धनबाद: जज उत्तम आनंद की मौत मामले में सीबीआइ ने दाखिल की दूसरी चार्जशीट
सीबीआइ ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मौत के मामले में सोमवार को एक और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है।यह. मामला ऑटो चोरी से जुड़ा है। जज को इसी ऑटो से 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक के समीप टक्कर मार दी गयी थी। ऑटो एक दिन पहले पाथरडीह से चोरी किया गया था।
- ऑटो चाेरी कर जज उत्तम को जान-बूझकर मारी थी टक्कर
धनबाद। सीबीआइ ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की मौत के मामले में सोमवार को एक और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है।यह. मामला ऑटो चोरी से जुड़ा है। जज को इसी ऑटो से 28 जुलाई की सुबह रणधीर वर्मा चौक के समीप टक्कर मार दी गयी थी। ऑटो एक दिन पहले पाथरडीह से चोरी किया गया था।
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सीबीआइ एसडीजेएम अभिषेक श्रीवास्तव की कोर्ट में ऑटो चोरी मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में भी ऑटो ड्राइवर राहुल वर्मा व उसके सहयोगी लखन वर्मा ही आरोपी हैं। दोनों के खिलाफ टो चोरी करने एवं साक्ष्य छिपाने का आरोप है। जज उत्तम आनंद मर्डर मामले में सीबीआइ ने 20 अक्टूबर को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गयी थी। इसमें 83 लोगों को गवाह बनाया गया है। गवाहों व दस्तावेजों की सूची भी समर्पित की गयी है.
26 पेज की चार्जशीट
सीबीआइ ने 26 पेजकी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि दोनों आरोपितों ने एकमत होकर ऑटो चोरी की। ऑटो से जज को धक्का मारकर मर्डर किया। जान मारने की नीयत से जोरदार टक्कर मारी। साक्ष्य छिपाने की नीयत से ऑटो का नंबर प्लेट हटा दिया था। जज मर्डर मामले में सीबीआइ द्वारा दो अलग-अलग एफआइआर दर्ज की गयी थी। एक मामला ऑटो चोरी तथा दूसरा मोबाइल चोरी से संबंधित है। मोबाइल चोरी से संबंधित मामले में सीबीआइ अब तक दोनों आरोपितों को रिमांड पर नहीं ली है, जबकि ऑटो चोरी मामले में रिमांड पर लेकर दोनों से पूछताछ कर चुकी है। दोनों आरोपी फिलहाल धनबाद जेल में बंद हैं।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद घर से सुबह लगभग 5:00 बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया।
फ्लैश बैक
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी। सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी है।
जज को जानबूझकर धक्का मारा लेकिन अब तक साजिश का नहीं चला पता
सीबीआइ अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ चाार्जशीट दाखिल की कर चुकी है। हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मोनेटरिंग कर रही है। प्रत्येक सप्ताह सीबीआइ जांच की प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करती है। सीबीआइ की अब तक की जांच से हाई कोर्ट असंतुष्ट है। सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट में बताया गया है कि जज को जानबूझकर धक्का मारा गया था। हालांकि इसके पीछे साजिश का अभी तक पता नहीं चल सका है। अभी तक की सीबीआइ जांच से हाइकोर्ट असंतुष्ट है। सीूबीआइ को फटकार भी लगायी जा चुकी है।