दुमका: DSP नूर मुस्तफा पर गिरेगी गाज!, पुलिस ने नाबालिग अंकिता को बना दिया बालिग

उपराजधानी दुमका टाउन एरिया के जरूवाडीह मुहल्ला निवासी संजीव सिंह की पुत्री 12 वीं छात्रा अंकिता सिंह (16) को रात घर में रात को सोते समय शाहरुख हुसैन ने पेट्रोल छिड़कर जला डाला। इलाज के बाद अंकिता की मौत हो गयी। भले ही पुलिस मुख्य आरोपी को घटना के दिन ही अरेस्ट कर ली लेकिन पुलिस की शिथितलता व एक्युज्ड को कागजी मदद करने की कोशिश का खुलासा हो गया है। पूरे मामले में डीएसपी नूर मुस्तफा निशाने पर आ गये हैं। 

दुमका: DSP नूर मुस्तफा पर गिरेगी गाज!, पुलिस ने नाबालिग अंकिता को बना दिया बालिग
  • थाना प्रभारी लेवल से भी की गयी गड़बड़ी
दुमका। उपराजधानी दुमका टाउन एरिया के जरूवाडीह मुहल्ला निवासी संजीव सिंह की पुत्री 12 वीं छात्रा अंकिता सिंह (16) को रात घर में रात को सोते समय शाहरुख हुसैन ने पेट्रोल छिड़कर जला डाला। इलाज के बाद अंकिता की मौत हो गयी। भले ही पुलिस मुख्य आरोपी को घटना के दिन ही अरेस्ट कर ली लेकिन पुलिस की शिथितलता व एक्युज्ड को कागजी मदद करने की कोशिश का खुलासा हो गया है। पूरे मामले में डीएसपी नूर मुस्तफा निशाने पर आ गये हैं। 
एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने डीएसपी नूर मुस्तफा पर एक्युज्ड को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे भऊी डीएसपी की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाया है। आईपीएस अफसर बनने का सपना देख रही अंकिता की मौत के बाद बाद दुमका में आक्रोश है।आरोप है कि एक्युज्ड को बाद में कानूनी लाभ मिल सके इसलिए उसके बयान दर्ज करते समय उम्रसीमा गलत लिख दिया गया। अंकिता की उम्र 17 साल है. लेकिन पुलिस 19 साल लिखी है। आरोप है कि अंकिता को बालिग दर्शाकर आरोपी शाहरुख खान को कानूनी मदद पहुंचाने की साजिश रची  गयी है। अंकिता के स्कूल व आधार कार्ड में उम्र 17 साल ही अंकित है। लेकिन पुलिस ने अपनी कागजी कार्रवाई में उसकी उम्र 19 साल दर्शाया है। आरोप है कि डीएसपी के प्रेशर में ऐसा किया गया है। मामले में दुमका टाउन पुलिस स्टेशन इंचार्ज नीतिन कुमार भी शिथिलता व गड़बड़ी उजागर होने की संभावना है। ऐसे में डीएसपी व थानेदार दोनों पर प्रशासनिक गाज गिरने की संभावना है। 
पहले भी विवादों में रहे हैं नूर मुस्तफा
बाबूलाल मरांडी ने मई महीने में दुमका में हुए एक मामले का जिक्र किया है जिसमें आदिवासी समुदाय के शोषण के आरोप में जुल्फीकार नाम के एक आदमी जेल गया। मरांडी ने आरोप लगाया है कि नूर मुस्तफा ने उस मामले में 90 दिनों में चार्जशीट दाखिल नहीं की। इस वह से आरोपित को जमानत मिल गई। 

एसडीपीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी
दुमका के लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी के खिलाफ है। अंकिता की मौत के बाद सोमवार को टाउन में विरोध प्रदर्शन कर रहे अमन राज समेत अन्य लोगों का कहना है कि अंकिता के मैट्रिक प्रमाण पत्र से उसकी जन्मतिथि 26 नवंबर 2006 है। यानी अभी उसकी उम्र 16 साल भी पूरी नहीं हुई है। इसके बाद भी उसे बालिग बताकर केस को हल्का करने का प्रयास किया गया है। ऐसे एसडीपीओ को निलंबित करते हुए दुमका से हटाया जाए। प्रदर्शन के बाद मिथिलेश कुमार, बबलू कुमार, आनंद मांझी, संजय व प्रिया दत्ता ने डीआइजी को आवेदन देकर एसडीपीओ को अविलंब स्थानांतरित करने की मांग की। एसडीपीओ पर हिंदू विरोध काम करने का आरोप लगा। जिले में हमेशा जिहादी मानसिकता वाले लोगों को संरक्षण देते आए हैं। अंकिता जैसी फिर घटना नहीं हो, इसलिए एक सप्ताह के अंदर उनका तबादला कर दिया जाए।

