पेगासस स्पाइवेयर से राहुल गांधी की जासूसी का आरोप, होम मिनिस्टर के इस्तीफे की मांग, अमित शाह बोले-क्रोनोलॉजी समझिये 

इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों आदि की जासूसी का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी को 'भारतीय जासूस पार्टी' करार दिया है। पार्टी ने इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ जांच और होम मिनिस्टर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

पेगासस स्पाइवेयर से राहुल गांधी की जासूसी का आरोप, होम मिनिस्टर के इस्तीफे की मांग, अमित शाह बोले-क्रोनोलॉजी समझिये 
  • अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए: खड़गे
  • पेगासस कंपनी ने रिपोर्टों को गलत और भ्रामक बताया

नई दिल्ली। इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिए राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों, पत्रकारों आदि की जासूसी का आरोप लगा है। कांग्रेस ने बीजेपी को 'भारतीय जासूस पार्टी' करार दिया है। पार्टी ने इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ जांच और होम मिनिस्टर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।

जासूसी कराने की रिपोर्ट को भारत के विकास में विघ्न डालने वाला:शाह
वहीं होम मिनिस्टर अमित शाह ने पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से जासूसी कराने की रिपोर्ट को भारत के विकास में विघ्न डालने वाला बताया है। शाह ने इसे जारी करने के समय और विपक्ष के संसद के भीतर हंगामे की क्रोनोलोजी को समझने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड़यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेगी। मानसून सत्र देश में विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा।अमित शाह ने संसद में मॉनसून सत्र की शुरुआत से ऐन पहले पेगासस फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने पर संदेह जताया है। उन्होंने इसके जारी होने के पीछे बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। शाह ने दो टूक कहा है कि कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना हे। लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी। मॉनसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा।

उन्होंने कहा कि आज संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ। इस घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। हमारे लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले रविवार देर शाम एक रिपोर्ट आती है। इसे कुछ वर्गों की ओर से केवल एक ही मकसद के साथ फैलाया जाता है। वह यह है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए। अपने पुराने नैरेटिव के तहत इंटरनेशनल लेवल पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए। शाह ने बताया कि इस मॉनसून सत्र से देशवासियों की ढेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं। देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक और सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को खुद आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

देश की छवि को खराब करने की कोशिश

होम मिनिस्टर ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया है। इसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आये सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो महिलाओं और समाज के पिछड़े और वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं।ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या खुशी मिलती है?उन्होंने कहा कि अपना जनाधार और राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और न ही आश्चर्यजनक। कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र और विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है। लिहाजा, वह संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रही है।


सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है।

अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए: खड़गे

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडियसे बातचीत में  से कहा कि 'इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया जायेगा। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी और अपने मंत्रियों की जासूसी की गई है। हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और कई मीडिया समूहों की भी जासूसी कराई गई। क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा? भाजपा अब 'भारतीय जासूस पार्टी' बन गई है।सुरजेवाला ने सवाल किया, 'मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे। अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?' कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई।
राहुल, प्रशांत किशोर, अभिषेक बनर्जी... 
पेगासस फोन हैकिंग में कहा गया है कि फोन हैकर्स के निशाने पर राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, अभिषेक बनर्जी, रंजन गोगई, अशोक ल्वासा के साथ केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के नाम थे। वर्ल्डर के 17 मीडिया संस्थानों के कंसोर्टियम ने रविवार को एक रिपोर्ट छापी थी। दावा किया गया है कि भारत समेत कई देशों की सरकारों ने 150 से ज्यादा पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अन्य ऐक्टिविस्ट्स की जासूसी कराई।इसके लिए इजरायल के NSO ग्रुप के 'पेगासस' स्पाईवेयर का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत में 38 लोगों की निगरानी की गई। हालांकि, भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने पेगासस फोन हैकिंग मामले में जेपीसी जांच की मांग की है।
पेगासस कंपनी ने रिपोर्टों को गलत और भ्रामक बताया

