सरयू राय के आरोपों पर बन्ना गुप्ता भड़के, बोले- बनिया हूं बकरी का बच्चा नहीं, अटार्नी जनरल कह उड़ाया मजाक
झारखंड के हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कोरोना प्रोत्साहन राशि लेने का मामला तूल पकड़ने व सरयू राय द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद यह राशि नहीं लेने का निर्णय लिया है। अब मिनिस्टर सहित उनके कोषांग के 60 कर्मियों को भी कोरोना प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी। मिनिस्टर के कहने पर हेल्थ डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को उस आदेश को रद कर दिया
रांची। झारखंड के हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने कोरोना प्रोत्साहन राशि लेने का मामला तूल पकड़ने व सरयू राय द्वारा आरोप लगाये जाने के बाद यह राशि नहीं लेने का निर्णय लिया है। अब मिनिस्टर सहित उनके कोषांग के 60 कर्मियों को भी कोरोना प्रोत्साहन राशि नहीं मिलेगी। मिनिस्टर के कहने पर हेल्थ डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को उस आदेश को रद कर दिया जिसके तहत मंत्री, उनके आप्त सचिवों, मंत्री के कोषांग के कर्मियों और बॉडीगार्ड को कोरोना प्रोत्साहन राशि देने की स्वीकृति दी गई थी।
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बन्ना का सरयू राय पर पलटवार
मिनिस्टर बन्ना गुप्ता के पीत पत्र पर शुक्रवार को अवकाश के दिन यह कार्यालय आदेश निकला।बन्ना गुप्ता ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि वे एक संवैधानिक पद पर हैं। सार्वजनिक जीवन व्यतीत करते हैं। उन्होंने विभाग से मंतव्य लेने के बाद नैतिकता के आधार पर यह निर्णय लिया है। उन्होंने उक्त राशि को स्वास्थ्य विभाग के अन्य जरूरतमंद कर्मियों में वितरित करने के निर्देश दिये हैं। बन्ना ने एमएलए सरयू राय द्वारा सीएम हेमंत सोरेन को गलत और भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उक्त प्रोत्साहन राशि उन्हें और उनके कोषांग के अन्य कर्मियों को अभी कैबिनेट विभाग से मिली भी नहीं है, जबकि राय ने करोड़ों रुपये की निकासी कर लेने का आरोप लगाया है। वहीं, उन्हें और उनके कोषांग के कर्मियों के लिए 14.50 लाख रुपये ही मिलने का सिर्फ अनुमान लगाया गया था। उन्होंने सरयू राय से अनुरोध किया वे बताएं कि किसके खाते में कब और कितनी राशि हस्तांतरित हुई।
बन्ना ने सरयू पर कसा तंज, कहा- जासूसी एजेंसी चलाते तो बाजार टाइट रहता
बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर तंज कसते हुए कहा कि वह बड़े नेता हैं, विद्वान हैं। लेकिन उनके पास प्रोत्साहन राशि को लेकर जितनी जानकारी है उससे समझा जा सकता है। उनकी विद्वता का अंदाजा लगाया जा सकता है। बन्ना ने कहा कि अगर राय कोई इंवेस्टिगेशन एजेंसी चलाते या गोपीचंद जासूस की तरह काम करते तो इंटरनेशनल लेवल पर रॉ, सीबीआई से भी ज्यादा उनका बाजार टाइट रहता। उन्होंने कहा कि राजनीति में सुचिता बहुत जरूरी है। दूसरों को उपदेश देना आसान है। लेकिन जब खुद पर लागू करने की बात हो तो उनके लिए नैतिकता कहा चली जाती है। उन्होंने कहा कि जब सरयू राय मिनिस्टर के आवास के लिए इंटाइटल नहीं है तो फिर मिनिस्टर के आवास में कैसे रह रहे है। क्या उनके लिए कानून अलग है और मेरे लिए अलग कानून है।
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बन्ना गुप्ता ने ने सरयू राय पर सरकारी दस्तावेज निकालने के लिए आफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन का आरोप भी लगाया। कहा कि इसे लेकर विभाग उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राय जी शुचिता की बात करते हैं तो उन्हें बताना चाहिए कि सरकारी दस्तावेज उन्होंने आरटीआइ या किस माध्यम से विभाग से लिए। सरयू राय द्वारा सीएम को पत्र लिखे जाने के बाद राशि नहीं लेने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पद और पैसा से बड़ा मान सम्मान होता है। उन्हें प्रताड़ित कर जनता के बीच गलत संदेश दिया जा रहा था। इसलिए उन्होंने यह निर्णय लिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोत्साहन राशि के आदेश रद होने से उनके यहां काम कर रही एक महिला सफाई कर्मी रोने लगी।
प्रोत्साहन राशि विभाग का था निर्णय
बन्ना गुप्ता ने उस आरोप को खारिज किया कि उन्होंने स्वयं एवं अपने कर्मियों को कोरोना प्रोत्साहन राशि देने का विभागीय पदाधिकारियों पर दबाव डाला था। उनके अनुसार, सरयू राय ने 13 अप्रैल को सीएम को पत्र भेजकर आपत्ति की थी, जबकि उन्होंने 16 फरवरी को ही विभाग से पूछा था कि स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों को अनुशंसा में किस प्रकार परिभाषित किया गया है। इसपर विभाग के संयुक्त सचिव ने उन्हें पत्र भेजकर बताया कि मंत्री एवं उनके स्थापना के अधीन कार्यरत कर्मियों को भी इसका लाभ मिलना है। इसके बाद ही उनके कोषांग से कार्यरत पदाधिकारियों एवं कर्मियों की सूची विभाग को दी गई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उनके बॉडीगार्ड एवं स्टाफसंक्रमण के भय के बिना उनके साथ अस्पताल जाते थे। कई संक्रमित भी हो गये थे, इसलिए यह राशि स्वीकृत की गई थी।
बनिया हूं कोई बकरी का बच्चा नहीं : बन्ना
हेव्थ मिनिस्टर ने कहा कि सरयू राय उम्र, विद्वता, जाति सभी में उनसे ऊंचे हैं। उन्हें साधुवाद कि वे उनकी निंदा करते हैं। उन्होंने उनके चरित्र को और अच्छा करने की सीख दी है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सभी चीज में गड़बड़ी ही नजर आती है। उन्हें अटार्नी जनरल होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बन्ना गुप्ता किसी से डरनेवाला नहीं है। वे बनिया हैं कोई बकरी का बच्चा नहीं।
यह है मामला
कैबिनेट से स्वीकृत संकल्प के आलोक में स्वास्थ्य विभाग ने विभाग के 94 अफसर-स्टाफ एवं मिनिस्टर सहित उनके कोषांग के 60 स्टाफ को कोरोना प्रोत्साहन राशि के भुगतान को लेकर दो अलग-अलग आदेश जारी किया था। स्वास्थ्य विभाग ने अपने 94 पदाधिकारियों एवं कर्मियों को उक्त राशि का भुगतान कर दिया है। मिनिस्टर एवं उनके कर्मियों का वेतन भुगतान कैबिनेट से होता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रोत्साहन राशि के भुगतान हेतु कैबिनेट विभाग को पत्र लिखा है। कैबिनेट ने अभी तक यह राशि का भुगतान नहीं किया था। उल्लेखनीय कि कोरोना प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाना था।
बन्ना की चोरी पकड़ी गई, वे झूठ पर झूठ बोल रहे: सरयू
बन्ना गुप्ता ने सरयू राय पर आरोप लगाया तो उन्होंने राशि जारी करने संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं। इसमें स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिन्हा द्वारा महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) को भेजा गया पत्र है। 31 मार्च को प्रेषित इस पत्र में संयुक्त सचिव ने जिक्र किया है कि मंत्री के आप्त सचिव आसिफ एकराम, बाह्य कोटा के आप्त सचिव ओम प्रकाश सिंह, निजी सहायक संजय ठाकुर और प्रभात कुमार एवं चर्या लिपिक गुणानंद झा को अप्रैल 2020 में दिए गए मूल वेतन या मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति दी जाती है।
सरयू राय ने कहा कि बन्ना गुप्ता ने पद पर रहने की योग्यता खो दी है। कोविड प्रोत्साहन राशि घोटाला में वे झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पत्र से उनका झूठ पकड़ा गया है। अब वे कह रहे हैं कि उन्होंने प्रोत्साहन राशि का पैसा लिया नहीं, लौटा दिया है। यह ठीक वैसा ही है, जैसे कोई चोरी करते हुए पकड़े जाने पर थानेदार से कहे कि वह चोरी का धन वापस लौटा रहा है।