डीसी ने अंकिता के पिता को सौंपा 10 लाख का चेक
सीएम हेमंत सोरेन ने अंकिता के परिवार वालों को 10 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की थी। इस मामले को सीएम हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है। सीएम के निर्देश पर एडीजी व आइजी मामले की जांच कर रहे हैं।  सीएम ने मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की बात कही है।   

सीएम के आदेश पर दुमका डीसी रविशंकर शुक्ला ने अंकिता के पिता संजीव सिंह को सहायता राशि के तौर पर नौ लाख रुपये का चेक दिया गया। जिला प्रशासन ने एक लाख रुपये का चेक पूर्व में ही संजीव को अंकिता के इलाज के लिए उपलब्ध कराया गया था। इस तरह से कुल 10 लाख रुपये अंकिता के परिजनों को सहायता राशि के तौर पर दिया है। डीसी ने संजीव सिंह के घर पहुंच कर सहायता राशि प्रदान किया।
अंकिता के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए पुलिस ने बनाई बड़ी रणनीति
अंकिता हत्याकांड की जांच इंस्पेक्टर लेवल के अफसर करेंगे। इसका सुपरविजन दुमका के एसपी अंबर लकड़ा करेंगे। जबकि पूरे केस की निगरानी की जिम्मेदारी दुमका के रेंज डीआइजी सुदर्शन प्रसाद मंडल को दी गई है। उन्हें यह भी आदेश दिया गया है कि दुमका के एसडीपीओ नूर मुस्तफा पर लगे आरोपों की भी गंभीरता से जांच कर रिपोर्ट दें। अगर एसडीपीओ पर लगे पक्षपात के आरोप सही पाये गये तो उनपर भी कानून सम्मत कार्रवाई हो सकती है। पुलिस हेडक्वार्टर ने इस केस में पूरी संवेदनशीलता के साथ अनुसंधान करने का आदेश जारी किया है।
 कोर्ट में जल्द में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी
 डीआइजी को अपनी निगरानी में केस का इन्विस्टीगेशन साइंटिफिक तरीके से जल्द पूरा कराते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कराने को कहा गया है। इसके बाद फास्ट ट्रेक कोर्ट से स्पीडी ट्रायल कराने के लिए पुलिस कोर्ट से अनुरोध करेगी ताकि दोषियों को सजा हो सके। पुलिस हेडक्वार्टरके अनुसार यह अति संवेदनशील एवं अत्यंत गंभीर क्राइम है। इस घटना में दोषियों को प्राथमिकता के आधार पर स्पीडी ट्रायल कराकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस प्रयास करेगी। यह झारखंड पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
 दुमका पुलिस को निर्देशित करेंगे एडीजी व आइजी
 पुलिस हेडक्वार्टर के आदेश पर एडीजी मुरारी लाल मीणा व आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज पहुंच गये हैं।  उन्हें यह आदेश दिया गया है कि वे पूरे मामले का सूक्ष्म अध्ययन करें और जांच के सभी बिंदुओं पर दुमका पुलिस को इन्विस्टीगेशषन  पूरा करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दें। इस कांड का वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान में आवश्यक सहयोग के लिए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के सहयोग से राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला की टीम को भी घटनास्थल पर भेजा गया है।
 अंकिता की हत्या शर्मनाक, , पुलिस की भूमिका की होगी जांच
 गवर्नर रमेश बैस ने दुमका में प्रे 16 साल की छात्रा अंकिता सिंह को पेट्रोल छिड़ककर जलाकर मार डालने की घटना को अत्यंत दुखद बताया है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की जघन्य व पीड़ादायी घटना राज्य के लिए शर्मनाक है। उन्होंने सोमवार को पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा से दूरभाष पर बात कर अंकिता की मौत के मामले में लोकलपुलिस की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया। उन्होंने इस घटना की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की बात कही।
 झारखंड में जनता सुरक्षित नहीं 
गवर्नर ने कहा कि ऐसी घटनाओं से राज्य की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। प्रदेश की जनता घर, दुकान, माल, सड़क कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा पूर्व में भी डीजीपी को राज्य की विधि-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए इसे प्रभावी व दुरुस्त करने का निदेश दिया गया था लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं दिख रहा है। एक लड़की जिसने अभी पूरी दुनिया भी नहीं देखी थी, उसका इस प्रकार से अंत बहुत ही पीड़ादायक है। इससे पहले राज्यपाल ने अंकिता के पिता से बात कर उनसे पूरी घटना की जानकारी ली एवं व्यक्तिगत रूप से सांत्वना दी। उन्होंने पीड़ित के परिवार को तत्काल दो लाख की राशि अपने विवेकाधीन अनुदान मद से देने की भी घोषणा भी की। शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।
 
