राजस्थान CM अशोक गलहोत के पुत्र वैभव के खिलाफ नासिक में FIR, छह करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गलहोत पर महाराष्ट्र के नासिक के गंगापुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुआ है। कोर्ट के आदेश पर वैभव गहलोत सहित 15 अन्य लोगों पर राजस्थान पर्यटन विभाग में ई-टायलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी व ठगी करने का मामला दर्ज हुआ है। मामले में छह करोड़ 80 लाख रुपये ठगी के आरोप हैं।
मुंबई। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गलहोत पर महाराष्ट्र के नासिक के गंगापुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज हुआ है। कोर्ट के आदेश पर वैभव गहलोत सहित 15 अन्य लोगों पर राजस्थान पर्यटन विभाग में ई-टायलेट बनाने का टेंडर दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी व ठगी करने का मामला दर्ज हुआ है। मामले में छह करोड़ 80 लाख रुपये ठगी के आरोप हैं।
वैभव गहलोत ने खुद के बेकसूर बताया
वहीं वैभव गहलोत ने खुद के बेकसूर बताया है। वैभव ने ट्वीट कर कहा कि मीडिया में किसी प्रकरण को लेकर जिस तरह से मेरा नाम चल रहा है, जिसमें मेरा नाम भी डाला गया है। मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव निकट आ रहे हैं। संभव है राजनीतिक लाभ के लिए किसी ने गलत मामला दर्ज करवाया हो। उन्होंने सचिन या सुशील से अपना परिचय होने से इन्कार किया है।वहीं प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सीएम गहलोत से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
मुख्य आरोपित गुजरात कांग्रेस का सचिव सचिन पुरुषोत्तम वालेरा
नासिक की लोकल कोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज हुआ है। मुख्य आरोपित गुजरात कांग्रेस का सचिव सचिन पुरुषोत्तम वालेरा है। सचिन के पिता पुरुषोत्तम भाई वालेरा भी सीनीयर कांग्रेस लीडर हैं। मामले में वैभव गहलोत, सचिन भाई पुरुषोत्तम भाई वेलेरा, प्रवीण सिंह चौहान, किशन कैंटेलिया, सरदार सिंह चौहान, सुरेंद्र भाई मकवाल, निवभाई महेश भाई वीर्माभट, विश्वरंजन मोहंती, राजबीर सिंह शेखावत, प्रग्नेश कुमार विनोद चंद्र प्रकाश, संजय कुमार देसाई, सावन कुमार ए. पारनर, रिशिता शाह और विराज गनवाल को आरोपित बनाया है। इन पर फर्जी दस्तावेज दिखाकर पैसा हड़पने और साजिश रचने का आरोप है।
जांच में जुटी पुलिस
अभी नासिक पुलिस इस बात की जांच में जुटी है की ये वैभव गहलोत सीएम अशोक गहलोत के पुत्र ही हैं या कोई और वैभव गहलोत के नाम से मामला दर्ज हुआ है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कथित भ्रष्टाचार के इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के नासिक के गंगापुर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में वैभव गहलोत समेत 15 लोग एक्युज्ड हैं। बिजनसमैन सुशील भालचंद्र पाटिल ने CRPC 156 के तहत दर्ज मामले में छह करोड़ 80 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इसमें जोधपुर-अहमदाबाद के लोगों के शामिल होने के संबंध में जानकारी मिली है।
ई-टायलट का कंट्रेक्टक दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का आरोप
सुशील द्वारा दर्ज FIR के अनुसार, सचिन ने खुद को विज्ञापन एजेंसी का कारोबारी बताया। सचिन ने बताया कि उसके पास 13 स्टेट में पेट्रोल पंपों पर विज्ञापन लगाने का ठेका है। सुशील के अनुसार, सचिन ने उससे कहा कि उसके राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव के साथ निकट संबंध हैं। उसने खुद के द्वारा गहलोत के आर्थिक मामले देखने का भी दावा किया। सुशील द्वारा दर्ज मामले में सचिन ने उसके काम में निवेश करने पर करोड़ों का मुनाफा होने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आपको केवल टेंडर में भाग लेना है, बाकी काम वैभव देख लेगा। उसने राजस्थान सरकार द्वारा जारी कुछ परिपत्र दिखाये।
सुशील का कहना है कि उसने सचिन द्वारा बताये गये बैंक अकाउंट में अलग-अलग समय में छह करोड़ 80 लाख रुपये ट्रांसफर किये। कुछ महीनों तक सचिन और वैभव के बैंक अकाउंट्स से उसे निवेश के बदले मासिक रिटर्न मिलता रहा। इसे देखते हुए उसने अपने सहयोगियों से भी निवेश करवाया, लेकिन अचानक पैसा भेजना बंद कर दिया गया। सचिन से बात की तो उसने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और फिर फोन उठाना ही बंद कर दिया। इस पर सुशील ने जयपुर पहुंचकर पर्यटन विभाग के अफसरों से बात की तो पता चला कि उसे दिखाये गयेगए सभी दस्तावेज फर्जी थे। ई-टायलेट के कोई टेंडर किये ही नहीं गये थे। जब पेमेंट नहीं मिला और फर्जीवाड़े का अहसास हुआ तो नासिक की कोर्ट में इस्तगासा पेश किया। कोर्ट ने नासिक के गंगापुर पुलिस स्टेशन को पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं।