पेट्रोल-डीजल हुआ सस्ता, सेंट्रल गवर्नमेंट ने घटायी एक्साइज ड्यूटी, यूपी, बिहार समेत आठ स्टेट ने वैट में की कटौती
सेंट्रल गवर्नमेंट ने गुरुवार यानी चार नवंबर दिवाली से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये कम करने के एलान किया है। सेंट्रल के एलान के बाद कई BJP शासित राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) में सात रुपए प्रति लीटर तक की कटौती कर दी है। । उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक और गोवा की सरकारों ने प्रति लीटर सात रुपये तक वैट कटौती का ऐलान किया है। उत्तराखंड ने प्रति लीटर दो रुपये की राहत दी है।
- मोदी गवर्नमेंट ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये कम किया
नई दिल्ली। सेंट्रल गवर्नमेंट ने गुरुवार यानी चार नवंबर दिवाली से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये कम करने के एलान किया है। सेंट्रल के एलान के बाद कई BJP शासित राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) में सात रुपए प्रति लीटर तक की कटौती कर दी है। । उत्तर प्रदेश, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक और गोवा की सरकारों ने प्रति लीटर सात रुपये तक वैट कटौती का ऐलान किया है। उत्तराखंड ने प्रति लीटर दो रुपये की राहत दी है।
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सेंट्रल व स्टेट की ओर से की गई टैक्स कटौती के बाद तो दिवाली के दिन से । उत्तर प्रदेश,असम, त्रिपुरा, मणिपुर, कर्नाटक और गोवा में पेट्रोल की कीमत 12 रुपए और डीजल की कीमत 17 रुपए कम हो जायेगी। वहीं, उत्तराखंड में पेट्रोल सात रुपये और डीजल 12 रुपए सस्ता हो गया है। हिमाचल सरकार ने जल्द वैट घटाने की बात कही है। बिहार में पेट्रोल पर लगने वाले वैट में 1.30 रुपये और डीजल पर 1.90 रुपये की कमी करने का फैसला लिया गया है। इसके बाद स्ट में पेट्रोल 6.30 रुपये व डीजल 11.90 रुपये सस्ता हो जायेगा।
राजस्थान, महाराष्ट्र में बेस प्राइस इफेक्ट का सबसे ज्यादा असर
इसी तरह, बेस प्राइस के चलते दिल्ली में 6.07 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 11.16 रुपये प्रति लीटर की कमी दामों में आएगी। बेस प्राइस इफेक्ट का सबसे बड़ा असर राजस्थान और महाराष्ट्र में दिखेगा, जहां सबसे ज्यादा वैट वसूला जाता है। इससे इन राज्यों में वैट कटौती नहीं होने पर भी पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल के दाम में भारी कटौती होगी।
सेंट्रल के खजाने पर प्रति माह 8700 करोड़ रुपये का पड़ेगा असर
सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से एक्साइज ड्यूटी में की गई अब तक की सबसे अधिक कमी है और इससे मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में 13 रुपए और 16 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है। एक्साइज ड्यूटी में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर सेंट्रल टैक्स 32.9 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपए प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8700 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। उद्योग सूत्रों के अनुसार इससे सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा।
राजस्थान, महाराष्ट्र में बेस प्राइस इफेक्ट का सबसे ज्यादा असर
इसी तरह, बेस प्राइस के चलते दिल्ली में 6.07 रुपये प्रति लीटर और डीजल में 11.16 रुपये प्रति लीटर की कमी दामों में आयेगी। बेस प्राइस इफेक्ट का सबसे बड़ा असर राजस्थान और महाराष्ट्र में दिखेगा, जहां सबसे ज्यादा वैट वसूला जाता है। इससे इन स्टेट में वैट कटौती नहीं होने पर भी पेट्रोल पंपों पर डीजल और पेट्रोल के दाम में भारी कटौती होगी।
28 दिन में 8.85 रुपए महंगा हुआ था पेट्रोल
28 सितंबर को पेट्रोल जहां 20 पैसे महंगा हुआ था, वहीं डीजल भी 25 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ था। सितंबर के अंतिम दिनों से जो पेट्रोल की कीमतें बढ़नी शुरू हुईं, वह मंगलवार तक जारी रहीं। पेट्रोल की कीमतों में देखें तो 28 दिनों में ही यह 8.85 रुपए प्रति लीटर महंगा हो चुका है। इंटरनेशनल लेवल पर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी हैं।