धनबाद: बदले की कार्रवाई ! झरिया एमएलए पूर्णिमा सिंह का मास्टर स्ट्रॉक, संजीव सिंह दुमका सेंट्रल जेल शिफ्ट

क्स एमएलए संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका शिफ्ट किये जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। संजीव को धनबाद से दुमका जेल शिफ्ट किये जाने को पारिवारिक व राजनीतिक विवाद में बदले की कार्रवाई बतायी जा रही है। इस कार्रवाई को झरिया एमएलए का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। 

धनबाद: बदले की कार्रवाई ! झरिया एमएलए  पूर्णिमा सिंह का मास्टर स्ट्रॉक, संजीव सिंह दुमका सेंट्रल जेल शिफ्ट

धनबाद। एक्स एमएलए संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका शिफ्ट किये जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। संजीव को धनबाद से दुमका जेल शिफ्ट किये जाने को पारिवारिक व राजनीतिक विवाद में बदले की कार्रवाई बतायी जा रही है। इस कार्रवाई को झरिया एमएलए का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है। 

जेल प्रशासन ने धनबाद जेल में संजीव की जान को खतरा बताते हुए दुमका सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया है। हालांकि उनके समर्थकों का आरोप है कि यह झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के दबाव में किया गया है। पूर्णिमा अपने पति नीरज की मर्डर का बदला ले रही है। संजीव पर ही धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की मर्डर कराने का आरोप है। 

संजीव सिंह वर्ष 2017 की 11 अप्रैल से हैं जेल में बंद

संजीव सिंह वर्ष 2017 की 11 अप्रैल से जेल में बंद है। इसके पूर्व भी वर्ष 2020 की 17 अक्टूबर को  सुरक्षा कारणों का हवाला देकर जेल आईजी के निर्देश पर धनबाद जेल प्रशासन ने नीरज मर्डर केस के एक्युज्ड व  शूटर अमन सिंह को रांची के होटवार जेल, शिबू उर्फ सागर को जमशेदपुर के घाघीडीह जेल, सोनू उर्फ कुर्बान अली को मेदनीनगर जेल, सतीश उर्फ रोहित उर्फ चंदन को दुमका जेल एवं मास्टरमाइंड पंकज सिंह को हजारीबाग सेंट्रल जेल भेजा  है। इसके पूर्व वर्ष  2017 की 20 अप्रैल संजीव सिंह को भी रांची के होटवार जेल में शिफ्ट किया गया था।  हालांकि बाद में कोर्ट के आदेश पर फिर उन्हें वापस धनबाद जेल ले लाया गया था। इसके बाद उन्हें चतरा जेल भेजने की कोशिश की गयी थी। 

संजीव सिंह की तबीयत चल रही है खराब

जेल में बंद संजीव सिंह की तबियत खराब चल रही है। डॉक्टरों ने उनके  इलाज के लिए बड़े संस्थान में भेजने की सलाह दी है। संजीव के एडवोकेट ने शनिवार को उनकी ओर से कोर्ट में आवेदन देकर इलाज के लिए बड़े चिकित्सिय संस्थान में भेजने की गुहार लगाई है। मामले में मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। इसी बीच जेल प्रशासन ने संजीव को धनबाद से दुमका भेजने का आदेश जारी कर दिया। संजीव के एडवोकेट जावेद  ने बताया कि जेल शिफ्टिंग कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। प्रशासन के द्वारा जान बूझकर राजनीतिक षड्यंत्र के तहत यह काम किया गया है। इस कारण सोमवार को जेल पदाधिकारियों के विरुद्ध  कोर्ट में कंपलेन की जायेगी। 

रघुकुल व सिंह मेंशन में शह-मात की लड़ाई,अभी पूर्णिमा का पलड़ा भारी

झारखंड में वर्ष 2019 की दिसंबर तक बीजेपी गवर्नमेंट थी। संजीव सिंह झरिया से बीजेपी के एमएलए थे। वर्ष 2017 की 21 मार्च को नीरज सिंह की मर्डर के बाद 11 अप्रैल को संजीव सिंह को जेल भेज दिया गया था। जेल में रहने के कारण संजीव सिंह ने वर्ष 2019 में झारखंड विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा। बीजेपी के टिकट पर उनकी पत्नी रागिनी सिंह झरिया से मैदान में थी। नीरज की पत्नी पूर्णिमा सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया। पूर्णिमा ने रागिनी को पराजित कर दिया। इसके बाद से राजनीतिक पलड़ा पूर्णिमा सिंह के पक्ष में है। स्टेट में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की गवर्नमेंट हैं। पूर्णिमा सिंह अपने पति नीरज की हत्या में शामिल अभियुक्तों को सजा दिलाने के लिए एक्टिव हैं।

झरिया में सिंह मेंशन व रघुकुल समर्थकों के बीच जंग

झरिया में सिंह मेंशन व रघुकुल समर्थकों के बीच एक साल के दौरान कई बार हिंसक झड़प हो चुकी है। बीसीसीएल कोलियरी व आउटसोर्सिंग में वर्चस्व के लेकर दोनों घरानों के समर्थक भिड़ते रहे हैं। एना प्रोजेक्ट इसका इससे बड़ा उदाहरण है। बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष मानस प्रसून और लीडर अखिलेश सिंह का कहना है कि नीरज मर्डर केस में जल्द ही फैसला आने वाला है। पूर्णिमा सिंह नहीं चाहती हैं कि संजीव धनबाद में रहकर कोर्ट में अपने पक्ष को अच्छी तरह से रखें। पूर्णिमा ने हेमंत सरकार पर अनैतिक दबाव डालकर संजीव को दुमका शिफ्ट करवाया है।