आइआइटी कानपुर के स्टार्टअप रोकेंगे साइबर क्रिमिनलों की स्पीड, ड्रोन हमले और हैकिंग पर लगायेंगे कंट्रोल
आइआइटी कानपुर के specialist स्टार्टअप और रिसर्च के दम पर देश में बढ़ते साइबर हमलों को रोकेगा। साइबर क्रिमिनलों की चाल को बेकार करने की तैयारी की शुरुआत हो गई है। ड्रोन से हमले, कंप्यूटर में सेंधमारी, दस्तावेजों से छेड़छाड़, गवर्नमेंट व प्राइवेट इंस्टीच्युट्स की वेबसाइट हैकिंग आदि को रोकने पर काम किया जायेगा।
- 13 स्टार्टअप और 25 रिसर्च एंड डेवलपमेंट कार्यक्रम लांच
कानपुर। आइआइटी कानपुर के specialist स्टार्टअप और रिसर्च के दम पर देश में बढ़ते साइबर हमलों को रोकेगा। साइबर क्रिमिनलों की चाल को बेकार करने की तैयारी की शुरुआत हो गई है। ड्रोन से हमले, कंप्यूटर में सेंधमारी, दस्तावेजों से छेड़छाड़, गवर्नमेंट व प्राइवेट इंस्टीच्युट्स की वेबसाइट हैकिंग आदि को रोकने पर काम किया जायेगा।
इंस्टीच्युट के साइबर सिक्योरिटी एंड साइबर सिक्योरिटी आफ साइबर फिजिकल सिस्टम (सीथ्रीआइ) की ओर से 13 स्टार्टअप और 25 रिसर्च एंड डेवलपमेंट कार्यक्रम लांच किया गया है। सीथ्रीआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम के माध्यम से टेकनीक को डेवलप किया जायेगा। इंस्टीच्युट के specialistकी देखरेख में साइबर हमलों को रोकने का मजबूत सुरक्षाचक्र तैयार होगा।
असिस्टेंट प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रो. संदीप शुक्ला ने बताया कि हैकर ईमेल, फेसबुक और अन्य इंटरनेट मीडिया के अकाउंट को हैक करके तरह-तरह के क्राइम कर रहे हैं। आधार नंबर, पैनकार्ड नंबर और क्रेडिट कार्ड के नंबर की जनकारी लेकर बैंक अकाउंट से रुपये उड़ाने का खेल पहले से चल रहा है। अब किसी भी इंस्टीच्युट के कंप्यूटर सिस्टम और मानीटरिंग सिस्टम को हैक करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। साइबर क्रिमिनल ड्रोन के कंट्रोल से सिस्टम को कंट्रोल में कर सकते हैं। सिस्टम पर कई तरह के खतरनाक वायरस भेजे जाते हैं।
सीईओ डा. निखिल अग्रवाल ने बताया कि रिसर्च एंड डेवलपमेंट का कार्यक्रम कई अन्य इंस्टीच्युट के specialist के साथ चलाया जायेगा। डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के सचिव डा. आशुतोष शर्मा, साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड के सचिव प्रो. संदीप वर्मा, डीन रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो. एआर हरिश समेत अन्य specialist शामिल थे।