नई दिल्ली: राज्यसभा एमपी अमर सिंह का निधन, पिछले छह महीनों से सिंगापुर में करा रहे थे इलाज 

राज्यसभा एमपी अमर सिंह का शनिवार को निधन हो गया है। वह पिछले छह महीनों से सिंगापुर में इलाज करा रहे थे। 64 साल के अमर सिंह का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। वह सिंगापुर के एक हॉस्पीटल में आईसीयू में एडमिट थे।

नई दिल्ली: राज्यसभा एमपी अमर सिंह का निधन, पिछले छह महीनों से सिंगापुर में करा रहे थे इलाज 
  • राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति व पीएम समेक देश व स्टेट के नेताओ ने जाताया शोक

नई दिल्ली। राज्यसभा एमपी अमर सिंह का शनिवार को निधन हो गया है। वह पिछले छह महीनों से सिंगापुर में इलाज करा रहे थे। 64 साल के अमर सिंह का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। वह सिंगापुर के एक हॉस्पीटल में आईसीयू में एडमिट थे। उनका परिवार वहां पर मौजूद था। इससे पहले वर्ष 2013 में अमर सिंह की किडनी खराब हो गई थी।

अमर सिंह इंडियन पॉलिटिक्स में एक बड़े लीडर थे। यूपी के अमर सिंह समाजवादी पार्टी के बड़े लीडर व एक्स सीएम मुलायम सिंह यादव के करीबियों में से एक थे। अमर सिंह का पार्थिव शरीर सिंगापुर से कल भारत लाया जायेगा।अमर सिंह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते थे। शनिवार को मौत की खबर आने से कुछ ही घंटे पहले उन्होंने दो ट्वीट किए थे। जिसमें पहले ट्वीट में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी थी।वहीं दूसरे ट्वीट में लोगों को बकरीद की बधाई दी थी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने अमर सिंह के निधन पर जताया गहरा शोक

पीएम नरेंद्र मोदी ने अमर सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि वह एक ऊर्जावान और सार्वजनिक व्यक्ति थे। पिछले कुछ दशकों में उन्होंने प्रमुख राजनीतिक घटनाक्रम देखे हैं। वह जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी दोस्ती के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से दुखी हूं। पीएम ने कहा कि उनके दोस्तों और परिवार के प्रति संवेदना है। 

राष्ट्रपति ने व्यक्त किया शोक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अमर सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि राज्यसभा एमपी अमर सिंह के निधन के बारे में सुनकर दुःख हुआ। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी एक प्रतिभाशाली एमपी थे। उनके परिवार व सहयोगियों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमर सिंह फैमिली वालों के प्रति जताई गहरी संवेदनाएं

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अमर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ईश्वर अमर सिंह की आत्मा को अपने श्रीचरणों में शरण दें। अमर सिंह के परिवार के प्रति मेरी भावपूर्ण संवेदनाएं हैं। मैं इस दुखद क्षण में उनकी शोक संतप्त पत्नी और  बेटियों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हूँ।

उपराष्ट्रपति ने शोक जताया

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अमर सिंह के निधन पर ओम शांति लिखते शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों और सहयोगियों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जताया दुख

डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने अमर सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। राजनाथ सिंह ने दुख व्यक्त करते हुए कहा  'वरिष्ठ नेता एवं सांसद अमर सिंह के निधन से दुखी हूं। सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी। स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंह को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।'

अखिलेश यादव ने दी श्रद्धांजलि

अमर सिंह के निधन पर यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने ट्विटर पर एक फोटो शेयर करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पिता मुलायम सिंह और पार्टी से एमपी रह चुके अमर सिंह के साथ अपनी एक फोटो डालते हुए उन्होंने लिखा कि अमर सिंह के स्नेह और सान्निध्य से वंचित होने पर भावपूर्ण संवेदना एवं श्रद्धांजलि।

पॉलिटिक्स और बॉलीवुड के बड़े कॉम्बिनेशन थे अमर सिंह

अमर सिंह अपने हिन्दी नॉलेज और बड़े पॉलिटिकल रिलेशन के लिए जाने जाते थे। अमर सिंह एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह के काफी करीबी थे। बॉलीवुड में भी अमर सिंह की अच्छी पकड़ थी। अमर सिंह बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के खास दोस्तों में से थे। बीच में अमर सिंह और अमिताभ के बीच दूरियां हो गई थी, जिसपर उन्होंने हाल ही में अमिताभ बच्चन से माफी भी मांगी थी। अमर सिंह की गिनती देश के नामचीन इंड्रस्लिस्ट में होती थी। मगर समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह से जुड़ने के बाद उनकी पहचान पॉलिटिक्स के किंगमेकर के रूप में होती थी। वर्ष1990 के दशक में समाजवादी पार्टी और अमर सिंह एक दूसरे के पूरक माने जाते थे।
अमर सिंह का जीवन परिचय 

अमर सिंह का जन्म वर्ष 1956 की 27 जनवरी 1को आजमगढ़ के तरवा एरिया में हुआ था। अमर सिंह की पत्नी का नाम पंकजा कुमारी सिंह है। उनकी शादी वर्ष 1987 में हुई थी। अमर सिंह की दो जुड़वा बेटियां है उनके नाम दृष्टि और दिशा सिंह हैं। अमर सिंह ने कोलकाता के स्कूल से पढ़ाई की थी। वे कई पॉलिटिशियन,इंडस्ट्रलिस्ट और बॉलीवुड एक्टरों के करीब लोगों में जो शुमार थे। अमिताभ बच्चन उन्हें अपना बड़ा भाई बताते थे।वहीं मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी उन्हें छोटा भाई कहते थे। एक्स पीएम एचडी देवगौड़ा और चंद्रशेखर से लेकर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव तक कई पॉलिटिशियन के वे बहुत करीबी थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन को दीवालिया होने से बचाया था। अनिल अंबानी को उत्तर प्रदेश में पॉवर प्रोजेक्ट लगाने में भी पॉलिटिकल  मदद की थी।वर्ष 2008 में इंडिया की अमेरिका के साथ सिविल न्यूक्लियर डील कराने और वाम दलों के समर्थन वापस लेने के बाद मनमोहन सिंह गवर्नमेंट को बचाने तक में अमर सिंह का बड़ा रोल रहा था। यही नहीं वर्ष 1999 में वाजपेयी सरकार के एक वोट से गिर जाने के बाद सोनिया गांधी के विदेशी मूल के सवाल पर उन्हें पीएम न बनने देने में भी अमर सिंह को रोल था।

पूर्वांचल के बाबू साहब अमर सिंह 

अमर सिंह ने समय के साथ भले ही मुंबई में अपना ठिकाना बना लिया था मगर उनकी पहचान पूर्वांचल के बाबू साहब के तौर पर ही होती थीसमाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद ठाकुर वोटरों के बीच एक बड़े नेता के रूप में उनकी पहचान था। अमर सिंह ने भले ही अपना लंबा जीवन महाराष्ट्र के मुंबई शहर में बिताया हो, लेकिन पूर्वांचल की सियासत में अमर का दखल इस बात से ही सिद्ध था कि वह 90 के दशक में यहां के रसूखदार वीर बहादुर सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेताओं के सबसे करीबी लोगों में वो एक थे। वीर बहादुर सिंह के कारण ही अमर सिंह की भेंट मुलायम सिंह यादव से हुई थी। 

समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका में रहे अमर 

बड़े इंडस्ट्रलिस्ट और पूर्वांचल के रसूखदार ठाकुर नेता के रूप में पहचाने जाने वाले अमर सिंह कुछ सालों में मुलायम सिंह के खास बन गये थे। वह मुलायम के इतने खास बन गये कि उन्हें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वर्ष 2000 के आसपास अमर सिंह का समाजवादी पार्टी में दखल बढ़ा और टिकटों के बंटवारे से लेकर पार्टी के कई बड़े फैसलों में उन्होंने मुलायम के साथ प्रमुख भूमिका भी निभाई थी।पावर के सबसे बड़े मैनेजर थे अमर सिंह 

समाजवादी पार्टी से राज्यसभा जाने वाले अमर सिंह एक जमाने में सिर्फ एसपी ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी की सत्ता के सबसे बड़े मैनेजर कहे जाते थे। यदि पार्टी किसी जगह पर फंसती थी तो उसको उस मझधार से निकालने का काम अमर सिंह के ही जिम्मे होता था। उन्होंने ही अखिलेश यादव की पढ़ाई लिखाई और अन्य जिम्मा भी संभाला था। मुलायम सिंह की फैमिली में अमर सिंह की भूमिका कोई नहीं ले पाया था। 

पॉलिटिक्स और बॉलीवुड के सबसे बड़े कॉम्बिनेशन 
अमर सिंह सिर्फ एक लीडर और इंडस्ट्रलिस्ट ही नहीं थे बल्कि वो बॉलीवुड के हीरो हीरोइनों और राजनीति के सबसे बड़े कॉम्बिनेशन के तौर पर भी जाने जाते थे। उन्होंने कई हीरो हीरोइनों को पॉटिटिक्स से जोड़ा। पॉलिटिक्स के जानकार भी मानते थे कि अमर सिंह की बालीवुड के तमाम सितारों से खास रिश्ते हैं। यदि बॉलीवुड की किसी हस्ती को कहीं बुलाना है तो अमर सिंह की मदद लेनी होगी। 

मुलायम को सीएम तक कुर्सी तक पहुंचाने वाले अमर सिंह 

कहा जाता है कि समाजवादी पार्टी के संरक्षक और एक्स सीएम मुलायम सिंह यादव को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने वाले अमर सिंह ही थे। वह वर्ष 90 के दशक से ही यूपी के कद्दावर राजनीतिक चेहरों के रूप में जाने जाते थे। एक समय था जब अमर सिंह को मुलायम सिंह यादव का सबसे करीबी माना जाता था। उनको पार्टी में नंबर दो पोजिशन हासिल थी।मुलायम सिंह के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी के लिए बहुत काम किया। अमर सिंह ने ही अमिताभ बच्चन और उनकी फैमिली को समाजवादी पार्टी के साथ जोड़ने में सफल हुए थे। यह पहला मौका था जब समाजवादी पार्टी के साथ अमिताभ बच्चन जैसे सुपर स्टार का नाम जुड़ा था। इसके बाद वो अन्य चेहरों को भी इस पार्टी के झंडे के नीचे ले आये थे। हालांकि वर्ष 2010 में पार्टी के सभी पदों से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। कुछ दिनों के बाद जब संबंधों में तल्खी बढ़ी तो उन्हें पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया गया। 

बना ली थी राष्ट्रीय लोकमंच 
दो दशक तक पूर्वांचल की सियासत में बड़ी भूमिका निभाने वाले अमर को वर्ष 2010 में समाजवादी पार्टी से निष्कासित किया गया था। इसके बाद उन्होंने पू्र्वांचल को अलग राज्य घोषित करने की मांग के साथ अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोकमंच का गठन किया। लोकमंच ने आजमगढ़ समेत पूर्वांचल के कई जिलों में बड़ी सभाएं भी की, लेकिन कोई खास असर नहीं दिखा सकी। उसके बाद अमर सिंह की तबियत पर भी असर पड़ा जिससे पार्टी बहुत अधिक गतिविधि नहीं कर पाई।