चिराग पासवान की नई पार्टी का नाम LJP (रामविलास), पारस की पार्टी RLJP
चुनाव आयोग ने दो धड़ों में बंटी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) मंगलवार को अलग-अलग पार्टी के तौर पर मंजूरी दे दी। उप चुनाव तक चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। पार्टी काे हेलिकॉप्टर चुनाव चिन्ह दिया गया है। वहीं, उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) होगा। RLJP का चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन होगा।
- चिराग को चुनाव चिह्न दिया हेलिकॉप्टर
- पारस की पार्टी का निशान होगा सिलाई मशीन
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने दो धड़ों में बंटी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) मंगलवार को अलग-अलग पार्टी के तौर पर मंजूरी दे दी। उप चुनाव तक चिराग पासवान के नेतृत्व वाली पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। पार्टी काे हेलिकॉप्टर चुनाव चिन्ह दिया गया है। वहीं, उनके चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) होगा। RLJP का चुनाव चिन्ह सिलाई मशीन होगा।
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हालांकि मूल पार्टी लोजपा और उसका चुनाव चिह्न बंगला पर आयोग का अंतिम फैसला पांच नवंबर को आयेगा।चुनाव आयोग ने इस संबंध में लेटर जारी कर दिया है। इसके साथ ही दोनों गुटों के बीच पार्टी को लेकर दावे की लड़ाई अब खत्म होती दिख रही है। हालांकि, चिराग पासवान की पार्टी के नाम से रामविलास जुड़ गया है, जिससे उन्हें चुनावी समर में पिता की विरासत के आधार पर वोट मांगने में मदद मिल सकती है।
सिंबल को चुनाव आयोग ने किया था फ्रीज
राम विलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का उनके भाई व बेटे के बीच बंटवारा हो गया है। पार्टी पर कब्जे को लेकर विवाद के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम व सिंबल फ्रीज कर दिया था।चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा की दो सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अपना प्रत्याशी उतारने के लिए चुनाव आयोग से नई पार्टी और चुनाव चिह्न देने का अनुरोध किया था। चुनाव आयोग के फैसले का दोनों पक्ष ने स्वागत किया है।
पशुपति कुमार पारस का दावा-फैसला हमारे पक्ष में आयेगा
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चुनाव आयोग से आवंटित नई पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर कहा कि आयोग का जो भी फैसला आया है वो मान्य है। उन्होंने कहा कि आयोग से पांच नवंबर को लोजपा और बंगला चुनाव चिह्न पर अंतिम फैसला हमारे पक्ष में आएगा क्योंकि असली लोजपा हमारी है। इधर, लोजपा (चिराग गुट) के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने कहा कि चुनाव आयोग का यह अंतरिम फैसला है जो हमारे नेता चिराग पासवान को मान्य है। नई पार्टी और नये सिंबल पर हमारे नेता उपचुनाव में प्रत्याशियों को पूरी ताकत से उतारेंगे और जीत दिलायेंगे।
उल्लेखनीय है कि सेंट्रल मिनिस्टर रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग और उनके भाई पशुपति पारस के बीच विवाद उभर आये थे। लोजपा ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA से अलग होकर चुनाव लड़ा था। पार्टी एक ही सीट मिल पाई थी। इसके बाद पार्टी में खींचतान शुरू हो गई थी। लोजपा की संसदीय बोर्ड की 16 जून 2021 को बैठक में चिराग पासवान की जगह पशुपति कुमार पारस को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष चुन लिया गया था। इसके बाद से ही लोजपा पर कब्जे को लेकर चिराग और पशुपति कुमार पारस के बीच रस्साकशी जारी थी। दोनों गुट लोजपा पर अपने दावेदारी ठोक रहे थे। पांच एमपी के साथ एक गुट ने पारस को अध्यक्ष चुन लिया। यह लड़ाई चुनाव आयोग तक भी पहुंची थी, जिसने अब यह फैसला दिया है।