पेगासस इजरायली फर्म एनएसओ ग्रुप का मैलवेयर है। यह आईफोन और एंड्रॉयड फोन को हैक कर लेता है। इजरायल की सुरक्षा कंपनी ने इसे आतंकियों को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया है। यह सॉफ्टवेयर किसी निजी फर्म को नहीं बेचा जाता है। कंपनी इसे केवल सरकारों को ही सप्लाई करती है। यही वजह है कि सरकार पर जासूसी कराने के लिए अंगुली उठ रही है। वैसे कंपनी भी रिपोर्टों को गलत और भ्रामक बता चुकी है। यहां तक उसने यह भी कहा है कि वह कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है।
इजरायली कंपनी NSO ग्रुप ने अपने 'पेगासस' सॉफ्टवेयर को लेकर हुए खुलासों पर बयान जारी किया। कंपनी का कहना है कि 'फॉरबिडेन स्टोरीज' की रिपोर्ट 'गलत धारणाओं और अपुष्ट सिद्धांतों' से भरी हुई है। एक बयान में इजरायल की इस साइबर इंटेलिजेंस कंपनी ने कहा कि रिपोर्ट का कोई 'तथ्यात्मक आधार नहीं है। यह सच्चाई से परे है। कंपनी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि 'अज्ञात सूत्रों' ने गलत जानकारी मुहैया कराई है।
जासूसी से जुड़ा पूरा विवाद
रविवार को वैश्विक स्तर पर कुछ मीडिया संस्थानों ने मिलकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की। इसमें भारत समेत विभिन्न देशों में इजरायली NSO ग्रुप के 'पेगासस' स्पाईवेयर के जरिए कई लोगों के सर्विलांस की बात कही गई। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कम से कम 38 लोगों की जासूसी की गई। इनमें पत्रकारों से लेकर कारोबारियों, मंत्रियों और एक सुप्रीम कोर्ट जज का नाम भी आया है। लीक हुए डेटा में 50000 से अधिक फोन नंबरों की सूची है।भारत समेत दुनिया के कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और ऐक्टिविस्ट्स की जासूसी का दावा किया गया है। दावा किया गया है कि इन लोगों के फोन को टैप करने के लिए इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के हैकिंग साफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इजरायली स्पायवेयर के जरिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन भी हैक किये गये थे। द वायर की तरफ से रविवार रात को जारी रिपोर्ट के अगले हिस्से में इसका खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कांग्रेस ने संसद में पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की। फ्रांसीसी मीडिया ने कहा है कि CJI पर आरोप लगाने के बाद ही इस स्टाफर को टारगेट की लिस्ट में शामिल कर लिया गया था। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक महिला से जुड़े तीन नंबरों के अलावा उसके पति और दो भाइयों के आठ नंबरों को भी मार्क किया गया था। इन नंबरों को भी उसी हफ्ते सर्विलांस के लिए संभावित कैंडिडेट्स में शामिल किया गया था।महिला स्टाफर से जुड़े 11 नंबर पेगासिस के जासूसी के प्रोजेक्ट में शामिल किए गए थे। भारत में ये किसी एक मामले से जुड़े सबसे ज्यादा नंबर थे। 
जासूसी की लिस्ट में महिला स्टाफर का शामिल होना और उसे चुने जाने का समय बताता है कि उसे और उसके परिवार वालों को लिस्ट में इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि उसने सार्वजनिक तौर पर भारत के तत्कालीन चीफ जस्टिस के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाये थे। इससे ये भी साबित होता है कि अनुचित रूप से दखल देना और गलत तरीके से निगरानी रखना ऐसे हालात में काफी रूटीन हो चला था, जबकि ऐसी कोई पब्लिक इमरजेंसी या भी नेशनल सिक्युरिटी का खतरा भी नहीं मौजूद था।
सरकार के मंत्री भी हैकिंग के दायरे में होने का दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल और संसद में सरकार का बचाव करने वाले IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के फोन भी हैकिंग टारगेट थे। विपक्ष के नेता राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ,चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर,पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के अलावा दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पेगासस के क्लाइंट्स ने ऐसे पत्रकारों की जासूसी कराई, जो सरकार की नाकामियों को उजागर करते रहे हैं या जो उसके फैसलों की आलोचना करते रहे हैं। एशिया से लेकर अमेरिका तक में कई देशों ने पेगासस के जरिए पत्रकारों की जासूसी की या उन्हें निगरानी सूची में रखा। रिपोर्ट में दुनिया के कुछ देशों के नाम भी दिए गए हैं, जहां पत्रकारों पर सरकार की नजरें हैं। लिस्ट में टॉप पर अजरबैजान है, जहां 48 पत्रकार सरकारी निगरानी सूची में थे। भारत में यह आंकड़ा 38 का है।