झारखंड: गोड्डा बीजेपी एमपी निशिकांत दूबे की वाइफ के खिलाफ देवघर में एक और एफआइआर, जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी का आरोप
देवघर में तिवारी चौक के नजदीक एलोकेसी धाम की जमीन मामले को लेकर गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम पर देवघर टाउन पुलिस स्टेशन में दूसरा FIR दर्ज किया गया है।
- एमपी की वाइफ पर एक वीक में दूसरा एफआइआर
देवघर। देवघर में तिवारी चौक के नजदीक एलोकेसी धाम की जमीन को लेकर राजनीतिक व कानूनी विवाद विवाद बढ़ता जा रहा है। मामले को लेकर गोड्डा के बीजेपी एमपी डॉ. निशिकांत दुबे की वाइफ अनामिका गौतम पर देवघर टाउन पुलिस स्टेशन में दूसरा FIR दर्ज किया गया है। हनुमान टेकरी मुहल्ला की किरण सिंह ने अनामिका गौतम, जमीन की रजिस्ट्री करने वाले संजीव कुमार और कमल नारायण झा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया है। किरण सिंह का दावा है कि वह जमीन उनकी है। जमीन पर उनका शांतिपूर्वक दखल भी है। जमीन के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर हेराफेरी की गयी है।
देवघर एसपी पियूष पांडेय ने कहा कि यह बेहद जटिल मामला है। सभी दस्तावेजों की जांच कर निष्पक्ष विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी। किरण द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर के प्रारंभिक इन्विस्टिगेशन में यह बात आयी है कि तिवारी चौक के समीप की मजीन को खरीदने या बेचने का मसला पावर ऑफ एटार्नी से जुड़ा है। कोलकाता की रहने वाली निर्मला बाला घोष के वंशज गोरा चंद्र घोष, भवेश चंद्र घोष, रमेश चंद्र घोष, श्रीमती घोष, पारुल घोष, श्रीमती श्रीसुर, स्मृति कुंवर, प्रदीप कुमार घोष, प्रवीर कुमार घोष एवं ईरा पाल की यह जमीन है।
किरण सिंह ने पुलिस को बताया कि वर्ष 1993 में कोलकाता में रहने वाले सारे लोगों ने चंद्रभूषण ओझा को जमीन के बाबत पावर ऑफ एटार्नी दी थी। उसी से उन्होंने जमीन ली है। पुरनदाहा हरगोरी निवासी संजीव कुमार एवं एचके बनर्जी रोड के रहने वाले कमल नारायण झा ने कोलकाता में रहने वाले वंशजों की पावर ऑफ एटार्नी दिखा कर वह जमीन ऑनलाइन इंटरटेनमेंट कंपनी की डायरेक्टर अनामिका गौतम को फर्जी तरीके से बेच दी है।
किरण का कहना है कि इस भूखंड पर ऐलोकेसी धाम नामक दो मंजिला भवन बना है। वो देवघर नगरपालिका में होल्डिंग टैक्स का भुगतान कर रही है। प्रारंभिक अनुसंधान में किरण सिंह ने पुलिस को बताया कि जमीन खरीदने वाली अनामिका गौतम ने जमीन की रजिस्ट्री के लिए नोटरी पब्लिक ललित कुमार सिन्हा के समक्ष शपथ पत्र दायर किया था। जमीन को बेचने वाले संजीव कुमार एवं कमल नारायण झा ने नोटरी पब्लिक में शपथ पत्र दिया। दोनों शपथ पत्र की एलपीसी की तारीख में हेरफेर है। यह जालसाजी, आपराधिक षडयंत्र और जमीन की रजिस्ट्री में हेरफेर को दर्शाता है।
क्या है आरोप
वर्ष 1993 की पांच मार्च को कोलकाता निवासी निर्मला बाला घोष के वंशज गोरा चंद्र घोष, भवेश चंद्र घोष, रमेश चंद्र घोष, श्रीमती घोष, पारुल घोष, श्रीमती श्रीसुर, स्मृति कुंवर, प्रदीप कुमार घोष, प्रवीर कुमार घोष एवं ईरा पाल से एक बीघा 11 धुर जमीन बेचने का पावर ऑफ अटॉर्नी बरमसिया निवासी चंद्र भूषण ओझा को दिया था।वर्ष 1994 में बरसमिया निवासी चंद्रभूषण ओझा से श्यामगंज मौजा के थाना नंबर 413 और जमाबंदी नंबर सात-3385 व प्लॉट नंबर 240 में एक बीघा 11 कट्ठा 11 धुर जमीन ली। किरण सिंह का दावा है कि वर्ष 1994 की पांच दिसंबर को चन्द्रभूषण ओझा ने पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर देवघर रजिस्ट्री ऑफिस के सेल डीड संख्या 3415/3733 के माध्यम से जमीन की रजिस्ट्री की।
किरण सिंह का कहना है कि जमीन पर उनका शांतिपूर्वक दखल कब्जा है। उस जमीन व बिल्डिंग में महादेव प्राइवेट आइटीआइ कॉलेज चल रहा है। उसमें शिव मैरेज पैलेस नाम से एक विवाह भवन भी चल रहा है। वर्ष 2016 की 22 मई को देवघर के पुरनदाहा हरगोरी निवासी संजीव कुमार ने एडिशनल रजिस्ट्रार ऑफ एशयोरेंस ऑफिस ऑफ द एआरए थ्री कोलकाता से रजिस्ट्री संख्या 190382846 द्वारा ईरा पाल से जमीन के एक हिस्से की पावर ऑफ एटार्नी ली। स्मृति कुमार, श्रीमती श्रीसुर, दीपा नियोगी, ज्योत्सा घोष, चंद्रिमा पाल, लालिमा घोष, मंजू घोष, सुरोजीत घोष से देवघर के ही एचके बनर्जी रोड निवासी कमल नारायण झा ने जमीन के बाकी हिस्से की पावर ऑफ एटार्नी ली। इसके बाद फर्जी कागजात के आधार पर अनामिका गौतम को यह जमीन बेच दी गयी।
किरण सिंह का दावा है कि सेल डीड में जमीन की कीमत 18.94 करोड़ दर्शाया गया है। वास्तविक भुगतान तीन करोड़ रुपये का किया गया है। किरण सिंह के मुताबिक वर्तमान में जमीन का बाजार मूल्य लगभग 35 करोड़ है। उल्लेखनीय है कि बंपास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने पहले एफआइआर दर्ज करायी थी। एफआइआर के अनुसार विष्णुकांत झा का इस जमीन से किसी तरह का सीधा ताल्लुक नहीं है। अब एक महिला ने एफआइआर करायी है।