टाटा स्टील झरिया डिवीजन ने वार्षिक दो मिलियन टन कैपिसिटी वाला कोल प्रिपरेशन प्लांट शुरू किया

टाटा स्टील के झरिया डिवीजन ने अपने मशीनीकरण और आधुनिकीकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को 2 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाला अत्याधुनिक कोल प्रीपरेशन प्लांट का शुभारंभ किया। जामाडोबा कोलियरी में मेन मेकेनिकल वेंटीलेटर के लिए 400 किलोवोल्ट-एम्पीयर (केवीए) का एक यूपीएस (अनइंटररप्टेड पॉवर सप्लाई) भी शुरु किया गया। 

टाटा स्टील झरिया डिवीजन ने वार्षिक दो मिलियन टन कैपिसिटी वाला कोल प्रिपरेशन प्लांट शुरू किया

धनबाद। टाटा स्टील झरिया डिवीजन ने अपने मशीनीकरण और आधुनिकीकरण कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए गुरुवार को 2 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) क्षमता वाला अत्याधुनिक कोल प्रीपरेशन प्लांट का शुभारंभ किया। जामाडोबा कोलियरी में मेन मेकेनिकल वेंटीलेटर के लिए 400 किलोवोल्ट-एम्पीयर (केवीए) का एक यूपीएस (अनइंटररप्टेड पॉवर सप्लाई) भी शुरु किया गया। 
इन सुविधाओं का उद्घाटन डीबी सुंदर रामम, वाईस प्रेसिडेंट (रॉ मैटेरियल्स), टाटा स्टील ने किया। मौके पर संजय रजोरिया, जेनेरल मैनेजर, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील समेत कंपनी के सीनीयर अफसरों व आरसीएमएस के पदाधिकारियों की उपस्थिति थे। मौके पर अपने संबोधन में डी बी सुंदर रामम ने कहा, ‘उपयुक्त टेक्नोलॉजी को लागू करना अंडरग्राउंड माइनंग की सफलता की कुंजी है। टाटा स्टील में हम दीर्घकालिक मूल्य का निर्माण करने के। लिए सुरक्षा और स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) पर ध्यान देने के साथ अपनी इनोवेटिव क्षमताओं, टेक्नोलॉजी लीडरशिप का इष्टतम लाभ उठाते हैं। यह अत्याधुनिक बेनेफिसिएशन प्लांट न केवल उत्पादकता, सुरक्षा और पर्यावरण जैसे मुद्दों को संबोधित करता है, बल्कि इसके साथ-साथ प्रतिस्पर्धी मूल्य पर कोयले का उत्पादन सुनिश्चित करता है।
1952 से चल रही एशिया की सबसे पुरानी वाशरी को अब अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से निर्मित 2 एमटीपीए कोल प्रीपरेशन प्लांट के रूप में दुनिया की सबसे आधुनिक वाशरीज़ में से एक में बदल दिया गया है। यह वाशरी पारंपरिक सेट-अप से एक बड़ा अपग्रेडेशन है, जो उत्पादन क्षमता में सुधार हेतू रिफ्लक्स क्लासिफायर के खुरदरा इंटरमीडिएट सर्किट के लिए ‘डेंस मीडिया साइक्लोन सर्किट’ और फाइंस सर्किट के लिए फ्लोटेशन को पैक करता है। यह देश की पहली ऐसी वाशरी भी है। जिसके प्लांट के अंदर 100 प्रतिशत डीवाटरिंग सुविधा का निर्माण किया गया है। इससे टेलिंग पॉन्ड, ऑटो स्प्रिंकलर और ड्राई फॉग सिस्टम की आवश्यकता पूरी तरह से समाप्त हो गई है।

 विशाल यूपीएस 450 हॉर्सपावर के माइन फैन को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान करता है और डीवीसी से बिजली बाधित होने पर स्वतः बदल जाता है। इसे 40 मिनट तक चालू रखता है। जिससे बिजली की बहाली या कैप्टिव सप्लाई में बदलाव के लिए पर्याप्त समय मिलता है। विशाल बैटरी बैकअप वाला यह यूपीएस देश में किसी भी माइन वेंटिलेशन फैन के लिए अपनी तरह का पहला यूपीएस है। यह सेट-अप न केवल खानों के भीतर सुरक्षा और अर्गोनॉमिक्स को बढ़ायेगा, बल्कि खनिकों को काम करने के लिए अधिक आरामदायक वातावरण भी प्रदान करेगा।
टाटा स्टील का झरिया डिवीजन शुरुआत से ही नवाचार और आधुनिकीकरण के शीर्ष पर रहा है और हॉलेज सिस्टम के साथ चेयर लिफ्ट मैन राइडिंग सिस्टम, कूलिंग प्लांट, कम क्षमता व कम लागत वाली कंटीन्यूअस माइनर जैसी पहलकदमियों ने देश में भूमिगत खनन के लिए बेंचमार्क स्थापित किये हैं। झरिया डिवीजन ने मेकेनाइजेशन और डिजिटलीकरण की कई पहल की हैं, जिससे परिचालन उत्कृष्टता को बेहतर करने में मदद मिली है।
 कार्यक्रम में सिद्धार्थ शाह, चीफ एचआरबीपी (आरएम) और चीफ डायवर्सिटी ऑफिसर, टाटा स्टील, मयंक शेखर, चीफ जामाडोबा ग्रुप, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील, सौमेंदु कुमार मांझी, चीफ इंजीनियरिंग सर्विसेज, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील, देबाशीष बनर्जी, चीफ, एचआरबीपी, झरिया डिवीजन, टाटा स्टील, सुब्रत दास, चीफ प्रोजेक्ट (कोल), टाटा स्टील, संतोष महतो, क्षेत्रीय सचिव, आरसीएमएस और टी के दत्ता, सचिव (आरसीएमएस) जेसीपीपी आदि भी उपस्थित थे।