बिहार: पटना का फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज मामला: 64 सिम से खुलेगा राज, पाकिस्तान व खाड़ी देशों में हुए सबसे अधिक कॉल
बिहार की राजधानी पटना अनीसाबाद में पकड़े गये फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज की जांच में पुलिस अब मौके से बरामद डाटा खंगाल रही है। पुलिस ने मौके से कंप्यूटर, सीपीयू व 64 सिम कार्ड बरामद किये हैं। इनका डाटा खंगाला जा रहा है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, सबसे अधिक काल पाकिस्तान व खाड़ी देशों जैसे-ईरान, इराक, सऊदी अरब, ओमान में किये गये हैं।
पटना। बिहार की राजधानी पटना अनीसाबाद में पकड़े गये फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज की जांच में पुलिस अब मौके से बरामद डाटा खंगाल रही है। पुलिस ने मौके से कंप्यूटर, सीपीयू व 64 सिम कार्ड बरामद किये हैं। इनका डाटा खंगाला जा रहा है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, सबसे अधिक काल पाकिस्तान व खाड़ी देशों जैसे-ईरान, इराक, सऊदी अरब, ओमान में किये गये हैं।
संचालक दिल्लीा-मुंबई में बैठकर करता है नेटवर्क तैयार
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पूरा सिंडिकेट काम करता है। इसके मुख्य संचालक दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बैठते हैं। छोटे-छोटे शहरों में अपना नेटवर्क तैयार करते हैं। अनीसाबाद में पकड़ाये फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के तार सिलीगुड़ी से भी जुड़ रहे हैं। इसका मुख्य संचालक सबीउल्लाह सिलीगुड़ी में रहता है। इसके पहले पिछले साल गांधी मैदान में पकड़े गए फर्जी एक्सचेंज मामले में भी नेपाल और दिल्ली का लिंक सामने आया था। हाल ही में दिल्ली में लाल किले के पास भी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ है।
फर्जी टेलीफोन एक्स चेंज के आतंकियों से जुड़े थे तार!
पुलिस ने मौके से बरामद कंप्यूटर, सीपीयू व 64 सिम कार्ड के डाटा को खंगालना शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, सबसे अधिक कॉल पाकिस्तान व खाड़ी देशों (ईरान, इराक, सऊदी अरब, ओमान आदि) में किये गये हैं। हाल के दिनों में इस इलाके में आने वाले इंटरनेशनल कॉल के लगातार ड्रॉप होने के बाद खुफिया एजेंसी को शक हुआ जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
कम पैसे में करा रहे थे बात
पुलिस पूछताछ में अनिल चौधरी और सुशील चौधरी ने बताया कि वे सस्ती दर पर विदेशों में बात कराते थे। बिहार के अधिसंख्य लोग खाड़ी देशों में रोजगार के लिए रहते हैं, इसलिए वहां के कॉल ज्यादा हैं। यह कॉल बिहार में सिवान, छपरा, गोपालगंज जैसे जिलों में डायवर्ट किये जाते थे। फर्जी एक्सचेंज के माध्यम से विदेश से कॉल करने वाले लोगों की कम पैसे में बात हो जाती थी। ऐसे में जितना भी पैसा मिलता था वह लाभ ही होता था।
इंटरनेट कॉल को लोकल बना कराते थे बात
फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में बदलकर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करते हैं। इसके लिए वीओआइपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल टेक्नोलॉजी) का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विदेश में बैठा व्यक्ति इंटरनेट कॉल करता है और यह फर्जी एक्सचेंज उस कॉल को सरकार के गेटवे से बचाते हुए वॉयस कॉल कर लोकल में बदल देते हैं। इसमें विदेश की लोकेशन नहीं दिखती। आतंकी गतिविधियों में अकसर ऐसे ही फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए बातचीत की जाती है, ताकि खुफिया एजेंसी या सरकार के गेटवे में आये बिना बात की जा सके।
पटना में चार साल में तीन फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा
राजधानी में पिछले चार सालों में तीन फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े गये हैं। पिछले साल जनवरी में ही गांधी मैदान के सलिमपुर अहरा के गली नंबर दो से फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया था। इसमें भी इंटरनेशल कॉल को लोकल में बदलकर बातचीत कराने का खुलासा हुआ था। इसके तार दिल्ली और नेपाल से भी जुड़े थे। वर्ष 2017 में भी गांधी मैदान थाना क्षेत्र से ही फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ था। इसका संचालन भी अनिल और सुशील चौरसिया ही करते थे। कुछ समय बाद ही उन्होंने फिर से अनीसाबाद में इसका संचालन शुरू कर दिया।