झारखंड बिजली वितरण निगम ने काटी एचईसी की बिजली, 126 करोड़ है बकाया
झारखंड बिजली वितरण निगम के रांची एरिया बोर्ड ने ने भी बकाया भुगतान के ही मुद्दे पर राज्य में स्थित केंद्रीय उपक्रमों की बिजली काटनी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को एचईसी की बिजली काटी गयी है। एचईसी पर 126 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है।
रांची। झारखंड बिजली वितरण निगम के रांची एरिया बोर्ड ने ने भी बकाया भुगतान के ही मुद्दे पर राज्य में स्थित केंद्रीय उपक्रमों की बिजली काटनी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मंगलवार को एचईसी की बिजली काटी गयी है। एचईसी पर 126 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है।
केंद्रीय उपक्रम हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन (एचईसी) की हाइ टेंशन लाइन की आपूर्ति दोपहर से काट दी। इससे प्लांट का काम ठप हो सकता है। निगम ने बार-बार रिमाइंडर दिया, लेकिन एचईसी ने भुगतान की दिशा में कार्रवाई नहीं की। फिलहाल निगम ने एचईसी को हाई टेंशन आपूर्ति बाधित की है। इसका रिहायशी इलाकों पर असर नहीं पड़ेगा।
बिजली काटे जाने से आर्थिक तंगी से जूझ रही हैवी इंजीनियरिंग कारपोरेशन( एचईसी) के सामने एक और नया आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। बकाया बिजली का भुगतान नहीं करने पर झारखंड बिजली वितरण निगम ने रांची स्थित केंद्रीय उपक्रम के सभी प्लांटों की पावर आपूर्ति बंद कर दी है। एचईसी के सभी प्लांट और कार्यालय अंधकार में डूब गये हैं। करीब 2 बजे के पहले तक सामान्य रूप से एचईसी में उत्पादन कार्य चल रहा था। अचानक दो बजे के बाद प्लांट की सभी मशीनें अचानक रुक गई।
आर्थिक संकट के कारण 5 महीने से नहीं हो रहा पेमेंट
आर्थिक संकट के कारण एचईसी अपने स्टाफका पिछले पांच महीने से वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है। एचईसी के पास अभी 2000 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर है। इसमें रक्षा, इसरो, नौ सेना के कई महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं। पूंजी के अभाव में उपकरणों का काम समय पर पूरा करने में परेशानी आ रही है। कोरोनावायरस के कारण पिछले डेढ़ वर्ष से संस्थान में उत्पादन कार्य पर काफी असर पड़ा है। अब धीरे-धीरे स्थिति थोड़ी सामान्य होने लगी थी। लेकिन अब बिजली वितरण निगम ने एचईसी की बिजली काट कर करंट का झटका दे दिया है।
एचईसी का नेतृत्व कार्यकारी सीएमडी के हाथ में है, जो अब तक सिर्फ चार बार ही एचईसी के दौरे पर आए हैं। वर्किंग कैपिटल के अभाव में एचईसी का उत्पादन कार्य प्रभावित है। बढ़िया वर्क आर्डर होने के बावजूद काम नहीं हो पा रहा है।
HEC में जिनपर चल रहा है काम
250 करोड़ का वर्क ऑर्डर इसरो और नौ सेना से मिला।
350 करोड़ का वर्क ऑर्डर रक्षा मंत्रालय से मिला।
सेंट्रल कोल फील्ड्स से 527 करोड़ के मगध ओसीपी कोल हैंडलिंग प्लांट का काम।
साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स से 615 करोड़ का वर्क ऑर्डर।
नॉर्दन कोल फील्ड्स से 167.45 करोड़ रुपये का काम।