बिहार: सहरसा में डॉन पप्पू देव की मौत, पत्नी की आंखों में आंसू, समर्थकों का प्रदर्शन, टेंशन
पप्पू देव की मौत की खबर फैलते ही रविवार की सुबह पांच बजे से ही सदर अस्पताल में समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। कुछ ही देर में पूरा हॉस्पीटल कैंपस समर्थकों से भर गया। हालांकि, पप्पू देव की मौत की घटना के बाद एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या पुलिस की तैनाती हॉस्पिटल में की गयी थी। डीएम के निर्देश पर बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती कर मेडिकल बोर्ड गठित की गयी। पप्पू समर्थक बॉडी की एक झलक पाने के लिए हल्ला करते रहे।
सहरसा। पप्पू देव की मौत की खबर फैलते ही रविवार की सुबह पांच बजे से ही सदर अस्पताल में समर्थकों की भीड़ जुटने लगी। कुछ ही देर में पूरा हॉस्पीटल कैंपस समर्थकों से भर गया। हालांकि, पप्पू देव की मौत की घटना के बाद एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या पुलिस की तैनाती हॉस्पिटल में की गयी थी। डीएम के निर्देश पर बॉडी के पोस्टमार्टम के लिए मजिस्ट्रेट की तैनाती कर मेडिकल बोर्ड गठित की गयी। पप्पू समर्थक बॉडी की एक झलक पाने के लिए हल्ला करते रहे।
समर्थकों व परिजनों ने लगाया आरोप, पुलिस पिटाई से हुई पप्पू मौत
समर्थक चिल्लाते रहे कि उन्हें अपने पप्पू देव को देखना है। मौके पर मौजूद एसडीपीओ संतोष कुमार एसडीएम प्रदीप कुमार झा ने आक्रोशित लोगों को यह कहकर समझाते रहे कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जायेगा। मजिस्ट्रेट नीरज सिंहा की देख रेख में बॉडी की जांच शुरू हुई। मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में ही जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करायी गयी। इसके बाद बॉडी को एंबुलेंस से पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। समर्थकों ने फिर से हो हंगामा करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर के लिए अस्पताल मोड़ सड़क को जाम भी किया गया। पप्पू देव समर्थक रेड करने गयी पुलिस अफसरों पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगा रहे थे। समर्थकों व परिजनों ने पिटाई से ही उनकी मौत होने का आरोप पुलिस प्रशासन पर लगा रहे थे।पप्पू देव के समर्थकों ने सहरसा-सुपौल रोड़ को दोरमा चौक पर जाम कर दिया।सड़क पर टायर जलाकर विरोध किया।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
पप्पू देव का पोस्टमार्टम चार सदस्यीय मेडिकल टीम ने किया। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. एसपी विश्वास के नेतृत्व में गठित टीम में डा. किशोर कुमार मधूप, डा. एसके आजाद एवं डा. अखिलेश कुमार शामिल थे। पोस्टमार्टम के बाद उनके समर्थक पप्पू देव की पत्नी पूनम देव के इंतजार में ही रूक गये। बाद में मोबाइल पर ही बातचीत होने के बाद समर्थक उनके बॉडी को एंबुलेंस से ही बिहरा निकले। एंबुलेंस के पीछे- पीछे समर्थकों की भीड़ भी थी। सदर एसडीपीओ सहित सदर एसडीओ के अलावा अन्य पुलिस पदाधिकारी उनके पैतृक गांव बिहरा तक साथ गये।
दफ्न हो गया बेटी की विवाह का ख्वाब
संजय कुमार देव उर्फ पप्पू देव की मौत होने से परिजनों व ग्रामीणों में मातम छाई हुई थी। परिजनों का कहना था कि पप्पू कहा करता था कि वे अपने इकलौते पुत्र व पुत्री की शादी की धूमधाम से करेगा। लेकिन उनकी ये तमन्ना दिल में ही दफन रह गयी। बूढ़ी मां इंग्लिश देवी को नहीं पता था कि उनके इकलौते बेटे पप्पू देव की मौत हो गई है। लेकिन दरवाजे पर लोगों की भीड़ देख उन्हें पता चल गया। खबर सुनते ही वो बेहोश हो गई। पत्नी पूनम देव जोर-जोर से रो रही थी। पुत्र बाबू ( 20 वर्ष ) एवं पुत्री शालू ( 21 वर्ष ) नहीं पहुंच पायी थी। लोकललोगों के अनुसार दोनों देहरादून में पढ़ाई कर रहे हैं।
पप्पू देव की बॉडी में मिले जख्म के निशान
पप्पू देव की मौत के बाद अब उसके समर्थन में भी आवाज उठने लगे हैं। पप्पू देव के बॉडी पर मारपीट से बने जख्म के निशान वाला फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मौत मामले की सीबीआइ या न्यायिक जांच की मांग की जा रही ह।पुलिस के अनुसार, हाजत में सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसकी मौत हुई है।वहीं सोशल मीडिया पर पप्पू देव की कई फोटो वायरल हो रही है. इसमें शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। इसे लेकर सवाल किये जा रहे हैं। पप्पू देव की मौत का मामला सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक दिनभर छाया रहा। कुछ लोग पुलिस कस्टडी में मौत पर सवाल उठा रहे थे। वहीं कुछ मौत के बताये कारण को ही गलत बता रहे थे। लोगों ने सोशल मीडिया पर जो फोटो शरय किया है, उसमें पप्पू देव के शरीर पर चोट के निशान गहराये हुए हैं। शरीर पर सभी जगह काले निशान को लेकर सवाल किये जा रहे हैं।सदर अस्पताल में मजिस्ट्रेट के देख रेख में हो रही जांच के दौरान पप्पू देव के बॉडी पर जख्म के निशान दिखने के बाद समर्थकों में आक्रोश पनपने लगा। जख्म के निशान देख पप्पू समर्थक व स्वजन उनकी पिटाई का आरोप पुलिस पर लगाने लगे। जबकि पुलिस रेड के दौरान दीवाल से छलांग लगाने के कारण जख्म के निशान होने की बात कही। पप्पू देव के हाथ व पांव में जगह- जगह जख्म के निशान थे। बिहरा पैतृक गांव में बॉडी पहुंचने के बाद पप्पू समर्थकों व पुलिस के बीच नोंकझोंक भी हुई।
पप्पू देव को विधायक व कंपनी कहते थे समर्थक
पप्पू देव को उनके समर्थक विधायक व कंपनी के नाम से जानते थे। यही कहकर उन्हें बुलाते थे। भले ही पप्पू देव कभी विधायक नहीं बने परंतु इस नाम से वो चर्चित थे। अस्पताल में समर्थक फोन पर एक-दूसरे को यही कह रहे थे विधायक जी अब नहीं रहे। कंपनी इस दुनिया में नहीं रहे।