धनबाद: एमओयू के बाद ही झारखंड के मजदूर जायेंगे दूसरे स्टेट: आलमगीर

  • टेंडर मैनेज विवाद पर मिनिस्टर कहा-बीजेपी के पास मुद्दा नहीं
धनबाद। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि कंपनियों से एमओयू के बाद झारखंड के मजदूरों करो दूसरे स्टेट में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में वापस आये मजदूरों सर्वेक्षण भी किया गया। पता चला है कि 65 परसेंट प्रवासी मजदूर स्कील्ड हैं, जिन्हें बाहर राज्यों की कंपनियां फोन कर वापस बुला रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे कामगारों की सुरक्षा, आने-जाने की व्यवस्था, खान पान और स्वास्थ्य की आवश्यकताओं को देखते हुए झारखंड सरकार ने इन कंपनियों से सरकार के साथ एमओयू करने का ऑफर दिया है। ताकि यहां के मजदूर यदि वापस जाते हैं तो उन्हें पूरी सुविधा और संरक्षा मिल सके। पाकुड़ से रांची जाने के क्रम में मिनिस्टर में धनबाद सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मौके पर एक्स मिनिस्टर मो मन्नान मल्लिक, जलेश्वर महतो, कांग्रेस जिला अध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र ‍वर्मा, युवक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अभिजीत राज, शमशेर आलम, मनोज सिंह, अनवर शमीम समेत अन्य उपस्थित थे। यह भी पढ़ें:झारखंड में 28 जून को 11 जिले में 24 नये कोरोना पेसेंट मिले, स्टेट में संक्रमितों की संख्या 2385 हुई उन्होंने बताया कि राज्य में वापस आए 7.80 लाख प्रवासी कामगारों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है। मंत्री ने माना की मनरेगा की योजनाओं में बिचौलिया हावी हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होगी।यदि मनरेगा का कार्य मशीन से किया जा रहा है तो लाभुक समेत सभी पर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से मनरेगा मजदूरी 300 रुपये करने की मांग की है। एक सौ दिन के बजाए तीन सौ दिनों का काम देने की भी मांग की गई है। 172 रुपये मजदूरी दे रही है। कोरोना संक्रमण काल में काफी संख्या में मजदूरों की वापसी हुई है। ऐसे में उन्हें गांव में ही रोजगार मिले और सम्मान जनक राशि प्राप्त हो इसके लिए झारखंड सरकार ने उपरोक्त मांग केंद्र सरकार से की है। यह भी पढ़ें:धनबाद: कोविड-19 हॉस्पीटल में अव्यवस्था, टाटा सात पेसेंट टीएमएच जमशेदपुर भेजे गये मनरेगा में बिचौलिया हावी आलम ने बताया कि राज्य में वापस आये 7.80 लाख प्रवासी कामगारों को मनरेगा के तहत काम दिया गया है। उन्होंने माना की मनरेगा की योजनाओं में बिचौलिया हावी हैं। आलमगीर ने कहा कि फलदार वृक्ष लगाने की एक योजना सरकार संचालित कर रही है। इसमें केवल पांच एकड़ अथवा उससे अधिक जमीन वाले को ही लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि सभी किसान जो अपनी जमीन इस योजना के तहत देना चाहते हैं उन्हें भी लाभ दिया जायेगा।बरहड़वा नगर पंचायत में ठेका-पट्टी को लेकर विवाद पर उन्होंने कहा है कि वायरल ऑडियो में वे किसी की पैरवी नहीं कर रहे थे। जनता के हित की बात की है। वे जनता के साथ हैं और जनता के साथ ही रहेंगे। इस मामले को बीजेपी के लोग बेवजह तूल दे रहे हैं। उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि फोन करने वाले ने उन्हें मामा कह कर संबोधित किया था और इसके जवाब में उन्होंने भी उसे मामा कहा। उनके पास आने वाले लोग भी दूसरे दलों के हैं, लेकिन वे मंत्री होने के नाते लोगों का साथ दे रहे हैं। आलम ने कहा कि यदि जनता का साथ देना गलत है तो वे ये गलती हमेशा करते रहेंगे। उन्होंने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे का नाम लिए बैगर कहा कि जो लोग इस मामले को तूल दे रहे हैं वे खुद बतायें कि इसमें उनकी भूमिका क्या है। एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी द्वारा मामले की लोकायुक्त से जांच कराने के सवाल पर कहा कि वे जांच के लिए तैयार हैं। यह भी पढ़ें:धनबाद:DMC वार्ड नंबर 17, 38, 40, 52 में सात कंटनेमेंट जोन, लगा कर्फ्यू, एरिया सील जिप चेयरमैन-डीडीसी विवाद का निपटारा जल्द धनबाद जिला परिषद चेयरमैन रोबिन गोराई और डीडीसी बाल किशुन मुंडा के बीच उत्पन्न विवाद पर आलम ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर इस विवाद के निपटारे को समाप्त कर ग्रामीण विकास की योजनाओं को लागू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस विवाद की जानकारी उन्हें भी है। डीडीसी और जनप्रतिनिधि को एक टीम भावना से काम करना चाहिए। ताकि लोगों को सुविधाएं मिल सके। कांग्रेसी नेताओं ने सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जिया उड़ायी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की प्रेस कांफ्रेस के दौरान कांग्रेसियों ने सोशल डिस्टैंसिंग की धज्जियां उड़ा दी। पीसी के दौरान सर्किट हाउस में मंत्री अगल-बगल कांग्रेसी बैठ गये. कई अन्य नेता मंत्री के पीछे सट कर खड़े हो गये। मन्नान मल्लिक, जलेश्वर महतो, मनोज सिंह, शमशेर आलम समेत अन्य लीडर मास्क भी नहीं पहने थे। ना हुआ था।