मुजफ्फरपुर: अविश्वास प्रस्ताव गिरा, नगर निगम के डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला की कुर्सी बरकरार
मुजफ्फरपुर नगर निगम में डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार की बैठक में औंधे मुंह गिर गया। इसके साथ ही डिप्टी मेयर के पद पर उनका कब्जा बरकरार रहा। अविश्वास प्रस्ताव कोरम के अभाव में खारिज हो गया।
- मेयर का फैसला आज
मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर नगर निगम में डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार की बैठक में औंधे मुंह गिर गया। इसके साथ ही डिप्टी मेयर के पद पर उनका कब्जा बरकरार रहा। अविश्वास प्रस्ताव कोरम के अभाव में खारिज हो गया।
मिठनपुरा स्थित आम्रपाली ऑडिटोरियम में उपमेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान की बैठक वार्ड 47 की पार्षद गीता देवी की अध्यक्षता में शुरू हुई। इसमें नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय और अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) कुंदन कुमार के साथ 40 वार्ड पार्षद उपस्थित थे। जैसे ही अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान शुरू हुआ, 28 निगम पार्षदों ने वोटंग से खुद को किनारे कर लिया। वोट ही नहीं डाला।
शेष बचे निगम पार्षदों में आठ ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि दो पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। एक मत अमान्य करार दिया गया।ऐसे में कोरम के अभाव में अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। उपमेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए 25 मतों की जादुई आंकड़ा की जरुरत थी।
नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेयी की अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाई गई थी। इसमें जिन 18 पार्षदों ने डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर साइन किये थे। उन लोगों से वोटिंग करानी थी। बैठक में ASP अभियान, टाउन DSP, SDO पूर्वी समेत पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौजूद थे।18 पार्षदों में सिर्फ 14 ने ही वोट डाले। इनमें आठ वोट ही अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े। तीन वोट डिप्टी मेयर के पक्ष में और एक वोट इनवैलिड रहा। वहीं चार पार्षदों ने वोट का बहिष्कार किया। पार्षद राकेश पिंटू ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर उनका फर्जी हस्ताक्षर है। इसलिए वे वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे।
नगर आयुक्त ने न कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग हुई है। सिर्फ आठ वोट ही अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पड़े हैं।
बैठक में नहीं आये मेयर
बैठक में मेयर को भी शामिल होना था, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने सूचना भेजी कि वे बीमार हैं।इस बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे। मेयर के बिना ही बैठक शुरू की गई। मेयर की किस्मत का फैसला शनिवार को होगा। वे इस कुर्सी पर रहेंगे या नहीं, यह कल अविश्वास प्रसताव पर वोटिंग तय होगा।