नहीं होगा।