Dhanbad: धनबाद में अफसरों पर भारी है पुलिस कांस्टेबल दीपक सिंह, हमेशा बॉडीगार्ड ही रहेगा !
कोयला राजधानी धनबाद का पुलिस का कांस्टेबल दीपक सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दीप क सिंह थाना ओपी व किसी जगह ड्यूटी नहीं करता है वह अपनी पहुंच के बल पर हमेशा बॉडीगार्ड बन जाता है। विवादास्पद पुलिस कांस्टेबल खुलेआम कहता है कि कोई कुछ कहे वह च्वाइस जगह पर बॉडीगार्ड रहेगा।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद का पुलिस का कांस्टेबल दीपक सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। दीपक सिंह थाना ओपी व किसी जगह ड्यूटी नहीं करता है वह अपनी पहुंच के बल पर हमेशा बॉडीगार्ड बन जाता है। विवादास्पद पुलिस कांस्टेबल खुलेआम कहता है कि कोई कुछ कहे वह च्वाइस जगह पर बॉडीगार्ड रहेगा।
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धनबाद जिला बल का कांस्टेबल दीपक सिंह कतरास के तत्कालीन थाना प्रभारी का बॉडीगार्ड था। शिकायत मिलने पर पुलिस कप्तान ने जनवरी में दीप को लाइन क्लोज कर दिया था। पुलिस लाइन से दीपक की पोस्टिंग सिंदरी सैट में की गयी थी। दो माह के अंदर ही दीपक फिर सैट से लौट कर बॉडीगार्ड बन गया है। सैट से लौट गया है। वह फिर अपनी च्वाइस पोस्टिंग पर बॉडीगार्ड बना है। जिला पुलिस महकमे में फिर दीपक की चलती की चर्चा होने लगी है।
आरोप है कि दीपक के पास तीन-तीन मोबाइल है। मोबाइल में इलिगल कोल कारोबार से जुड़े लोगों के नंबर रहते हैं। दीपक के खिलाफ अगर गहराई से जांच की जाए तो कई लोगों के पोल खुल सकते हैं। बड़ी संपत्ति अर्जित की है। दीपक के खिलाफ जल्द ही डीजीपी व एसीबी समेत अन्य जगहों पर लिखित कंपलेन की जायेगी।
पुलिस कांस्टेबल दीपक सिंह पर कतरास में थानेदार के बॉडीगार्ड रहने के दौरान इलिगल कोल कारोबार को संरक्षण देने व वसूली का आरोप लग रहा था। जिला पुलिस मुख्यालत कर रिपोर्ट पहुंचने के बाद उसे लाइन क्लोज किया गया था। अब फिर वह अपनी सेटिंग-गेटिंग के बल पर सैट से बाडीगार्ड बन गया है। वह अपनी बादशाहत दिखा दिया है। अब उसके साथी परेशान हैं, कहते हैं काश मेरा भी दीपक जल जाता।
दीपक पहले बैंक मोड़ सर्किल इंस्पेक्टर का बॉडीगार्ड रहा था। इस दौरान दीपक के खिलाफ कंपलेन किये गये थे। तत्कालीन रुरल एसपी सह वर्तमान एसएसपी ने कांस्टेबल दीपक को पुलिस पिकेट भेज दिया था। रुरल एसपी के ट्रांसफर के बाद दीपक फिर वापस लौट गया। बैंक मोड़ सर्किल इंस्पेक्टर का बॉडीगार्ड बन गया। दीपक धनबाद थानेदार का बॉडीगार्ड रहने के दौरान भी विवादास्पद हुआ था। करतास में दीपक के खिलाफ आरोप लगा था कि पुलिस हेडक्वार्टर तक कंपलेन पहुंची थी। लेकिन विवादास्पद इंस्पेक्टर की पैरवी से वह बचने में सफल रहा। सीनीयर अफसर उसे क्लोज कर दूसरे जगह डिपुट करते हैं लेकिन वह चंद दिनों में ही लौट जाता है। बगैर बॉडीगार्ड बने वह नहीं रह सकता है।