Naxal Encounter : लातेहार पुलिस की बड़ी सफलता, नक्सल कमांडर मनीष का किया ‘द एंड’

झारखंड के  लातेहार में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई एनकाउंटर में नक्सल कमांडर मनीष यादव का 'द एंड' हो गया है। लगभग एक दशक से बूढ़ापहाड़ में सक्रिय CRPF टीम पर हमलों के आरोपी मनीष यादव को मार गिराया है। मनीष पर पांच लाख रुपये का इनाम था।

Naxal Encounter : लातेहार पुलिस की बड़ी सफलता,  नक्सल कमांडर मनीष का किया ‘द एंड’
मनीष यादव (फाइल फोटो)।
  • CRPF हमलों के मास्टरमाइंड को पुलिस ने मार गिराया

लातेहार। झारखंड के  लातेहार में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई एनकाउंटर में नक्सल कमांडर मनीष यादव का 'द एंड' हो गया है। लगभग एक दशक से बूढ़ापहाड़ में सक्रिय CRPF टीम पर हमलों के आरोपी मनीष यादव को मार गिराया है। मनीष पर पांच लाख रुपये का इनाम था।

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एक दशक से बूढ़ापहाड़ में सक्रिय था मनीष
मनीष के मारे जाने के साथ ही बूढ़ापहाड़ स्थित माओवादियों के ट्रेनिंग सेंट में बिहार के लीडरशिप का भी अंत हो गया है। मनीष यादव को बूढ़ापहाड़ में बिहार का अंतिम टॉप कमांडर बताया जा रहा है। माओवादी मनीष यादव बिहार के गया के छकरबंधा का रहने वाला था। जिस क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर हुई और मनीष मारा गया। उसी क्षेत्र में मनीष का ससुराल भी है। मनीष लगभग  एक दशक से बूढ़ापहाड़ में सक्रिय था।  वह साधारण कैडर के तौर पर माओवादियों के दस्ते में जुड़ा था। लेकिन धीरे-धीरे वह माओवादियों का सबजोनल कमांडर बन गया था।
CRPF हमलों का आरोपी था मनीष यादव
बताया जा रहा है कि नक्सली कमांडर मनीष यादव पर झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलों में नक्सल हमले से संबंधित 50 से अधिक एफआइआर दर्ज हैं। इनमें झारखंड का लातेहार पलामू, गढ़वा, चतरा और बिहार का गया व औरंगाबाद जिला मुख्य रूप से शामिल हैं। मनीष चर्चित कटिया एनकाउंटर का भी आरोपी था, जिसमें 13 जवान शहीद हुए थे। इस एनकाउंटर में सीआरपीएफ जवान के पेट में बम प्लांट किया गया था। मनीष यादव वर्ष  2018-19 में झाखंड के गढ़वा में हुए पोलपोल नक्सल हमले का भी मुख्य आरोपी रहा है। इस हमले में छह जवान शहीद हुए थे।
बूढ़ापहाड़ से लेकर छकरबंधा तक फैला था मनीष का नेटवर्क
नक्सल कमांडर मनीष यादव एक करोड़ के इनामी नक्सली अरविंद का बॉडीगार्ड हुआ करता था। अरविंद के साथ उसकी एके-47 लिए एक फोटो भी वायरल हुई थी। वर्ष 2018 में अरविंद की मौत होने के बाद भी मनीष यादव बूढ़ापहाड़ इलाके में एक्टिव रहा। इसके बाद वह माओवादियों का सबजोनल कमांडर बन गया। उसने बूढापहाड़ से लेकर बिहार के छकरबंधा कॉरिडोर तक अपना नेटवर्क फैला रखा था।