धनबाद: Singh Mansion की संपत्ति संभालेंगे विक्रमा सिंह, जेल में बंद एक्स एमएलए संजीव अपने चाचा को देंगे power of attorney

0 माह से जेल में बंद झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह फैमिली के सबसे बुजुर्ग सदस्य अपने चाचा विक्रमा सिंह को अपनी संपत्ति की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपेंगे। विक्रमा सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित गोनिया छपरा स्थित पैतृक गांव में रहते हैं। वह दोआबा क्षेत्र के एमएलए रह चुके हैं। वे संजीव सिंह के पिता स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई हैं। संजीव के इस मास्टर स्ट्रोक से फैमिली में उनकी खिलाफत करने वाले को बड़ा झटका लगा है। 

धनबाद: Singh Mansion की संपत्ति संभालेंगे विक्रमा सिंह, जेल में बंद एक्स एमएलए संजीव अपने चाचा को देंगे power of attorney
संजीव व विक्रमा सिंह (फाइल फोटो)।

धनबाद। 40 माह से जेल में बंद झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह फैमिली के सबसे बुजुर्ग सदस्य अपने चाचा विक्रमा सिंह को अपनी संपत्ति की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपेंगे। विक्रमा सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित गोनिया छपरा स्थित पैतृक गांव में रहते हैं। वह दोआबा क्षेत्र के एमएलए रह चुके हैं। वे संजीव सिंह के पिता स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई हैं। संजीव के इस मास्टर स्ट्रोक से फैमिली में उनकी खिलाफत करने वाले को बड़ा झटका लगा है। 

अपने चचेरे भाई की मर्डर के आरोप में जेल में बंद संजीव को जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे की कोर्ट ने अनुमति दी है कि वह अपनी स्वअर्जित संपत्ति की देखभाल करने के लिए अपने रिश्तेदार को power of attorney कर सकते हैं। कोर्ट ने सबरजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि power of attorney रजिस्टर्ड करने से संबंधित कार्रवाई करने के लिए धनबाद जेल में जायेंगे। वहां सभी कार्रवाई पूरी करेंगे। संजीव के फैसले को लेकर तरह-तरह के कयास लगाये जा रहे हैं।  
संजीव सिंह के उक्त आवेदन का एक तरफ  अभिषेक सिंह ने पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि संपत्ति को लेकर उनके घर में पुराना विवाद है, जिसके चलते उनके भाई की मर्डर हुई थी।दूसरी ओर पीपी ने भी संजीव के इस आवेदन का विरोध किया था और कहा था कि संजीव सिंह किस संपत्ति का power of attorney करना चाहते हैं इसका पूरा ब्यौरा कोर्ट के सामने दाखिल करें। इस पर संजीव की ओर से उनके पैरवीकार ने शपथ पत्र दिया था कि संजीव सिंह अपनी स्वअर्जित संपत्ति का ही power of attorney करेंगे। इसका भी विरोध लोक पीपी के द्वारा यह कहते हुए किया गया था कि पैरवीकार उनके रिश्तेदार नहीं हैं, इसलिए वह शपथ पत्र नहीं दे सकते। कोर्ट ने अभिषेक और पीपी की इस दलील को खारिज कर दिया।

संजीव की पहल फैमिली में संपत्ति विवाद खत्म करने का प्रयास

पिछले कई वर्षों से सिंह मैंशन में संपत्ति विवाद चला आ रहा है। ऐसी हालत में संजीव सिंह का यह फैसला फैमिली के अंदर चल रहे विवाद को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। मेंशन समर्थकों का मानना है कि संजीव अपने बड़े चाचा विक्रमा सिंह को संपत्ति के देखभाल की जिम्मेदारी सौंपेंगे तो विवाद की आशंका नहीं रहेगी। विक्रमा सिंह का विरोध रामधीर सिंह, कुंती देवी, शशी सिंह, मनीष सिंह और किरण सिंह नहीं करेंगें। हालांकि पहले यह अटकल लगाई जा रही थी कि संजीव सिंह अपनी पत्नी रागिनी सिंह को संपत्ति की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपेंगे, परंतु उन्होंने सारे अटकलों पर विराम लगा दिया।संजीव की इस कदम से विरोधी पक्ष में मायूसी है।