पीड़ित परिवार से मिले बाबूलाल, कहा- क्या कर रहे थे भाई बसंत व भाभी सीता सोरेन ?

एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोमवार की देर शाम अंकिता के घर जाकर परिस्वजनों से घटना की जानकारी। उन्होंने कहा कि अंकिता की हालत नाजुक थी। उसे एयरलिफ्ट कर समय से पहले रांची रिम्स लाया जा सकता था। हो सकता समय पर इलाज मिलने के कारण उसकी जान बच जाती। दुमका की बेटी लावारिस की तरह हॉस्पिटल में पड़ी रही। इससे सरकार की संवेदना का पता चलता है। उन्होंने कहा कि दुमका से सीएम के भाई बसंत सोरेन एमएलए है, भाभी सीता सोरेन भी जामा से एमएलए हैं। पता है कि दोनों उस वक्त क्या कर रहे थे। सरकार बच्ची की जान बचाने की बजाय क्रिमिनलों को बचाने का प्रयास करती है। क्रिमिनलों को फास्ट ट्रैक से सजा दिलाने का प्रयास किया जायेगा।
अंकिता की बॉडी को देखने मुस्लिम समुदाय की महिलाएं भी उतरीं सड़क पर

जिस अंकिता को वनारा शाहरुख खान ने जलाकर मार डाला। उसकी बड़ी देखने बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी सड़क पर उतरी थी। वहीं दुमका के मुस्लिम का कहना है कि दो-चार मनचलों की वजह से पूरी कौम बदनाम हो रही है। 
घर में लटका है ताला
आरोपित शाहरुख का असली घर शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के बरमसिया में है। वह यहां मामा के घर में रहकर रंगमिस्त्री का काम करता था, जबकि मामा रज्जाक, कुर्बान और फिरोज में दो राजमिस्त्री और एक साइकिल दुकान में काम करता है। शाहरूख के पिता का निधन पूर्व में ही हो चुका है। उसकी एक बहन और मां है। घटना के बाद पूरा परिवार ताला लगाकर कहीं चला गया 
राष्ट्रीय महिला आयोग ने डीजीपी से मांगी रिपोर्ट
इस घटना को राष्ट्रीय महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने सोमवार को डीजीपी को पत्र लिखकर अब तक इस पूरे प्रकरण में की गई कार्रवाई से संबंधित पूरी रिपोर्ट मांगी है। दुमका की इस हृदय विदारक घटना से पूरा देश स्तब्ध है। आयोग ने आगे लिखा है कि यह बहुत ही दुखद घटना है और इसके दोषी किसी भी कीमत पर बचें नहीं, इसपर ध्यान देना चाहिए। 
यह है मामला
दुमका टाउन एरिया के जरुआडीह में एकतरफा प्यार में विफल रहने के बाद शाहरूख हुसैन नाम के युवक ने 12वीं की छात्रा अंकिता पर बीते 23 अगस्त, 2022 ती तड़के पेट्रोल छिड़कर उसके ही घर में ही जला दिया था। अंकिता को  गंभीर स्थिति में दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया था। अंकिता ने रविवार को दम तोड़ दिया। हालांकि पुलिस ने 23 अगस्त को ही आरोपी शाहरुख को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था। आरोपी शाहरुख युवती से एकतरफा प्यार करता था, लेकिन युवती उससे बात करना पसंद नहीं करती थी। आरोपी हमेशा युवती को परेशान करते रहता था। दोस्ती करने के लिए कई बार दबाव दिया, पर स्वीकार नहीं करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी। इसी के आधार पर उसने घर में सोयी युवती के उपर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दिया था। पुलिस ने इस घटना में शामिल दूसरा आरोपित छोटू खान उर्फ नईम खान को भी 29 अगस्त को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है।