बिहार: गोपालगंज में लॉकडाउन का विरोध! किन्नरों का बवाल, सरकारी गाड़ी को किया क्षतिग्रस्त, जान बचाकर भागे अफसर
लॉकडाउन के खिलाफ गोपालगंज में सोमवार सुबह किन्नरों में जमकर उत्पात मचाया। किन्नरों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान नाच गाने पर प्रतिबंध लगने के कारण हमारे सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौके पहुंची जिला प्रशासन की टीम पर भी किन्नरों ने हमला पर दिया। किन्नरों के उग्र रूप को देखकर अफसर जान बचाकर भाग गये।
गोपालगंज।लॉकडाउन के खिलाफ गोपालगंज में सोमवार सुबह किन्नरों में जमकर उत्पात मचाया। किन्नरों का कहना था कि लॉकडाउन के दौरान नाच गाने पर प्रतिबंध लगने के कारण हमारे सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। मौके पहुंची जिला प्रशासन की टीम पर भी किन्नरों ने हमला पर दिया। किन्नरों के उग्र रूप को देखकर अफसर जान बचाकर भाग गये।
बताया जाता है कि गोपालगंज अम्बेडकर चौक पर सैकड़ों की संख्या में जुटे किन्नरों का दल प्रदर्शन व हंगामा कर रहा था। कुछ देर बाद किन्नरों का दल उग्र हो होकर रास्ते से गुजर रही गाड़ियों को अपना निशाना बनाने लगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंची जिला प्रशासन की गाड़ी को भी किन्नरों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान अफसर को बचाने पहुंचा सैप का एक जवान घायल हो गया। लोकल लोगों की मदद से घायल सैप जवान को हॉस्पीटल पहुंचाया गया।प्रदर्शन कर रहे किन्नरों का दल अम्बेडकर चौक से से जंगलिया मोड़ की ओर बढ़ने लगे। किन्नरों के उग्र रूप को देखकर सड़क पर सन्नाटा पसर गया। किन्नर प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट की ओर बढ़े। कलेक्ट्रेट गेट को बंद कर दिया गया। कलेक्ट्रेट गेट के बाहर की किन्नर धरने पर बैठ गये।
किन्नर समुदाय सरकार के नाच गाने पर प्रतिबंध के फैसले से नाराज हैं। आक्रोशित किन्नरों का कहना था कि शादियां हो रही हैं। शादी में बाकी सब हो रहा है, केवल नाच-गाना पर सरकार ने पाबंदी लगायी है। हम किन्नर महीनों से लग्न का इंतजार करते हैं ताकि दो रुपये कमा कर अपना पेट पाल सकें. पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ। उन्हें शादियों में नाचने का मौका नहीं मिला।विरोध कर रहे एक किन्नर ने कहा कि पिछले वर्ष तो जैसे-तैसे झेल गये. लेकिन इस वर्ष भी कोरोना वायरस आ गया और उनकी रोजी-रोटी बंद हो गयी। अब वे भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं। किन्नरों ने प्रशासन से आग्रह किया कि उन्हें शादियों में नाचने की अनुमति दी जाय। मौके पर पहुंचे एसडीओ के समझाने व आश्वासन दिये जाने के बाद किन्नरों का धरना समाप्त हुआ।