Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में हंगामा करने वाले आठ एमपी  एक हफ्ते के लिए सस्पेंड

Parliament के Monsoon Session में रविवार को राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सदस्यों को सभापति वेंकैया नायडू ने एक हफ्ते के लिए  सदन से निलंबित कर दिया है। डेरेक ओ'ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, के.के. रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामरम करीम के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। सभापति ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है

Parliament Monsoon Session: राज्यसभा में हंगामा करने वाले आठ एमपी  एक हफ्ते के लिए सस्पेंड
निलंबित एमपी का गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन।
  • राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने उपसभापति के खिलाफ लाये गये  अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज किया

नई दिल्ली। Parliament के Monsoon Session में रविवार को राज्यसभा में हंगामा करने वाले विपक्ष के आठ सदस्यों को सभापति वेंकैया नायडू ने एक हफ्ते के लिए  सदन से निलंबित कर दिया है। डेरेक ओ'ब्रायन, संजय सिंह, राजीव सातव, के.के. रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलामरम करीम के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। सभापति ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है। सभापति ने कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए सबसे खराब दिन था। कुछ सदस्यों के आचरण ने शिष्टाचार की सभी सीमाओं को पार कर दिया, जिससे सदन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा।

निलंबित सांसदों का हंगामा

सभापति की ओर से की गई कार्रवाई के बाद भी निलंबित होने वाले सांसद सदन में मौजूद रहे। उपसभापति आठों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा। । कार्रवाई से नाराज विपक्षी दलों के सांसद सदन में हंगामा किया। राज्यसभा सांसद वी. मुरलीधरन ने कहा कि निलंबित सदस्यों को सदन में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सदन गैर-सदस्यों की उपस्थिति मेंके साथ काम नहीं कर सकता है। उप सभापति हरिवंश ने सभापति द्वारा नामित सदस्यों से सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेने का आग्रह किया। विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया गया है।सभापति नायडू ने कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए बहुत बुरा दिन था जब कुछ सदस्य सदन के वेल तक आ गए। डिप्टी चेयरमैन के साथ धक्कामुक्की की गई। उन्हें अपना काम करने से रोका गया। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। मैं सांसदों को सुझाव देता हूं, कृपया थोड़ा आत्मनिरीक्षण कीजिए। निलंबित सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने  प्रदर्शन किया।

पहले भी हो चुकी है ऐसी कार्रवाई 

इससे पहले 5 मार्च, 2020 को सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने और खराब व्यवहार के लिए कांग्रेस के लोक सभा के सात सांसदों को सत्र के अंत तक के लिए निलंबित किया गया था। इनमें गौरव गोगोई, टी एन प्रथपन, डीन कुरीकोस, मनिक टैगोर, राजमोहन उन्नीथन, बेनी बेहानन और गुरजीत सिंह औजला शामिल थे।मार्च 2010 को राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल के विरोध में भारी हंगामे के कारण सातसांसदों को निलंबित किया गया था। उस दौरान राज्यसभा के चेयरमैन हामिद अंसारी थे। इस दौरान सदन में बिल को फाड़ा गया था और वेल में जाकर कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास किया गया था। इन सांसदों को सत्र के आखिर तक के लिए निलंबित किया। इन सांसदों को 108 वें संविधान संशोधन विधेयक पर बहस शुरू होने से पहले मार्शलों द्वारा सदन से बेदखल किया गया था।इस बिल में संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान था। निलंबित किए सांसदों में राजद के सुभाष यादव, समाजवादी पार्टी के कमाल अख्तर, वीरपाल सिंह यादव, नंद किशोर यादव और अमीर आलम खान, लोक जनशक्ति पार्टी के साबिर अली और जदयू के एजाज अली शामिल थे।