झारखंड: बोकारो पुलिस का थिंक टैंक साहब ! महकमा में राजधानी तक चर्चा
बोकारो जिला पुलिस में एक अफसर थिंक टैंक कहे जाने लगे हैं। जिला का कामान कोई भी संभाले थिंक टैंक साहब की चलती रहती है। जिले में उपर से नीचे तक वह जो चाहते वहीं होता है। थिंक टैंक साहब की पुलिस महकमा में राजधानी तक चर्चा है।
- गवर्नमेंट किसी की रहे सत्ताधारी लीडरों के बन जाते हैं खास
रांची। बोकारो जिला पुलिस में एक अफसर थिंक टैंक कहे जाने लगे हैं। जिला का कामान कोई भी संभाले थिंक टैंक साहब की चलती रहती है। जिले में उपर से नीचे तक वह जो चाहते वहीं होता है। थिंक टैंक साहब की पुलिस महकमा में राजधानी तक चर्चा है। यह साहब स्टेट के एक विवादास्पद एक्स डीजीपी के भी करीबी रहे हैं।
एडीशनल चार्ज लेकर करते हैं वारा-न्यारा
विधानसभा चुनाव से पहले थिंक टैंक साहब की एक बीजेपी जन प्रतिनिधि की अनुशंसा पर पोस्टिंग हुई है। साहब की अनुशंसा हजारीबाग जिले के लिए थी लेकिन गलती से बोकारो पोस्टिंग हो गयी। साहब हजारीबाग में ही थे। जगह बदलनी थी। बोकारो में पोस्टिंग होते ही वह सत्तावाले जन प्रतिनिधि भैया को पकड़ लिये। हम साथ-साथ का नारा लगाने लगे। बेहतर सेटिंग-गेटिंग हो गयी। विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बदल गयी। थिंक टैंक साहब ने भी पुराने संबंध का आस्था देकर सत्ता में शामिल नेशनल पार्टी का साथ हो लिये। अब सत्ता के साथ मिलकर एडीशनल चार्ज लेकर वारा-न्यारा करते रहते हैं।
बेरमो, बड़कागांव समेत कई जगह के हैं दावेदार, कोल बेल्ट में ही करेंगे पुलिसिंग
बोकारो जिला में साहब का प्रवास दूसरी बार हुआ है। अब साहब ने तीसरी प्रवास भी फिक्स कर लिया है। प्रवास वाली जगह का ए़डीशनल चार्ज लेकर मजा चख चुके हैं। साहब के लिए भईया जोर लगा चुके हैं। साहब की नजर बोकारो नहीं तो बगल के हजारीबाग जिला पर भी है। थिंक टैंक साहब को कोयला से प्रेम हैं। थिंक टैंक साहब ने बेरमो, बड़कागांव समेत तीन जगह सलेक्ट कर रखा है। दावा है कि थिंक टैंक साहब बोकारो जिले में ही तीसरा प्रवास करेंगे। अगर किसी कारण टाइटल आड़े आये बड़कागांव फिक्स है। डिपार्टमेंट के अफसरों का आरोप है कि साहब हैं थिंक टैंक हैं। बोकारो, हजारीबाग, रांची व धनबाद के लिए ही बने हैं। दूसरे जिला में नहीं जायेंगे। कोल बेल्ट में ही पुलिसिंग करेंगे।
अमलाबाद से लेकर महुआटांड़ तक के सिंडिकेट से संपर्क
थिंक टैंक साहब की बीटीपीएस, महुआटांड़, अमलाबाद, दुग्दा व बालीडीह तक संपर्क हैं। बीटीपीएस, महुआटांड़, अमलाबाद व दुग्दा में काला सोना के कारोबार की कंपलेन रांची पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंची। पुलिस रेड की। एक मामले में तो अननोन केस हुआ। साहब की कृपा से एक पुलिस स्टेशन के मालखाना से काला सोना गायब हो गया। मामला बाहर आने के बाद फिर काला सोना मंगवाकर बराबर किया गया। थिंक टैंक साहब का आदेश पालन करने व काला सोना का कारोबार कराने में अमलाबाद ओपी के इंचार्ज की कुर्सी भी हिल गयी। इलिगल कोल कारोबार का रेड पुलिस हेडक्वार्टर के आदेश किया गया था। हेडक्वार्टर से इलिगल कोल कारोबार के संबंध में बड़ा साहब को लव लेटर भी मिल चुका है। थिंक टैंक साहब की चलती से जिले से जूनियर व सीनीयर भी परेशान हैं। लेकिन थिंक टैंक साहब फेवीकॉल का जोड़ हैं, पकड़ने के बाद बड़ा साहब को छोड़ते ही नहीं है।