Bangladesh: शेख हसीना की दुश्मन नंबर-1, खालिदा जिया बन सकती हैं बांग्लादेश की पीएम
बांग्लादेश में तख्तापलट के कुछ ही घंटों के बाद राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बड़ा फैसला लिया। राष्ट्रपति ने आदेश दिया कि जेल में बंद विपक्षी नेता और एक्स पीएम खालिदा जिया को रिहा किया जाए
- चीन और पाकिस्तान की हमदर्द
- हसबैंड की मौत के बाद बेगम खालिदा जिया ने राजनीति में की एंट्री
- खालिदा के हसबैंड 1977 से 1981 तक रहे हैं राष्ट्रपति
ढ़ाका। बांग्लादेश में तख्तापलट के कुछ ही घंटों के बाद राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बड़ा फैसला लिया। राष्ट्रपति ने आदेश दिया कि जेल में बंद विपक्षी नेता और एक्स पीएम खालिदा जिया को रिहा किया जाए।
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बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया की रिहाई की खबर सामने आने के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि उन्हें देश का अगला पीेम बनाया जा सकता है। हालांकि,इस बात की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बीएनपी का झुकाव कट्टरपंथी विचारधारा की ओर रही है।
हसबैंड की मौत के बाद राजनीति में हुई एंट्री
शेख हसीन की कट्टर विरोधी माने जाने वाली खालिदा जिया (78) वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष हैं। खालिदा के हसबैंड 1977 से 1981 तक बांग्लादेश के राष्ट्रपति रहे।र उन्होंने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। खालिदा जिया की राजनीतिक करियर की शुरुआत तब हुई जब उनके हसबैंड जियाउर रहमान की मर्डर कर दी गई थी। 30 मई 1981 को तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की मर्डर कर दी गई थी। उनकी मृत्यु के बाद खालिदा जिया, दोजनवरी 1982 को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) में शामिल हो गईं।
12 दिनों के लिए चल सकी सरकार
खालिदा जिया साल 1996 में बांग्लादेश की पहली महिला पीएम बनीं थीं। हालांकि, यह सरकार महज 12 दिनों तक ही चल सकी। आवामी लीग सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने चुनाव को अनुचित बताया। इसके बाद कार्यवाहक सरकार स्थापित की गई और फिर आम चुनाव कराया गया। दोबारा कराए गए चुनाव में आवामी लीग विजयी हुई और पहली बार बार शेख हसीना प्रधानमंत्री बनीं।
2001 में दोबारा सत्ता में आईं खालिदा जिया
वर्ष 2001 में हुए आम चुनाव में खालिदा जिया की पार्टी ने चार दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने में सफल रहीं। वर्ष 2006 में खालिदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के एक साल उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेज दिया गया। उन्होंने अपने खिलाफ दायर सभी मामले को राजनिति से प्रेरित करार दिया। खालिदा जिया और शेख हसीना के बीच प्रधानमंत्री पद को लेकर पिछले कई दशकों से लड़ाई चल रही है। इसलिए दोनों नेताओं की लड़ाई को बांग्लादेश की जनता 'बेगमों की लड़ाई' कहती है।
17 साल की सजा
वर्ष 2018 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष को भ्रष्टाचार के मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई। वो 2018 से ही जेल में सजा काट रहीं हैं। कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहीं खालिदा जिया को अक्सर अपनी इलाज के लिए विदेश यात्रा करनी पड़ती है। वह फिलहाल हॉस्पिटल में एडमिट हैं।
खालिदा का पाकिस्तान-चीन से है हमदर्दी
बतौर पीएम खालिदा जिया सिर्फ दो बार भारत के आधिकारिक दौरे पर आईं हैं। उन्होंने सबसे पहले 26 से 28 मई 1992 को भारत का दौरा किया। इसके बाद 20 से 22 मार्च 2006 को उन्होंने भारत का दौरा किया था। वहीं, अपने दोनों कार्यकाल के दौरान वो चार बार पाकिस्तान और दो बार चीन की यात्रा की। इस बात से खालिदा का चीन और पाकिस्तान प्रेम झलकता है।