रूसी वैक्सीन की मंजूरी से पहले जांच करेगा WHO, सितंबर से शुरू होगा प्रॉडक्शन, 20 देशों ने कर ली बुकिंग
WHO ने कहा है कि किसी वैक्सीन को तभी मंजूरी दी जायेगी जब उसके सुरक्षित होने की जांच सख्ती से कर ली जायेगी। रूस की ओर से पहले कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर्ड जाने की घोषणा के बाद WHO की ओर से यह बयान आया है।
नई दिल्ली। WHO ने कहा है कि किसी वैक्सीन को तभी मंजूरी दी जायेगी जब उसके सुरक्षित होने की जांच सख्ती से कर ली जायेगी। रूस की ओर से पहले कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर्ड जाने की घोषणा के बाद WHO की ओर से यह बयान आया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया है। यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ मजबूत इम्युनिटी पैदा करने में सक्षम है।
जेनेवा में ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग के दौरान WHO के प्रवक्ता तारिक जासारेविक ने कहा कि हम रूस के हेल्थ अथॉरिटीज के साथ संपर्क में हैं। वैक्सीन के संभावित प्री-क्वालिफिकेशन को लेकर चर्चा चल रही है। किसी वैक्सीन के प्री-क्वालिफिकेशन के लिए सख्त समीक्षा और सभी सुरक्षा व प्रभावी मानकों की जांच शामिल है।
रूस के स्पूतनिक वी वैक्सीन को गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और डिफेंस मिनिस्टरी ने मिलकर विकसित किया है। वर्ल्ड में इस समय कुल 165 कैंडिडेट वैक्सीन पर काम चल रहा है। इनमें से 139 अभी भी प्री-क्लीनिकल इवैल्यूएशन में हैं, जबकि 26 अन्य ह्यूमन ट्रायल के अलग-अलग फेज में हैं। छह वैक्सीन थर्ड फेज में हैं।गमालेया कैंडिडेट उन 26 वैक्सीन में शामिल है जिन्हें ह्यूमन पर ट्रायल किया जा रहा है और फेज 1 में लिस्टेड है। वैक्सीन प्रॉजेक्ट के लिए फंड देने वाले रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के मुखिया किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि फेज 3 का ट्रायल बुधवार को शुरू होगा। वैक्सीन का इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। 20 देशों ने एक अरब से अधिक डोज के लिए ऑर्डर दे दिया है।
जासारेविक ने कहा कि 'हर देश में एक राष्ट्रीय नियामक एजेंसी है जो अपनी सीमा में वैक्सीन या दवा के इस्तेमाल को मंजूरी देता है। WHO में वैक्सीन और दवा के लिए प्री-क्वॉलिफिकेशन प्रोसेस है। उत्पादक WHO से प्री-क्वालिफिकेशन की मांग करते हैं, क्योंकि यह एक तरीके से गुणवत्ता का मुहर है।
इंडियन हेल्थ मिनिस्टरी ने कहा
कोविड-19 टीके की खरीद एवं प्रबंधन के क्रियान्वयन और नैतिक पहलुओं पर विचार करने के लिए नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय विशेषज्ञ समिति बुधवार को बैठक करेगी। यह समिति टीके के प्रबंधन, वितरण और कोल्ड चेन क्रियान्वयन और टीका देने वाले लोगों को प्रशिक्षित करने को प्राथमिकता देने के पहलुओं पर रणनीति तैयार करेगी। कोरोना वैक्सीन के लिए रूस से टाईअप करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मिनिस्टरी ने ट्वीट किया, “नीति आयोग के सदस्य, डॉ वी के पॉल की अध्यक्षता में टीका प्रशासन पर विशेषज्ञ समिति कोविड-19 टीके की खरीद एवं प्रबंधन के क्रियान्वयन एवं नैतिक पहलुओं पर विचार करने के लिए 12 अगस्त को बैठक करेगी।” मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि टीका प्रबंधन पर बनी समिति राज्य सरकारों एवं टीका निर्माताओं समेत सभी हितधारकों के साथ काम करेगी।
इंडिया में कोरोना वैक्सीन के लिए टेस्टिंग में
आईसीएमआर के डीजी बलराम भार्गव ने पिछले मंगलवार (4 अगस्त) को कहा था कि कोविड-19 के दो संभावित टीकों के मानवीय क्लिनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है। परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुका है। इस टीके को भारत बायोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और जाइडस कैडिला लिमिटेड के साथ मिलकर स्वदेश में ही विकसित कर रहा है। पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 के संभावित टीके के दूसरे और तीसरे चरण का मानवीय क्लिनिकल परीक्षण करने की अनुमति दी गई है।