Jharkhand : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, रजिस्टर्ड डीड कैंसिल करने का अधिकार DC को नहीं

झारखंड हाईकोर्ट रजिस्टर्ड सेल डीड के मामले में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा वर्ष 2016 में डीसी को दिये गये अधिकार को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि रजिस्टर्ड डीड रद्द करने का अधिकार डीसी को नहीं है। जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

Jharkhand : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, रजिस्टर्ड डीड कैंसिल करने का अधिकार DC को नहीं
सरकार का आदेश गलत।
  • बीजेपी MP निशिकांत दुबे की याचिका स्वीकार

रांची। झारखंड हाईकोर्ट रजिस्टर्ड सेल डीड के मामले में स्टेट गवर्नमेंट द्वारा वर्ष 2016 में डीसी को दिये गये अधिकार को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि रजिस्टर्ड डीड रद्द करने का अधिकार डीसी को नहीं है। जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।

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झारखंड हाईकोर्ट ने गोड्डा एमपी निशिकांत दुबे और अन्य लोगों की याचिका पर उक्त फैसला सुनाया है। जस्टिस गौतम चौधरी की कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि झारखंड के किसी भी जिले के डीसी अब रजिस्ट्री कैंसल नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने डीड कैंसिलेशन के दौरान डीड धारक के ऊपर की गयी एफआइआर भी रद्द करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि गवर्नमेंट ने लेटर के माध्यम से डीसी को जो अधिकार दिया था, वह गलत है। यह विधिसम्मत नहीं है। इस अधिकार के तहत डीसी द्वारा रजिस्टर्ड डीड रद्द करनेका जो आदेश पारित किया गया है, वह भी अवैध है। देवघर डीसी द्वारा रजिस्टर्ड डीड के मामले में गोड्डा एमपी निशिकांत दुबेकी पत्नी (प्रार्थी) अनामिका गौतम के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का जो आदेश दिया गया था, वह भी गलत है।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को को उक्त फैसला सुनाते हुए सेल डीड निरस्त करने से संबंधित डीसी के आदेश को चुनौती देनेवाली 33 याचिकाओं को स्वीकार कर लिया। पूर्वमें 28 नवंबर 2023 को मामले में सुनवाई पूरी होनेके कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पूर्व मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव व अधिवक्ता पार्थ जालान ने पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया था कि श्यामगंज मौजा देवघर की उनकी जमीन का सेल डीड देवघर डीसी ने रद्द कर दिया है। जमीन की रजिस्ट्री होनेके बाद डीड को निरस्त करने का अधिकार डीसी को नहीं है। डीसी रजिस्टर्ड डीड को निरस्त नहीं कर सकता है। यह अधिकार सिविल कोर्ट को है. राज्य सरकार ने बिना एक्ट में संशोधन किये वर्ष 2016 में एक पत्र के माध्यम से रजिस्टर्ड डीड रद्द करने का अधिकार डीसी को दिया था, वह विधिसम्मत नहीं है।
मंजूनाथ भजंत्री ने कैंसिल की थी निशिकांत दुबे की रजिस्ट्री
गोड्डा के बीजेपी एमपी निशिकांत दुबे के वाइफ के नाम की रजिस्ट्री तत्कालीन डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने रद्द कर दी थी। डीसी की यह कार्रवाई काफी चर्चा में भी रही थी। डीसी द्वारा रजिस्ट्री  करने के बाद एमपी निशिकांत दुबे की वाइफ ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था,जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है।
झारखंड ने वर्ष 2016 में आदेश जारी कर सभी जिलों के डीसी को अधिकार दिया था। कहा गया था कि फर्जीवाड़ा कर जमीन की गलत ढंग से रजिस्ट्री की शिकायत मिलने पर जिलों के डीसीसेल डीड को रद्द कर सकेंगे। मामले में एफआइआर दर्ज कराने का भी अधिकार रहेगा।