नई दिल्ली: देश के सभी स्टेट में होंगे आइआइटी-आइआइएम जैसे इंस्टीच्युट, एजुकेशन मिनिस्ट्री ने बनाई प्लान

देश के सभी राज्यों में अब आइआइटी और आइआइएम जैसे हाइ एजुकेशनल इंस्टीच्युट खोले जायेंगे। सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री ने इस बाधा को दूर करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। 

  • 2014 से पहले देश में थे कुल 13 आइआइएम और 16 आइआइटी 

नई दिल्ली। देश के सभी राज्यों में अब आइआइटी और आइआइएम जैसे हाइ एजुकेशनल इंस्टीच्युट खोले जायेंगे। सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री ने इस बाधा को दूर करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। 

ऐसे कुछ और संस्थानों को खोलने की हो सकती है घोषणा

एजुकेशन मिनिस्ट्री ने सभी स्टेट में आइआइटी जैसे इंस्टीच्युट को खोलने की इस योजना पर काम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद शुरू किया है।नई शिक्षा नीति में ऐसे इंस्टीच्युट्स को सभी स्टेट में खोलने की सिफारिश की गई है। फिलहाल ऐसे सभी राज्यों को चिन्हित कर लिया गया है। सोसेर्ज का कहना है कि आने वाले दिनों में वंचित राज्यों में ऐसे में इंस्टीच्युट्स को खोलने का फैसला लिया जा सकता है।  मोदी सरकार हाई एजुकेशनल इंस्टीच्युट्स की संख्या और सीटों को बढ़ाने में जुटी हुई है। वर्ष 2014 के बाद से देश में अब तक सात नये आइआइएम और इतने ही नए आइआइटी खोले जा चुके हैं। अभी देश के 22 स्टेट व यूटी में ही आइआइटी और 20 राज्यों में आइआइएम मौजूद हैं। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश ऐसा स्टेट है, जहां दो आइआइटी हैं।

22 स्टेट और यूटी में ही आइआइटी और 20 स्टेट में है आइआइएम जैसे टॉप इंस्टीच्युट्स

2014 से पहले देश में कुल 13 आइआइएम और 16 आइआइटी ही इंस्टीच्युट्स थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिये गवर्नमेंट ने शिक्षा क्षेत्र में जिस तरह से बड़े बदलाव की योजना बनाई है। उनमें सभी स्टेट में ऐसे संस्थानों की स्थापना जरूरी हो जाती है। फिलहाल इस योजना के तहत देश के नौ राज्य और सात केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिसमें अब तक आइआइएम नहीं है। इनमें गोवा और दिल्ली सहित मेघालय को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं। यहां आइआइएम को खोलने की मांग काफी लंबे समय से की जा रही है।

केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ जम्मू-कश्मीर एक ऐसा राज्य है, जहां आइआइएम है। इसी तरह देश के आठ राज्य और छह केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां आइआइटी अभी नहीं है। योजना के तहत सभी राज्यों में इन संस्थानों के स्थापित होने के बाद बडे़ राज्यों में इनकी संख्या को बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जायेगा।