झारखंड: चुनाव में नक्सली का सहयोग लेने के मामले में डॉ अजय कुमार साक्ष्य के अभाव में बरी

लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों का सहयोग लेने के मामले में सीनीयर कंग्रेस लीडर डॉ अजय कुमार को कोर्ट ने बरी कर दिया है। एमपी-एमएल कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए एक्स एमपी डा अजय कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।

झारखंड: चुनाव में नक्सली का सहयोग लेने के मामले में डॉ अजय कुमार साक्ष्य के अभाव में बरी
डॉ अजय कुमार (फाइल फोटो)।

रांची। लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों का सहयोग लेने के मामले में सीनीयर कंग्रेस लीडर डॉ अजय कुमार को कोर्ट ने बरी कर दिया है। एमपी-एमएल कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए एक्स एमपी डा अजय कुमार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
एक्स एमपी ने मंगलवार को स्पेशल कोर्ट में मामले में अपना पक्ष दर्ज कराया था। उल्लेखनीय है बीजेपी लीडर दिनेशानंद गोस्वामी ने इसे लेकर जमशेदपुर में मामला दर्ज कराया था। साकची पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज होने के बाद जिला पुलिस से केस सीआइडी ले ली थी। सीआइडी ने इस केस को नो एवीडेंस करके क्लोज कर दिया था । कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट के साथ भेज दिया गया था।

जमशेदपुर सीजीएम ने सीआईडी के रिपोर्ट को अवलोकन कर 29 अप्रैल 2014 को डॉ अजय कुमार एवं प्रभात भुईयां के विरुद्ध संज्ञान धारा 171 F,120B, 506 IPC और 123/136(2)(b) आफ रिप्रजेंटेशन आफ पीपुल एक्ट 1951 अंतर्गत लिया गया था। कोर्ट से समन मिलने के बाद डा अजय कुमार जमशेदपुर कोर्ट उपस्थित हुए। उनके विरुद्ध आरोप गठन किया गया। इसके बाद इस मामले में एमपी-एमएल कोर्ट सुनवाई हुई। जहां बचाव पक्ष की ओर से आरोप को प्रमाणित करने वाले साक्ष्य मौजूद नहीं होने का हवाला दिया गया।

नक्सली लीडर से मोबाइल पर बातचीत की सीडी से मिली थी जानकारी
जमशेदपुर के एक्स एमपी डॉ अजय कुमार की एक आडियो सीडी जारी की गई थी। चुनाव में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी लीडर की ओर से इस सीडी को सार्वजनिक किया गया। इसमें आरोप लगाया गया था कि लोकसभा के चुनाव में जीत के लिए डा अजय कुमार ने प्रमंडल में सक्रिय नक्सली संगठन भाकपा माले के एक शीर्ष नेता से बातचीत की। चुनाव में सहयोग मांगा। सीडी जारी होने के बाद यह मामला काफी चर्चित हुआ था।