जिस PIL का आधार बनाकर अमित अग्रवाल ने एडवोकेट राजीव कुमार को कराया अरेस्ट, उस केस में वे पार्टी ही नहीं
झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को एक पीआइएल मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये लेते हुए कोलकाता के हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अरेस्ट किया है। कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल की कंपलेन पर राजीव कुमार को रविवार 31 जुलाई को अरेस्ट किया गया है।
रांची। झारखंड हाईकोर्ट के एडवोकेट राजीव कुमार को एक पीआइएल मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये लेते हुए कोलकाता के हेयर स्ट्रीट पुलिस स्टेशन की पुलिस ने अरेस्ट किया है। कोलकाता के बिजनसमैन अमित अग्रवाल की कंपलेन पर राजीव कुमार को रविवार 31 जुलाई को अरेस्ट किया गया है।
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आरोप है कि घूस की रकम एक करोड़ रुपए की थी। पहली किस्त 50 लाख की दी गयी थी। पुलिस का दावा है कि कैश लेते रंगेहाथ राजीव कुमार को पकड़ा गया था। गिरफ्तारी के दो दिनों के बाद एफआईआर की कॉपी राजीव कुमार के घरवालों को मिली। अब यह एफआईआर सोशल मीडिया पर वायरल है। एफआईआर दर्ज कराने के लिए जो आवेदन कोलकाता पुलिस को अमित अग्रवाल ने दिया है, उसमें कहा गया है कि केस नंबर 4290/2021 को मैनेज करने के लिए एडवोकेट राजीव कुमार 10 करोड़ रुपये की डिमांड कर रहे थे। अंतत: सौदा एक करोड़ पर सहमति बनी। इसकी डिलिवरी दो किस्तों में देने के लिए बात पर सहमति बनी। पहली किस्त 50 लाख रुपये की लेने के लिए राजीव कुमार कोलकाता पहुंचे। उन्होंने पैसे की डिलिवरी ली। इसके बाद उन्हें पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। कोर्ट के आदेश पर राजीव कुमार छह दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में हैं।
पीआइएल नंबर 4290 में अमित अग्रवाल का नाम ही नहीं
अमित अग्रवाल ने केस नंबर 4290/2021 का हवाला देकर राजीव कुमार को अरेस्ट करवाया है। स केस में अमित अग्रवाल पार्टी ही नहीं है। झारखंड हाईकोर्ट की साइट पर मिली जानकारी के मुताबिक 4290/2021 पीआईएल नंबर में राज्य के मुख्य सचिव, इनकम टैक्स, सीबीआई, ईडी, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल और रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी यानी नौ लोगों को पार्टी बनाया गया है। अमित अग्रवाल का नाम इस पीआईएल में कहीं है ही नहीं। अमित अग्रवाल ने दर्ज एफआईआर में 4290 नंबर पीआइएल की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इसी केस को मैनेज करने के लिए राजीव कुमार 10 करोड़ की डिमांड कर रहे थे।
झारखंड हाईकोर्ट में अब 10 को सुनवाई, हेवियस कार्पस का मामला
पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा भयादोहन मामले में गिरफ्तार अधिवक्ता राजीव कुमार के पिता सत्यदेव राय की ओर से दायर हेवियस कार्पस पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन की बेंच ने मामले में कोर्ट ने प्रार्थी के अधिवक्ता को एफआईआर की सर्टिफाइड कॉपी और कोलकाता के कोर्ट की ऑर्डर कॉपी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राजीव कुमार पर क्या मामला है, यह एफआईआर देखे बगैर नहीं समझा जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
सरयू राय ने ट्वीट कर उठाया सवाल
एक्स मिनिस्टर सरयू राय ने ट्वीट कर कहा है कि “खनन, मनरेगा और मुखौटा कंपनियों में सरकारी हुक्मरानों पर दो मुक़दमें (4290/21,727/22) झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे हैं। इनमें श्री शिव शंकर शर्मा आवेदक वराजीव कुमार एडवोकेट हैं। इन दोनों में अमित अग्रवाल का नाम नहीं है। फिर राजीव कुमार किस मामले से उनका नाम निकालते।
अमित अग्रवाल
अमित अग्रवाल कोलकाता के बड़े बिजनसमैन हैं। यहां ज्यादातर लोग इन्हें जानते पहचानते हैं। उनके भाई विनित अग्रवाल रांची में वनस्पति का कारोबार करते हैं।झारखंड हाई कोर्ट के वकील राजीव कुमार ने अमित अग्रवाल के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल किया था। याचिका वापस लेने के लिए अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया था। लेकिन रिश्वत की रकम 50 लाख रुपये देने से पहले ही उसने पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने रेड में राजीव कुमार पकड़े गये।
अमित अग्रवाल और वकील राजीव कुमार के बीच रुपयों की लेन देन 31 जुलाई को पार्क सर्कस इलाके में हो रही थी।
अमित अग्रवाल के अनुसार, याचिका वापस लेने के लिए वकील राजीव कुमार ने दस करोड़ में सौदा तय किया था। काफी बातचीत के बाद राजीव कुमार ने 10 के बदले चार करोड़ रुपये की मांग की। अमित अग्रवाल ने कहा कि वह एक करोड़ देंगे। राजीव कुमार इतनी रकम पर मान गये। सौदा तय हो गया।इस बीच अमित अग्रवाल ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी। साजिश के तहत राजीव कुमार को कोलकाता बुलाया गया। अमित अग्रवाल ने पहली किस्त के रूप में 50 लाख रुपये राजीव कुमार को दिए। राजीव ने जैसे ही रुपये लिए पुलिस ने छापेमारी कर दबोच लिया। अंतत: राजीव कुमार गिरफ्तार कर लिए गये। अमित अग्रवाल का कहना है कि राजीव कुमार केंद्रीय एजेंसियों से बेहतर संबंध होने का हवाला देकर धमकी देता था।
राजीव कुमार ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका की है। यह याचिका हेमंत सोरेन के माइंस लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश को लेकर है। इसके अलावा भी उन्होंने कई याचिकाएं दाखिल की हैं।राजीव कुमार झारखंड हाईकोर्ट के वकील हैं। लगभग 600 जनहित याचिका दाखिल कर रखी है। इसमें कई याचिकाएं हेमंत सोरेन सरकार से संबंधित हैं। राजीव कुमार झारखंड की राजधानी रांची में अरगोड़ा थाना क्षेत्र के गौरीशंकर नगर में रहते हैं।