झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को 31 मई को चुनाव आयोग ने बुलाया, भाई बसंत सोरेन को भी होना है उपस्थित
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को लीज मामले में सफाई पेश करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने 31 मई को हेमंत सोरेन को हाजिर होने का निर्देश दिया है। आयोग का यह आदेश शुक्रवार रात को हेमंत सोरेन की ओर से जवाब देने के बाद आया, जिसमें कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन 31 मई को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखें।
रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को लीज मामले में सफाई पेश करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने 31 मई को हेमंत सोरेन को हाजिर होने का निर्देश दिया है। आयोग का यह आदेश शुक्रवार रात को हेमंत सोरेन की ओर से जवाब देने के बाद आया, जिसमें कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन 31 मई को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रखें।
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सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग में विधानसभा की सदस्यता बचाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी व उनके छोटे भाई बसंत सोरेन जी को एक और मौक़ा व्यक्तिगत पेशी का मिला,यह मौक़ा हमारी पार्टी @BJP4Jharkhand को भी मिला ।एक भाई की पेशी 30मई व दूसरे की पेशी 31 मई।पूरा मौक़ा है
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 20, 2022
निशिकांत दूबे ने एक और ट्वीट किया, जिसमें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हेमंत सोरेन को माइंस लीज मामले में अपना पक्ष रखने के लिए व्यक्तिगत पेशी के लिए 31 मई को बुलाने का जिक्र किया गया है। निशिकांत ने लिखा- सूत्रों के अनुसार चुनाव आयोग में विधानसभा की सदस्यता बचाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी व उनके छोटे भाई बसंत सोरेन जी को एक और मौका व्यक्तिगत पेशी का मिला, यह मौका हमारी पार्टी बीजेपीकी झारखंड ईकाई को भी मिला है। एक भाई की पेशी 30 मई व दूसरे की पेशी 31 मई को होगी। पूरा मौका है।
हेमंत सोरेन के भाई एमएलए बसंत सोरेन को 30 मई को चुनाव आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। इससे पहले हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को भेजे गये जवाब में कहा है कि उनके खिलाफ लगाये गये माइंस लीज के आरोप मनगढ़ंत और गलत भावना से प्रेरित हैं। वे इस मामले में पूरी तरह निर्दोष हैं।
उल्लेखनीय है कि सीएम ने 20 मई को भारत निर्वाचन आयोग को अपना जवाब सौंपा है। यह मामला तब आयोग के संज्ञान में आया जब बीजेपी नेताओं ने गवर्नर रमेश बैस से मिलकर हेमंत सोरेन द्वारा अपने नाम पर माइंस लीज लेने की शिकायत की। इसके बाद गवर्नर ने चुनाव आयोग को बीजेपी की शिकायत भेजकर पूरे मामले में मंतव्य मांगा था। इधर चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को इस मामले में पहले नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब देने को कहा था। लेकिन सीएम ने अपनी मां की बीमारी का हवाला देते हुए एक महीने की मोहलत जवाब देने के लिए मांगी थी। हालांकि बाद में आयोग ने 10 दिनों का अतिरिक्त समय देते हुए 20 मई तक हेमंत सोरेन को अपना पक्ष रखने को कहा था।
रांची के अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन को लेकर हेमंत सोरेन ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई नोटिस के जवाब में कहा है कि उनके पास फिलहाल कोई माइनिंग लीज नहीं है। चुनाव आयोग को विशेष प्रतिनिधि के जरिये भेजे गये जवाब में हेमंत सोरेन ने स्पष्ट किया है कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप पूरी तरह राजनीति से प्रेरित हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना पक्ष रखते हुए उल्लेख किया है कि रांची के अनगड़ा मौजा में 88 डिसमिल जमीन की माइनिंग लीज 17 मई 2008 को दस साल के लिए ली गई थी। इसके बाद वर्ष 2018 में लीज नवीकरण के लिए उन्होंने आवेदन दिया था, लेकिन यह अस्वीकृत कर दिया गया।इसके बाद रांची के डीसी ने वर्ष 2021 में नये सिरे से माइनिंग लीज लेने का उन्होंने आवेदन दिया और नियमों का पालन करते हुए उन्हें माइनिंग लीज दी गई है। हालांकि, उन्हें इस माइंस से चार फरवरी 2022 तक माइनिंग करने की अनुमति (सीओटी) नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने खनन लीज सरेंडर कर दिया। फिलहाल उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है। चुनाव आयोग के नोटिस मिलने के समय उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं था। उन्होंने माइनिंग लीज का कोई लाभ नहीं लिया।
वर्ष 2018 में उन्होंने लीज नवीकरण के लिए आवेदन दिया था, लेकिन आवेदन अस्वीकृत कर दिया गया। इसके बाद रांची के डीसी ने वर्ष 2021 में नए सिरे से माइनिंग लीज के लिए आवेदन आमंत्रित किया। उन्होंने आवेदन दिया और नियमों का पालन करते हुए उन्हें माइनिंग लीज प्रदान की गई। उन्हें चार फरवरी तक खनन करने की अनुमति (सीओटी) नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने बगैर माईनिंग किये ही लीज सरेंडर कर दिया। उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है।