झारखंड: पुलिस व सुरक्षा बलों के कब्जे में आया बुढ़ा पहड़ा, सफल रहा हेलीकॉप्टर लैंडिंग
प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादियों का सेफ जोने माने वाला झारखंड और छत्तीसगढ़ के बोर्डर स्थित बुढ़ा पहाड़ पर अब पूरी तरह से पुलिस व सुरक्षा बलों का कब्जा हो गया है। झारखंड तीन जिलों गढ़वा, लातेहार के अलावा बलरामपुर 44 किलोमीटर के दायरा में पड़ने वाला बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलो ने एम आई 17 हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग करा कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।
रांची। प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादियों का सेफ जोन माने वाला झारखंड और छत्तीसगढ़ के बोर्डर स्थित बुढ़ा पहाड़ पर अब पूरी तरह से पुलिस व सुरक्षा बलों का कब्जा हो गया है। झारखंड तीन जिलों गढ़वा, लातेहार के अलावा बलरामपुर 44 किलोमीटर के दायरा में पड़ने वाला बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षा बलो ने एम आई 17 हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग करा कर बड़ी कामयाबी हासिल की है।
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कोबरा बटालियन 203 और 205 पिछले चार अगस्त से ही इस पहाड़ी को माओवादियों से मुक्त कराने के लिए ऑपरेशन ऑक्टोपस अभियान चला रहा है। सुरक्षा बलो ने चार सितंबर को बूढ़ा पहाड़ पर चढ़ने में कामयाबी पाई थी। कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ और जगुवार की चल रही ज्वाइंट ऑपरेशन हर दिन कामयाबी की लकीर खींच रही है। एमआई 17 हेलीकॉप्टर की सफल ट्रायल लैंडिंग बहादुर जवानों के हौसले को और बुलंद करेगा। अब इस क्षेत्र में विकास की नई लकीर खींची जायेगी।
नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ पर सुरक्षाबलों ने फहराया तिरंगा
नक्सलियों के गढ़ बूढ़ा पहाड़ पर ऑपरेशन ऑक्टोपस में शामिल जवानों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके में पिछले दिनों तिसिया के पहाड़ से और ऊपर तिरंगा लगाया है। झारखंड पुलिस बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कैंप और कॉम्युनिकेशन को मजबूत कर रही है। बेहतर कॉम्युनिकेशन के लिए दोनों जगह पर फोर-जी मोबाइल टावर लगाने की योजना है। बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तिसिया और नवाटोली के लिए कच्चे रास्ते बनाये जा रहे हैं। सुरक्षाबलों का पहला टारगेट है कि तिसिया और नावाटोली में कैंप स्थापित हो जाये। कैंप बनाने के लिए आधा दर्जन जेसीबी और 40 से अधिक ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
40 कंपनियों से भी अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती
ऑपरेशन को लेकर सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की गतिविधि को लेकर माओवादी इलाके को छोड़कर भाग गये हैं। हालांकि सुरक्षाबलों को अंदेशा है कि माओवादी इंतजार कर रहे हैं। सुरक्षाबल ऑपरेशन के क्रम में एक-एक इलाके को सैनिटाइज कर रहे हैं। बूढ़ा पहाड़ अभियान में 40 कंपनियों से भी अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
नक्सलियों का पुलिस व सुरक्षाबलों का चौतरफा अभियान जारी है। पुलिस ने एक साथ माओवादियों के खिलाफ बूढ़ापहाड़ से लेकर माओवादियों के ट्राइजंक्शन और सारंडा तक ऑपरेशन शुरू किया है। सारंडा में भाकपा माओवादियों का ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो (ईआरबी) का हेडक्वार्टर चलता है। इस इलाके में पुलिस ने सुरक्षाबलों के साथ ऑपरेशन शुरू किया है।ईआरबी की कमान फिलहाल एक करोड़ के इनामी माओवादी व पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा के हाथों में है। मिसिर बेसरा के मारक सदस्यों की योजना टोन्टो, पोड़ाहाट इलाके में वारदात को अंजाम देने की थी। ऐेसे में माओवादियों के 25 लाख के इनामी अजय महतो, करमचंद उर्फ मोछू के नेतृत्व में 20-22 सशस्त्र माओवादियों का दस्ता इलाके में कैंप कर रहा था। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद कोबरा व सीआरपीएफ बटालियान के साथ मिलकर चलाये गये ऑपरेशन के दौरान पिछले दिों माओवादी तो भाग निकले, लेकिन नक्सल साहित्य समेत कई सामान जब्त किये गये।
बूढ़ापहाड़ में ऑपरेशन ऑक्टोपस
लातेहार व गढ़वा इलाके में सुरक्षाबलों ने चार सितंबर को ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान पुलिस को सैक कमांडर सौरभ उर्फ मारकुस, सर्वजीत यादव, नवीन यादव के सशस्त्रत्त् दस्ते की मौजूदगी की सूचना थी। ऑपरेशन के दौरान पहली बार 106 से अधिक लैंड माइंस सुरक्षाबलों ने बरामद किए। उल्लेखनीय है कि 2015 के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके की पूरी घेराबंदी माओवादी टेक विश्वनाथ ने की थी। पूरे बूढ़ापहाड़ को लैंडमाइंस से पाट दिया गया था। यही वजह थी कि उस इलाके में पुलिस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। अब लैंडमाइंस के साथ भारी मात्रा में गोलियां व कोडेक्स वायर बरामद की गई।
2018 से ट्राइजंक्शन पर एक्टिविटी, बैकफुट पर पतिराम
पतिराम मांझी उर्फ अनल को साल 2018 में सैक से केंद्रीय कमेटी सदस्य के तौर पर माओवादियों ने प्रोमोट किया था। एक करोड़ का इनामी अनल तब से चाईबासा, सरायकेला और खूंटी के ट्राइजंक्शन पर एक्टिव था। तीन सालों से अधिक समय तक ट्राइजंक्शन में अनल की सक्रियता ने माओवादी संगठन को इस इलाके में मजबूती दी थी, लेकिन महाराज प्रमाणिक, सुरेश मुंडा जैसे माओवादियों के सरेंडर के बाद इलाके में अनल की पकड़ कम हुई। पिछले दिनों कुचाई में पुलिस ने एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन के दौरान एक महिला समेत दो माओवादी मारे गये थे। दोनों माओवादी संगठन में सेक्शन कमांडर थे। कुचाई इलाके में चल रहे अभियान ने भी माओवादियों को बैकफुट पर ला दिया है।