Gujarat Fire Tragedy : राजकोट में ‘गेमिंग जोन’ में लगी भीषण आग, बच्चों समेत 27 लोगों की मौत
गुजरात के राजकोट में शनिवार शाम को टीआरपी मॉल स्थित गेम जोन में भीषण आग लगने से बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई है। मामले में पुलिस ने गेम जोन के मैनेजर नितिन जैन और गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी को अरेस्ट कर लिया है। हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है।
- गेमिंग जोन का मालिक समेत तीन अरेस्ट
राजकोट। गुजरात के राजकोट में शनिवार शाम को टीआरपी मॉल स्थित गेम जोन में भीषण आग लगने से बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई है। मामले में पुलिस ने गेम जोन के मैनेजर नितिन जैन और गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी को अरेस्ट कर लिया है। हादसे की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है।
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गुजरात सरकार ने एसआईटी से 72 घंटे के भीतर नौ सूत्री रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। पांच सदस्यीय एसआईटी को 10 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। एसआईटी में सीआईडी क्राइम के एडीजी सुभाष त्रिवेदी, तकनीकी शिक्षा आयुक्त बंछानिधि पाणि (जो पहले राजकोट के नगर आयुक्त रह चुके हैं), फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला गांधीनगर के निदेशक एचपी संघवी, अहमदाबाद के मुख्य
अग्निशमन अधिकारी जेएन खड़िया और सड़क एवं भवन विभाग में अधीक्षक अभियंता एमबी देसाई शामिल हैं।बताया जाता है कि गेमिंग गतिविधियों के लिए धातु और फाइबर शीट का उपयोग करके बनाये गये गेमिंग जोन में शाम लगभग साढ़े चार बजे आग लगी। छह घंटे से अधिक समय से राहत और बचाव अभियान चला।
ऐसे धधकी आग, बचने का नहीं मिला मौका
चश्मदीदों का कहना है कि आग 30 से 40 सेकेंड में पूरे इलाके में फैल गई। यह गेमिंग जोन धातु और फाइबर शीट का उपयोग करके बनाया गया था। तेज हवा के झोंकेझों के के बीच भीषण आग के कारण ढांचा जहां तहां से ढह गया। घटनास्थल पर कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम चल रहा था। इसकी वजह से प्लाइ और लकड़ियों के टुकड़े
इधर-उधर बिखरे पड़े थे। आग लगी तो ये भी जल उठे। फाइबर से भी आग तेजी से फैली। हवा इतनी तेज थी कि आग ने पलक झपकते पूरे जोन को अपनी चपेट में ले लिया। लोगों को बचाव का मौका तक नहीं मिला। हादसा तब हुआ जब बच्चों समेत लोग खेल रहे थे।आग लगने के बाद पांच किलोमीटर दूर से धुएं के गुबार को देखा जा रहा था।
सीएम भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। घटना की जांच एसआईटी करेगी। सीएम ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
अग्निशमन विभाग से नहीं लिया था एनओसी
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवराज सिंह सोलंकी के टीआरपी गेमिंग जोन के लिए अग्निशमन विभाग से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं लिया था। आग बुझाने में दमकल और बचाव दल को दो घंटे से अधिक का समय लगा। भीषण आग के कारण ढांचा जहां तहां ध्वस्त हो गया जिससे लोग भीतर ही घिर गये।
मानकों की अनदेखी का आरोप
राजकोट शहर के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है। टीआरपी गेम जोन के मालिक और प्रबंधक को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। फिर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। इन पर जरूरी मानकों के उल्लंघन का आरोप है। इस मामले में दमकल विभाग की रिपोर्ट आयेगी। एफएसएल की रिपोर्ट में आयेगी। सभी रिपोर्टों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।
मृतकों में नौ बच्चे
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने बताया कि अभी तक घटना में 25 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। बॉडी पूरी तरह से जल चुकी हैं। मृतकों में नौ बच्चे शामिल हैं। मृतकों की बॉडी इस कदर जल चुकी हैं जिनकी पहचान करना मुश्किल है। वहीं राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा- मृतकों की पहचान के लिए बॉडी की डीएनए जांच की जाएगी। रिपोर्ट परिजनों को सौंपी सौं जायेगी।
गुजरात के सभी गेम जोन का होगा ऑडिट
राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। शहर के सभी गेमिंग जोन का संचालन बंद करने का संदेश जारी किया गया है। इस घटना के बाद डीजीपी ने पुलिसआयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को गुजरात के सभी गेम जोन का निरीक्षण करने और बिना फायर एनओसी के चल रहे गेम जोन को बंद करने का निर्देश दिया है।
राजकोट के टीआरपी जोन में बच्चों के खेलने के लिए कई तरह की चीजें मौजूद थीं।थीं जैसे-जूनियर जंपिंग, डार्ट गेम टारगेट, जूनियर बॉलिंग एली, सूमो रेसलिंग सहित और भी कई चीजें थीं, थीं जिनमें खेलकर बच्चे खुशी से फूले नहीं समाते थे। विशेषकर छुट्टियों के दिनों और वीकेंड में तो यहां का नजारा देखते ही बनता था।गो कार्ट पर बैठकर रेस लगाते थे बच्चे गो कार्ट इस जोन में बच्चों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय था। बच्चे उसमें बैठकर आपस में रेस लगाते थे। इस दौरान बच्चे सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट लगाकर जब कार्ट पर सवारी करते थे तो खुद को किसी रेसर से कम नहीं समझते थे।
इस गेम जोन में बड़े बच्चों के बीच राइफल शूटिंग का बड़ा क्रेज था। वे यहां आकर राइफल से निशाना साधते थे। कई बच्चे तो अपनी निशाना को अचूक बनाने के लिए अक्सर यहां आकर राइफल पर अपना हाथ आजमाते थे।गेम जोन में इतने सारे गेम थे कि बच्चों का मन ही नहीं भरता था। वे सभी तरह के गेम खेलना चाहते थे, लेकिन समय कम होने के कारण ऐसा नहीं कर पाते थे। इसलिए वे यहां आने के लिए छुट्टियों का इंतजार करते थे। जिस दिन स्कूलों में छुट्टी होती यहां की रौनक देखते ही बनती थी। काफी संख्या में बच्चे आते और अपनी पसंद के सभी तरह के खेल खेलते।