बिहार: डॉन पप्पू देव का 27 साल का क्राइम रिकार्ड, पत्नी लड़ी थी एलजेपी के टिकट पर चुनाव
बिहार में एक समय था जब क्राइम वर्ल्ड में पप्पू देव की धमक थी। रंगदारी, किडनैपिंग व मर्डर जैसे संगीन क्राइम में पप्पू देव का नाम सामने आता था। भले ही पप्पू देव की मौत हो चुकी है लेकिन उसके डॉन बनने की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। ऐसा कोई क्राइम नहीं है, जिसे उसने अंजाम ना दिया हो। उसके पॉलिटिकल कनेक्शन भी रहे हैं।
सहरसा। बिहार में एक समय था जब क्राइम वर्ल्ड में पप्पू देव की धमक थी। रंगदारी, किडनैपिंग व मर्डर जैसे संगीन क्राइम में पप्पू देव का नाम सामने आता था। भले ही पप्पू देव की मौत हो चुकी है लेकिन उसके डॉन बनने की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। ऐसा कोई क्राइम नहीं है, जिसे उसने अंजाम ना दिया हो। उसके पॉलिटिकल कनेक्शन भी रहे हैं।
बिहार: सहरसा में डॉन पप्पू देव की मौत, पत्नी की आंखों में आंसू, समर्थकों का प्रदर्शन, टेंशन
पप्पू ने वर्ष 1994 में की थी पहली मर्डर
सहरसा जिले के बिहरा पुलिस स्टेशन एरिया के बिहरा गांव के रहने वाले दुर्गानंद देव के पुत्र पप्पू देव का अधिकांश समय पूर्णिया में बीता। उसके पिता पूर्णिया में बिजली विभाग में कार्यरत थे। पूर्णिया में ही पप्पू देव एक क्रिमिनल गैंग से जुड़ गया। इसी बीच गांव में उनके एक रिलेटिव की मर्डर कर दी गई। असके बाद पप्पू देव गांव लौटकर आ गया और मर्डर का बदला लेने की प्रण ले लिया। पप्पू देव ने वर्ष 1994 में कुंवर सिंह नामक व्यक्ति की मर्डर कर दी। उसके बाद तो दो जाति में अदावत शुरू हो गई। दोनों ओर से मर्डर का दौर चलने लगा। कोसी में दो जाति मानों एक दूसरे के दुश्मन बन गये। यही से पप्पू देव डॉन बन गया। गैंह बनाकर क्राइम को अंजाम देता रहा।
बिहार, नेपाल से लेकर यूपी तक था पप्पू का कनेक्शन
पप्पू देव बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मर्डर, लूट, अपहरण, रंगदारी जैसे दर्जनों संगीन मामले के आरोपी रहा है। उसने वर्ष 2002 में नेपाल के एक व्यापारी तुलसी अग्रवाल का किनैप कर कर फिरौती में मोटी रकम वसूली थी। पप्पू देव को वर्ष 2003 में 50 लाख से अधिक के जाली नोट और हेरोइन के साथ नेपाल में अरेस्ट किया गया। उसे वहां 10 वर्ष की सजा भी हुई। सजा पूरी होने के बाद वह रिहा कर दिया गया। जनवरी 2014 में पुलिस ने नेपाल बार्डर से उसे अरेस्ट किया। लगभग डेढ़ साल पहले बेल पर बाहर आया था।
पुलिस से पप्पू की कई बार हो चुकी है एनकाउंटर
नेपाल में पकड़े जाने से पहले नवगछिया के मुकंदपुर चौक के पास पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस को देखते ही पप्पू देव ने फायरिंग करते हुए भाग निकला। इसी तरह एक बार खगड़िया में एसटीएफ के हाथ से भी वह बच निकला था। हालांकि उसका एक साथी मारा गया था। बिहरा में भी एनकाउंटर हुई थी जिसमें दो सब इंस्पेक्टर मिराज व राजकिशोर को गोली लगी थी। लेकिन पप्पू बच निकलने में सफल रहा था।
पप्पू देव का रहा है राजनीतिक कनेक्शन
पप्पू देव का राजनीतिक कनेक्शन भी रहा है। कई राजनीतिक दलों के दिग्गज से उनका संबंध था। पत्नी पूनम देव लोजपा के टिकट पर बिहपुर से लड़ी थी। पूनम ने 2015 में बतौर निर्दलीय महिषी विधानसभा से भी चुनाव लड़ा।
पप्पू के खिलाफ सहरसा में दर्ज हैं 28 मामले
पप्पू देव पर सहरसा में लगभद 28 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ 150 से ज्यादा रंगदारी, अपहरण और हत्या के मामले दर्ज हैं। मुजफ्फरपुर के सब रजिस्ट्रार सूर्यदेव नारायण सिंह का अपहरण, पारू व कटरा के सब रजिस्ट्रार की 2001 में वैशाली के भगवानपुर थाना क्षेत्र में मर्डर मामले में में पप्पू देव का नाम आया था।