अब आइआरसीटीसी से ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग से पहले कराना होगा मोबाइल व ईमेल का वेरीफिकेशन

ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले रेल पैसेंजर्स को वेरीफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। पैसेंजर्स ईमेल व मोबाइल नंबर का वेरीफिकेशन कराना होगा। यह प्रक्रिया 50 से 60 सेकंड में पूरी होगी। इसके बाद ही वे ऑनलाइन टिकट ले सकेंगे। 

अब आइआरसीटीसी से ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग से पहले कराना होगा मोबाइल व ईमेल का वेरीफिकेशन
  • ईमेल व मोबाइल नंबर का वेरीफिकेशन की प्रक्रिया 50 से 60 सेकंड में होगी पूरी 

नई दिल्ली। ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले रेल पैसेंजर्स को वेरीफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। पैसेंजर्स ईमेल व मोबाइल नंबर का वेरीफिकेशन कराना होगा। यह प्रक्रिया 50 से 60 सेकंड में पूरी होगी। इसके बाद ही वे ऑनलाइन टिकट ले सकेंगे। 
हालांकि वेरीफिकेशन केवल उन यात्रियों को करना होगा, जिन्होंने कोरोना संक्रमण के चलते लंबे समय से आइआरसीटीसी के पोर्टल से टिकट नहीं खरीदे हैं। रेगुलर टिकट बुक कराने वाले पैसेंजर्सको इस प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। आइआरसीटीसी ऑनलाइन टिकट (ई-टिकट) बेचता है। आम यात्रियों को इसके लिए पोर्टल पर लॉगइन और पासवर्ड बनाना पड़ता है। इसके बाद ही बुकिंग का विकल्प मिलता है। लॉगइन पासवर्ड बनाने के लिए ईमेल और फोन नंबर की जानकारी देनी होती है।
क्यो पड़ी जरूरत

कोरोना वायरस संक्रमण कम होने के साथ ही लगभग 75 से 90 परसेंट ट्रेनें पुन: चलने लगी हैं। ऑनलाइन टिकट बुकिंग भी बढ़ गई है। फिलहाल, 24 घंटे में लगभग आठ लाख रेल टिकट बुक हो रहे हैं। आइआरसीटीसी सोर्सेज का कहना कि कोरोना संक्रमण की फस्ट व सेकेंड व उसके पूर्व से पोर्टल पर जो अकाउंट डिएक्टिवेट थे। उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए वेरीफिकेशन प्रक्रिया लागू की गई है। यह पारदर्शिता के लिए जरूरी है। इसका और कोई मकसद नहीं है। यह बहुत सरल प्रक्रिया है। यह रेलवे और पैसेंजर्स दोनों के हित में है।

ऐसे होता है वेरीफिकेशन

आइआरसीटीसी पोर्टल पर लॉगइन करने के बाद वेरीफिकेशन विंडो खुलती है। इस पर पूर्व में उपयोग ईमेल व मोबाइल की जानकारी होती थी। बाई ओर एडिट व दाई ओर वेरीफिकेशन का विकल्प होता है। एडिट विकल्प का चयन करके मोबाइल नंबर व ईमेल में बदलाव किया जाता है। वेरीफिकेशन का विकल्प चुनने पर फोन पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आता है। ओटीपी सही होने पर मोबाइल नंबर वेरीफाई हो जाता है। इसी तरह ईमेल वेरीफिकेशन करने के लिए फिर वीरिफिकेशन का विकल्प चुनना होगा। ईमेल पर मिले ओटीपी के माध्यम से इसे वेरीफाई किया जाता है।