बिहार: 10 जिलों के आठ लाख लोग बाढ़ की चपेट में, 10 हजार घरों में घुसा पानी, NH 28 पर रोका गया यातायात
बिहार के 10 जिलों के 67 ब्लॉक की 435 पंचायतों आठ लाख से अधिक लोग बाढ से प्रभावित हैं। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कई बांध टूट रहे हैं।
पटना। बिहार के 10 जिलों के 67 ब्लॉक की 435 पंचायतों आठ लाख से अधिक लोग बाढ से प्रभावित हैं। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। उत्तर बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद कई बांध टूट रहे हैं। पुरैना और देवापुर में सारण मुख्य तटबंध टूट गया, जिससे 34 गांव हुए जलमग्न हो गये हैं। बरौली, गोपालगंज सदर, मांझागढ़ व बैकुंठपुर में जमींदारी व रिंग बांध भी टूट गए। 10 हजार घरों में गंडक का पानी घुसने से ग्रामीण परेशान है। सभी पलायन कर रहे हैं। इसके अलावा एनएच 28 पर बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन ठप कर दिया गया है। देवापुर में बाढ़ के पानी में डूबने से एक किशोर की मौत हो गई।
बागमती के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी
बागमती के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से नदी अब अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दी है। चारों तरफ पानी ही पानी है। प्रभावित इलाके के लोगों की स्थिति भयावह होती जा रही है। मुजफ्फरपुर के कटरा ब्लॉक की 19 पंचायतों के डेढ़ लाख लोगों के समक्ष आवागमन, पशुचारा, पेजयल, बिजली, आदि की समस्या विकराल हो गई है। लगभग पांच हजार की आबादी ऊंची-ऊंची जगहों पर खुले आसमान में रहने पर मजबूर हैं। 10 हजार एकड़ में लगी धान की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है। बागमती का पानी के धनौर, शिवदासपुर, कटरा, सोनपुर, बसघट्टा, चंगेल, नगवारा, कटाई, यजुआर पूर्वी, लखनपुर, यजुआर मध्य, खंगुरा, पहसौल, यजुआर पश्चिमी, बंधपूरा, बेलपकौना, बर्री, तेहवारा आदि पंचायत के लगभग पांच हजार घरों में पानी घुसा है।
मवेशी के बांधने से लेकर पशुचारा की समस्या है। बागमती तटबंध के भीतर बसे मोहनपुर, बर्री, भवानीपुर, बकुची, अंदामा, माधोपुर, गंगेया, नवादा, चंदौली समेत कई गांव पूरी तरह जलमग्न है। अधिकांश चापाकल डूब गये हैं। बांध के बाहर के धनौर, कटरा, सोनपुर, बरैठा, बंधपुरा, खंगुरा आदि गांव के करीब दो हजार घरों में पानी घुसा हुआ है। सड़कों पर बह रहा चार फीट बाढ़ का पानीबेनीबाद-बकुची-औराई मुख्य मार्ग पर पॉवर ग्रिड से लेकर रेडक्रॉस बर्री तक छह किमी में साढ़े तीन फीट से लेकर चार फीट तक पानी बह रहा है। बकुची चौक से लेकर बागमती नदी के रास्ते दक्षिणी तटबंध तक मोटरबोट के सहारे एनडीआरएफ की टीम लोगों को आरपार करवा रही है। बागमती नदी गंगेया स्थित पीपा पुल पर आवागमन बाधित होने के बाद ग्रामीण चारों तरफ से पानी से घिर गये हैं। आवश्यक सामग्री की किल्लत होने लगी है।
बूढ़ी गंडक से भी लोगों की परेशानी बढ़ी
बूढ़ी गंडक केजलस्तर बढ़ने से तटीय मोहल्लों में रहने वाले हजारों परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तेजी से पानी बढ़ने से शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोगों ने अपने अपने घरों में ताला जड़ सुरक्षित ठिकानों पर चले गये हैं। जलस्तर बढ़ने की तेज होती रफ्तार व रूक-रूक कर हो रही वर्षा से मोहल्लों में अफरातफरी मची रही। जैसे तैसे लोग खाने-पीने, कपड़े व महंगे सामानों को घरों से निकाल कर चलते बने। घरों में पानी घूसने के कारण घरों में चूल्हा नहीं चल सका। पानी खतरे के निशान पार करने की सूचना से मोहल्लों में हड़कंप मचा रहा। शहर स्थित अखाड़ाघाट, सिकंदरपुर, शेखपुर ढ़ाब, झीलनगर, कर्पूरीनगर, आश्रमघाट, लकड़ीढ़ाई, नाजिरपुर व चंदवारा समेत दर्जनभर से अधिक मोहल्लों से हजारों लोगों ने पलायन किया।गोपालगंज में रिंग बांध टूटने के बाद मुख्य तटबंध दो जगह टूट गया है। पूर्वी चंपारण में चंपारण तटबंध भी टूटा है। गोपालगंज को बेतिया से जोड़ने वाले गंडक नदी के जादोपुर-मंगलपुर महासेतु का संपर्क पथ ध्वस्त हो गया है। सीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण सड़क संपर्क भंग हो गया है तो जमुई व दरभंगा में रेल ट्रैक पर पानी चढ़ गया है। इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 17 लोगों की मौत हो गई है।
सात नदियां लाल निशान से ऊपर, पुनपुन उतरी
इस बीच विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार गंडक और कोसी नदी का डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है, लेकिन दूसरी सात प्रमुख नदियां लाल निशान से ऊपर बह रही हैं। कल लाल निशान से ऊपर पहुंची पुनपुन अब नीचे उतर गई है। पटना के श्रीपालपुर लाल निशान से तीन सेमी नीचे बह रही है। गंगा भी लाल निशान से अभी बहुत नीचे है। बागमती नदी दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में सभी जगहों पर लाल निशान से ऊपर है। मुजफ्फरपुर में यह नदी लगभग सवा मीटर लाल निशान से ऊपर है। बुढ़ी गंडक रोसरा रेल पुल के पास 1.25 मीटर तो समस्तीपुर रेल पुल के पास 64 सेमी लाल निशान से ऊपर है। कमला बलान भी झंझारपुर में बांध पर दबाव बनाये हुए है। वहां यह नदी लाल निशान से 1.10 मीटर ऊपर है तो जयनगर में 25 सेमी ऊपर है। लालबकेया पूर्वी चम्पारण में 1.09 मीटर और अधवारा सीतामढ़ी में लगभग दो मीटर ऊपर बह रही है। खीरोई नदी ने भी दरभंगा में आंखें लाल कर ली है। वहां यह नदी 1. 54 मीटर लाल निशान से ऊपर है। महानंदा पूर्णिया में 66 सेमी ऊपर है। घाघरा भी सीवान में अभी लाल निशान का 13 सेमी से ही क्रास की है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम सभी प्रभावित इलाकों में तैनात है और आवश्यकतानुसार लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है। विभिन्न जिलों में 192 सामुदायिक किचेन बनाये है, जहां से 81 हजार लोगों को भोजन उपये गये हैं। कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां पर अधिक पानी की वजह से फूड पैकेट्स पहुंचाने में दिक्कत आ रही है। ऐसी जगहों पर हेलीकॉप्टर से फूड पैकेट्स पहुंचाए जायेंगे। स्टेट गवर्नमेंट ने होम मिनिस्टरी से हेलीकॉप्टर की मांग की है।